*MC Chandigarh conducts anti-polythene raid in sector 26 Grain Market; 250 kg Single-Use Plastic seized*

घर से निकलने वाले गंदे पानी जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, अब उससे बिजली बन सकेगी

आपके घर से निकलने वाले गंदे पानी जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, अब उससे बिजली बन सकेगी। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के विद्यार्थियों ने प्रोजेक्ट तैयार किया है।

विश्वविद्यालय के तकनीकी वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों ने यूरीन के बैक्टिरिया को जीवाणुभोजी जीव द्वारा मारने पर भी प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया है।

डीसीआरयूएसटी में टेक्नोवा के दूसरे दिन संकल्प शर्मा, रविकांत व विशाल कुमार ने सीवरेज के गंदे पानी पर अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया।

उन्होंने अपने प्रोजेक्ट में दिखाया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जल शोधन के बाद पानी के प्रवाह से टरबाइन चलाकर, उससे बिजली पैदा की जा सकती है।

विद्यार्थियों ने एक छोटे से प्रोजेक्ट में सीवरेज के पानी से बिजली पैदा करके दिखाई। इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यक्ता की बिजली के साथ साथ आस पास के कुछ क्षेत्र के लिए भी बिजली पैदा की जा सकती है।

बिजली पैदा करने के बाद पानी का प्रयोग कृषि में किया जा सकता है। सीवरेज के पानी से अलग किए गए गंद से खाद भी बनाया जा सकता है।

जैव प्रौद्योगिकी की शोधार्थी परवीन कौर सिद्धू, शिखा मलिक, रेनु व जगदीश ने बताया कि जीवन में महिलाओं को यूरिन इनफेक्शन जरूर होता है।

यूरिन इनफेक्शन बैक्टीरिया के कारण होता है। लेकिन जीवाणु भोजी जीव ऐसे होते हैं जो कि यूरिन में रहने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं।

इसके साथ साथ बैक्टीरिया से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के ईलाज करने में भी सक्षम है।

टेक्नोवा में दूसरे दिन रोबो दंगल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रोबोट के मध्य दंगल हुआ।

विद्यार्थियों ने दंगल के लिए अपने अलग अलग प्रकार के रोबोट बना रखे थे।

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