आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में वन क्षेत्र बढाने के लिए पायलट प्रोजैक्ट के आधार पर 51 गांवों में कोविड वाटिका स्थापित की जाएगी

पंचकूला 18 अगस्त- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में वन क्षेत्र बढाने के लिए पायलट प्रोजैक्ट के आधार पर 51 गांवों में कोविड वाटिका स्थापित की जाएगी जिसके माध्यम के तहत अधिकांश गांवों में पौधारोपण अभियान चलाया गया है। इस अभियान के दौरान जिला में लगभग 7 लाख पौधे लगाए जाएगें।

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उपायुक्त ने बताया कि जिला में तीन वर्षों में वन एवं वृक्षों के तहत क्षेत्र को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर जिला के इन गांवों में ‘कोविड वाटिका’ के माध्यम से गांवों के स्कूल, सार्वजनिक स्थल, पंचायती खाली भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के वन महोत्सव के दौरान जिला में 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यून के निर्देशानुसार जिला में नदी परियोजनाओं को लक्षित करते हुए प्रदेश में वनों के अधीन क्षेत्र को बढ़ाने का भी विजन शुरू किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से शहरी क्षेत्र में नगर वन स्थापित करना, स्कूल नर्सरी स्कीम, 20-सूत्रीय कार्यक्रम के तहत पौधारोपण, नदियों का वनों के माध्यम से संरक्षण, मृदा नमी संरक्षण के लिए लिडार टैक्नोलोजी का उपयोग तथा किसानों को लकड़ी बचाने के लिए राष्ट्रीय ट्रांजिट परमिट शामिल हैं।

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उपायुक्त ने बताया कि नदी संरक्षण के तहत घग्गर नदी के किनारों पर भी पौधे लगाए जाएंगे जिनमें विशेषकर मोरनी हिल्स, पंचकूला को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल नर्सरी कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को पौधारोपण कर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करने की योजना के तहत ऐप लॉच किया गया है, जिस पर विद्यार्थी पौधे के साथ अपनी फोटो अपलोड कर सकता है। इसके हर 6 महीने के बाद उसको प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।


श्री आहूजा ने बताया कि पर्यावरण को बनाए रखने के लिए गिद्धों की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए भारत का पहला ‘गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र’ पंचकूला के पिंजौर में स्थापित किया गया है। इसी प्रकार मोरनी स्थित ‘फिजैंट प्रजनन केन्द्र’ में लाल जंगली मुर्गा प्रजाति का सफलापूर्वक प्रजनन करवाया जा रहा है।