असंगठित क्षेत्र के कामगारों का जल्द बनेगा पेंशन कार्ड
नई दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन के ऐलान के बाद से वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने मिलकर योजना की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है।
सूत्रों के जरिए मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सरकार इन कामगारों के लिए एक पेंशन रजिस्ट्रेशन नंबर वाला कार्ड जारी कर सकती है। इसके जरिये न सिर्फ उनके पेंशन का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, बल्कि दूसरी उस कैटेगरी की दूसरी सुविधाएं जैसे स्वाथ्य बीमा जैसी चीजें भी मिल जाया करेंगी।
मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेंशन योजना का फायदा लेने वाले व्यक्ति के पास एक बैंक अकाउंट होना जरूरी होगा। साथ ही उस बैंक अकाउंट का पिछले 3 महीने का स्टेटमेंट भी देना होगा। पेंशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का जिम्मा लाइफ इंश्योरेंश कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कंधों पर डालने की योजना है। हालांकि देशभर में एक साथ इस योजना लागू करने के दौरान शुरुआती दिनों में सभी बैंक शाखाओं और पोस्ट पेमेंट बैंक के काउंटर्स की भी मदद ली जा सकती है।
योजना का फायदा कोई अपात्र व्यक्ति न उठा ले इसके लिए भी सरकार बाकायदा व्यवस्था बना रही है। कामगार के जरिये सेल्फ डिक्लेरेशन में दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर उसका अकाउंट तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफधोखाधड़ी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अकाउंट में दोहरीकरण से रोकने और सुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाने के मकसद से उस अकाउंट को आधार से भी जोड़ा जाएगा। इसी अकाउंट में व्यक्ति अपना योगदान देगा और उसी अनुपात में सरकार का भी योगदान रहेगा। स्कीम के अनुसार 18 वर्ष के कामगार को 55 रुपये महीने और 29 साल के व्यक्ति को 100 रुपये महीने की राशि जमा करनी होगी। इतनी ही राशि उसके खाते में सरकार की तरफ से आएगी। व्यक्ति के 60 साल के होने के बाद 3000 रुपये मासिक पेशन मिलेगी। बाकी उम्र के लोगों के लिए उसी अनुपात में रकम घट या बढ़ सकती है।
हालांकि अभी इस योजना में अभी मंथन का दौर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सरकार अभी इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है कि यदि व्यक्ति कुछ महीने अपना योगदान देने की स्थिति में नहीं रहता है तो उसकी पेंशन का क्या होगा और अकाउंट किन हालातों में चालू रखा जा सकेगा। रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, घर बनाने वाले मजदूर, कूड़ा बिनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार जैसे अनेक कामों में लगे हुए लोगों को इसका फायदा दिया जाएगा।
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