*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार अब किसानों के लिए मनरेगा में एक और नई लाभदायक योजना लेकर आई है

पंचकूला 10 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार अब किसानों के लिए मनरेगा में एक और नई लाभदायक योजना लेकर आई है, इससे जहां फसलों के उत्पादन में प्रयोग किए जाने वाले उनके रासायनिक खाद का खर्च कम होगा वहीं आर्गेनिक अनाज की पैदावार होने से जिला के लोगों में कोविड-19 जैसी महामारी से लडने की क्षमता भी अधिक विकसित होगी।

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उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत देशी खाद बनाने के लिए जमीन में जो गड्डे खोदे जाते हैं वे मनरेगा के तहत फ्री में खोदे जाएगें। इससे जहां मजदूरों को उनका मेहनताना मिलेगा, वहीं किसानों को मुफ्त में देशी खाद उपलब्ध होगी जिसका प्रयोग वे अपनी जोत भूमि में कर सकेंगे। इस प्रकार किसानों की भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, साथ ही, गांव गांव में स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा।


उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत गांवों में देशी खाद के लिए गांवों के घेर, खाली स्थान, सडक किनारे, खेत आदि स्थानों पर गड्ढे खोदे जाएंगे। इन गड्ढे में किसान अपने पशुओं का गोबर व घर का कूड़ा-कर्कट डालेगें, जो बाद में जैविक खाद बन जाएगा। यह खाद फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर सिद्व होगी।

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उपायुक्त ने बताया कि आजकल किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे लगातार भूमि के पोषक तत्त्व समाप्त हो रहे हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति केवल जैविक खाद से ही बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि गांव के लोग साफ-सफाई करके कुड़ा-कर्कट का ढ़ेर गांव के बाहर लगा देते हैं। इससे जहां गंदगी फैलती है वहीं सडक पर कूड़ा बिखरा होने से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।


उन्होंने बताया कि लोगों की मांग के अनुसार मनरेगा योजना के तहत छोटे, मध्यम व बड़े साइज के गड्डे खोदे जाएंगे जिनका उपयोग व्यक्तिगत, डेयरी अथवा गौशाला के लिए तैयार किया जा सकेगा। इन गड्डों में जहां गांव के लोग अपने पशुओं का गोबर डाल सकेंगे वहीं आस-पास की सफाई करके उसमें गलने वाला कुड़ा-कर्कट भी डाला जा सकेगा।


उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीणों को वैज्ञानिक ढ़ंग से जैविक खाद बनाने का तरीका भी समझाया जाएगा ताकि वे अच्छे से खाद बना सकें। उन्होंने बताया कि इस जैविक खाद से न केवल फसल जल्द विकसित होगी, बल्कि फसल की जड़ों को आयरन भी भरपूर मात्रा में मिलेगा। यह पौधे की जड़ों को नाइट्रोजन व कैल्शियम प्रदान करने में भी काफी मदद करता है।