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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि का अनुमोदन : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 17 सितंबर।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मछली पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार : उपायुक्त बिढ़ाण


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2020-21 में विभिन्न मदों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि खर्च करने का अनुमोदन किया गया है। योजना के तहत जिला में नए रिमरिंग तालाब, नए ग्रोआउट तालाब बनाना, खाद्य खुराक, बड़ा व मध्यम आरएएस लगाना, बॉयोफ्लॉक सिस्टम बनाना, थ्री व्हीलर विद आइस बॉक्स, मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स व साइकिल विद बॉक्स बनाना शामिल है।

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                    उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि का अनुमोदन बना कर मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजा गया है। मंजूरी के बाद योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिये मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन करने वालों को 40 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति व महिलाओं को मछली पालन के लिए 60 प्रतिशत तथा सामान्य जाति के आवेदकों को 40 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ मत्स्य पालकों की आमदनी को भी दोगुना करना है।


खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन व्यवसाय आमदनी बढ़ाने में कारगर : उपायुक्त बिढ़ान


                    उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि मत्स्य पालन को अपनाकर न केवल लोग अपने आपको आर्थिक रूप से सुदृढ बना रहे हैं, बल्कि पंचायतों को भी इससे राजस्व प्राप्त हो रहा है। किसानोंं को मत्स्य पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्ïेश्य से नीली क्रांति योजना के तहत अनेक लाभकारी अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा को मत्स्य पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं क्रियांवित की गई है। जिससे किसानों व बेरोजगार युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर मिलते हैं बल्कि आर्थिक रुप से भी सुदृढ होते हैं। विभाग द्वारा तालाबों की पट्टïे की धनराशि पर 50 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अधिकतम या पट्टïा राशि का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा जाल खरीदने पर अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति पर 50 प्रतिशत, मछली बेचने की थोक व अन्य दुकानों के किराये भी विभाग द्वारा 50 प्रतिशत राशि विभाग द्वारा वहन की जाती है।

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जलीय कृषि प्रणाली (आरएएस) है मछली पालन का अनोखा तरीका


                    जलीय कृषि प्रणाली में पानी का पुन: उपयोग (आरएएस) मछली पालन के लिए एक नया और अनोखा तरीका है, खुले तालाबों और बहते हुए पानी में मछली पालने की पारंपरिक पद्धति के बजाय, यह प्रणाली नियंत्रित वातावरण के साथ इनडोर टैंकों में उच्च घनत्व पर मछली का पालन करती है इस जलीय कृषि प्रणाली में मछली पालन टैंकों के माध्यम से पुनर्चक्रण के लिए पानी को फिल्टर और साफ किया जाता है, इस जलीय कृषि प्रणाली में मूल रूप से उत्पादन में पानी का पुन: उपयोग करके मछली या अन्य जलीय जीवों की खेती के लिए एक तकनीक है प्रौद्योगिकी यांत्रिक और जैविक फिल्टर के उपयोग पर आधारित है।



                    जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना के माध्यम से किसानों, मछली पालकों व जरुरतमंद बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ-साथ मछली पालन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत जिला में नए तालाब बनाने, आरएएस सिस्टम लगाने के अलावा जिला में मछली बिक्री के लिए युवाओं को थ्री व्हीलर, मोटर साइकिल व साइकिल प्रदान की जाएगी जिसमें आइस बॉक्स लगे होंगे। ये लोग गली-गली में जाकर मछली बिक्री कर सकेंगे।