*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर वीना सिंह की अध्यक्षता में टीबी रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया का किया शुभारंभ

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पंचकूला, 13 मई- अतिरिक्त पोषण, सोशल, मोरल सपोर्ट व टीबी मुक्त भारत के लिए आज डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर वीना सिंह की अध्यक्षता में टीबी रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया। कम्युनिटी सपोर्ट प्रक्रिया के अंतर्गत गोद लिए बच्चों को सपोर्ट डाइट से लेकर भावात्मक व अन्य जरूरतों के लिए भी सहयोग प्रदान किया जाएगा। गोद लेने का समय मरीज के इलाज खत्म होने व 1 वर्ष तक रहेगा  एक माह का सपोर्टिव डाइट का खर्च 300 से 500 रुपए रहेगा।

स्वास्थ्य विभाग हरियाणा की महानिदेशक डॉ विना सिंह ने  बताया कि इसकी शुरुआत आज राज्य स्तर से हो रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि  स्वास्थ्य विभाग के निदेशक व उप निदेशक,  मेडिकल ऑफिसर व अन्य कर्मचारी इस सपोर्ट के लिए आगे आए हैं और आज 19टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस गोद लेने की प्रक्रिया से मरीजों के प्रति भेदभाव की भावना भी खत्म होगी तथा इन्हें परिवार व समाज की हीन भावना नहीं प्यार वह अपनापन मिलेगा।

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश राजू ने बताया कि जिले स्तर पर भी यह कार्यक्रम चलाया जाएगा और राज्य सरकार के मंत्रियों और सांसदों के अलावा कॉरपोरेट सेक्टर और एनजीओ आदि भी इन मरीजों को गोद ले सकते हैं और कम्युनिटी सपोर्ट प्रदान करके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के  2025 तक टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने  में अपना सहयोग दे सकते हैं।

कार्यक्रम  में डॉक्टर दहिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के लागू होने से एनडीईपी के अतिरिक्त अन्य संगठनों की भागीदारी बढ़ेगी और टीबी की जानकारी जन-जन तक पहुंचेगी, भेदभाव कम होगा, पोषण बेहतर होगा और इलाज खत्म होने पर परिणाम भी बेहतर मिलेंगे तथा मरीजों व परिवारों का खर्च भी कम होगा।

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इस अवसर पर डीएचएस डॉक्टर जेएस पुनिया, डॉक्टर दहिया, डॉ ज्योति कौशल, डॉक्टर अनिल वर्मा, डॉक्टर सुषमा, डॉक्टर वर्षा, डॉक्टर श्यामली, डॉक्टर परमिंदर, दिलबाग सिंह, डॉक्टर रीटा कालरा, सरिता नरयाल, आईईसी ऑफिसर व राज्य टीबी सेल हरियाणा के कर्मचारी भी उपस्थित थे।