*संस्थान के इन दिव्यांगों में हर कला विद्यमान, सहयोग से हो सकते हैं पूर्ण - हरविंदर कल्याण*

जिला पंचकूला के सिविल सर्जन डाॅ0 जसजीत कौर ने बताया कि विष अधिनियम 1919 के तहत विष स्वामित्व तथा विक्रय हेतू सरकार से सहमति प्राप्त करने के लिए कुछ नियम बनाये गये है जिनके तहत ऐसे केन्द्रों को अनुमति लेनी अनिवार्य है।

पंचकुला, 28 फरवरी- जिला पंचकूला के सिविल सर्जन डाॅ0 जसजीत कौर ने बताया कि विष अधिनियम 1919 के तहत विष स्वामित्व तथा विक्रय हेतू सरकार से सहमति प्राप्त करने के लिए कुछ नियम बनाये गये है जिनके तहत ऐसे केन्द्रों को अनुमति लेनी अनिवार्य है।


जिला सिविल सर्जन ने बताया कि ऐसोटिक ऐसिड, ऐसीटिक एनहाईडराईड, सल्फयूरिक ऐसिड, हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड, फास्फोरियक ऐसिड, परक्लोरिक ऐसिड, फोरमिक ऐसिड, हाइड्रोश्यानिक ऐसिड, नाईट्रिक ऐसिड, आक्सेलिक ऐसिड, मरकरी का परक्लोराइड, पोटासियम हाइड्रोक्साईड, हाइड्रोजन पैराक्साइड, फिनोल, सोडियम हाइपोक्लाराइट सोलूसन ऐसिड होते है। इनमें निर्धारित प्रतिशत भार से कम पदार्थो को विक्रेता अपनी दुकान में रखते है। उनके लिए 31 मार्च तक लाईसैंस लेनी अनिवार्य की गई है।


उन्होंने बताया कि जो भी विक्रेता इस प्रकार के पदार्थ अपनी दुकान या स्टोर में रखते है वे सभी जल्द से जल्द सिविल सर्जन कार्यालय मेें अपने लाईसैंस के लिए जरूरी दस्तावेज सहित आवेदन करें और निर्धारित फीस सिविल सर्जन कार्यालय के राजकोष में जमा करवाए। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2020 के बाद किसी भी फर्म या विक्रेता का बिना लाईसैंस के मिलने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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