मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को विभिन्न मदों के तहत प्रदान की जाती है वित्तीय सहायता : उपायुक्त अजय सिंह तोमर
उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को मत्स्य पालन के लिए विभिन्न मदों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे स्वरोजगार शुरू करके आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को विभिन्न मदों में अनुदान राशि प्रदान की जाती है। अधिसूचित जल की नीलामी राशि पर वित्तीय सहायता के रूप में चार लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ वास्तविक नीलामी की राशि का 25 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि मत्स्य बीज, खाद व दवाइयों पर अनुदान के रूप में लाभार्थी को डेढ़ लाख रुपये, एक हेक्टेयर खर्च में 60 प्रतिशत की दर से धनराशि 90 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान प्रदान किया जाएगा।
जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि मछली पकडऩे के जाल की खरीद पर अनुदान के रूप में धनराशि 15 हजार रुपये के मछली जाल खरीद पर 50 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अनुदान की अधिकतम सीमा 7500 रुपये होगी। मछली मंडी में थोक एवं खुदरा मछली दुकान किराए पर अनुदान सहायता के तहत लाभार्थी को थोक मछली दुकान के लिए 50 प्रतिशत की दर से पांच हजार रुपये प्रतिमाह एवं वास्तविक किराए का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने मत्स्य पालकों से विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं लाभ उठाने का आह्वान किया है।