*Chandigarh nears historic milestone: Final Legacy Waste dump at Dadumajra to vanish, paving way for India’s first Zero-Landfill city*

जिला नगर योजनाकार कार्यालय ने अगस्त और सितंबर में पेरीफेरी नियंत्रित क्षेत्र पिंजौर-कालका और बरवाला में अवैध निर्माण के खिलाफ की बड़ी कार्यवाही

– कार्यवाही के दौरान 38 डीपीसी, 7 दुकानों व 2 भवनों को  किया गया सील व ध्वस्त-जिला नगर योजनाकार प्रियम भारद्वाज
– बिना किसी सरकारी अनुमति के अवैध निर्माण कार्य विकसित करने वाले  भू-मालिकों, प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ की जायेगी सख्त कानूनी कार्यवाही-प्रियम भारद्वाज

पंचकूला, 27 सितंबर- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह के निर्देशानुसार जिला नगर योजनाकार कार्यालय द्वारा अगस्त और सितंबर माह में पेरीफेरी नियंत्रित क्षेत्र पिंजौर-कालका और बरवाला में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 38 डीपीसी, 7 दुकानों व 2 भवनों को सील व ध्वस्त किया गया। इसके अलावा अवैध रूप से निर्मित व निर्माणाधीन अन्य भवनों व ढांचों को गिराया तथा सील किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला नगर योजनाकार श्रीमती प्रियम भारद्वाज ने बताया कि यह कार्यवाही उनकी देख-रेख में पुलिस विभाग के सहयोग से की गई। उन्होंने बताया कि तोड़-फोड़ की कार्यवाही के दौरान होने वाले विरोध को शांतिपूर्वक ढंग से रोकने व तोड़-फोड़ की कार्यवाही को सुचारू रूप से पूर्ण करने के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है।


अगस्त व सितंबर माह में अवैध निर्माण के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण देते हुए श्रीमती प्रियम भारद्वाज ने बताया कि पेरीफेरी नियंत्रित क्षेत्र पिंजौर में कार्यवाही करते हुए नगर योजनाकार विभाग द्वारा 10 डीपीसी, 3 अस्थाई ढांचे, 4 ढांचों (दो दुकानें, 1 होटल व 1 क्लब) को सील किया गया। इसीके अलावा नियंत्रित क्षेत्र बरवाला में 13 डीपीसी और 1 ढांचे को ध्वस्त किया गया।


उन्होंने बताया कि पेरीफेरी नियंत्रित क्षेत्र पिंजौर-कालका के गांव सीतो माजरा, मढांवाला, करनपुर, गरीड़ां में कार्यवाही करते हुए दो कालोनियों में 8 डीपीसी, 1 बाउंड्री वाॅल व 1 अस्थाई शेड को गिराया गया। इसी प्रकार से गांव बनोई खुदाबक्श में 1 शोरूम व 4 दुकानों को ध्वस्त किया गया। उन्होंने बताया कि इसी क्षेत्र में गांव मंधाना (भोज मटोर) में दो व्यवसायिक ढांचे व 1 निर्माणाधीन भवन को गिराया गया। इसके अलावा गांव सीतोमाजरा, झोलूवाल में 7 डीपीसी, 1 बाउंड्री वाॅल व एक निर्माणाधीन भवन को ध्वस्त किया गया तथा 1 दुकान को सील किया गया।


श्रीमती प्रियम भारद्वाज ने बताया कि नियंत्रित क्षेत्र तथा अर्बन एरिया में कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए विभाग की पूर्व अनुमति लेनी आवश्यक है। कोई भी अवैध निर्माण करने से पहले निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग, हरियाणा, चंडीगढ़ द्वारा विभागीय अनुमति लेना आवश्यक है।


उन्होंने बताया कि उपरोक्त अवैध निर्माण भू-मालिकों द्वारा पॉपर्टी डीलरों के साथ मिलकर बिना किसी सरकारी अनुमति के विकसित किया जा रहा था। ऐसे भू-मालिकों, प्रॉपर्टी डीलरों तथा अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अर्बन एरिया एक्ट-1975, पैरिफेरी नियंत्रित क्षेत्र- 1952 तथा नियंत्रित क्षेत्र 1963 के तहत विभाग सख्त कानूनी कार्यवाही की जायगी तथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज भी करवाई जायेगी, जिसमें तीन साल कारावास तथा जुर्माने का प्रावधान है।


उन्होंने कहा कि विभाग से सी.एल.यु की अनुमति लिए बिना किसी भी प्रकार के छोटे या बड़े निर्माण न करें, ताकि लोगों की कड़ी मेहनत का पैसा बर्बाद न हो और अनाधिकृत अवैध निर्माणों पर रोक लग सके।