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डाॅ0 आर0 एस0 सोलंकी, अतिरिक्त निदेशक(सांख्यिकी) हरियाणा ने की जिला किसान कल्ब की मासिक बैठक की अध्यक्षता

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पंचकूला, 16 मार्च- डाॅ0 आर0 एस0 सोलंकी, अतिरिक्त निदेशक(सांख्यिकी) हरियाणा की अध्यक्षता में जिला सचिवालय में जिला किसान कल्ब की मासिक बठैक सम्पन्न हुई।


इस अवसर पर उन्होंने ने कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों के बारे में विस्तारपूर्वक  जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती अपनाने पर बल दिया, जो कि किसानों व मृदा स्वास्थ्य के लाभ के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्राकृतिक खेती के दूरगामी परिणाम होंगे।  


श्री जय प्रकाश, विषय विशेषज्ञ ने कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं जैसे “मेरी फसल मेरा ब्यौरा”, “मेरा पानी मेरी विरासत”, “प्रकृतिक खेती” बारे विस्तार से बताया। उन्होंने हरी खाद के रूप में ढैंचे के प्रयोग तथा दलहनी फसलों से भूमि की उर्वरकता शक्ति पर पडने वाले प्रभावों के बारे में बताते हुए उपस्थित किसान सदस्यों को इन्हें अपनाने पर बल दिया गया।


श्री राहुल बरकोदिया, सहायक मृदा संरक्षण अधिकारी, पंचकूला ने मृदा परीक्षण के लाभ तथा मृदा नमूना लेने की विधि बारे बताते हुए किसानों को आहवान किया कि हर किसान को अपने खेत की भूमि का परीक्षण कराना चाहिए ताकि किसानों को अपने खेत के मृदा स्वास्थय बारे जानकारी उपलब्ध हो सके तथा उसी के आधार पर विभिन्न फसलों में कृषि सामग्री का समुचित प्रयोग करते हुए अत्यधिक खर्चों से बचा जा सके।


श्री राजन खोरा, जिला मत्स्य अधिकारी, मत्स्य विभाग, पंचकूला ने मछली पालन कार्यों से होने वाले लाभों के बारे में  बताते हुए अनुरोध किया कि ग्राम पंचायतों, किसान समुहों, स्वयं सहायता समूहों और  किसान द्वारा मछली पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहिए, जो कि आय के अच्छे स्त्रोत के साथ-2 भूमि की उपजाऊ शक्ति बढाने व भूमि जल-स्तर को बढाने में भी सहायक है।


किसान सदस्यों के पूछने पर नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग के उपस्थित प्रतिनिधि ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अंतर्गत किसानों को 3 एच0 पी0 से 10 एच0 पी0 क्षमता के सोलर पम्प पर 75 प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना है।


फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम पर चर्चा के दौरान डा0 सुरेन्द्र सिंह, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंचकूला द्वारा अवगत कराया गया है कि जो किसान फसल अवशेषों जैसे पराली व फाने को खेत में ना जला कर इनका अन्य विधियों (इन-सीटू/एक्स-सीटू) से प्रबंधन करते है विभाग द्वारा उन किसानों को 1000 रूपया प्रति एकड की दर से अनुदान राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने किसान क्लब के उपस्थित सदस्यों को आहवान किया कि उक्त स्कीम के साथ-साथ कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न किसान हितेषी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

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