*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

अब हरियाणा के किसान भी बन सकते हैं बिजली उत्पादक

प्रधान मंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान योजना‘ के अंर्तगत किसान अपनी भूमि पर लगा सकते हैं सौर उर्जा प्लांट

पंचकूला 14 जनवरी हरियाणा के किसान बिजली के 33 केवी सब-स्टेशनों के साथ लगती बंजर अथवा कम उपज वाली जमीन पर ‘प्रधान मंत्री किसान उर्जा सुरक्ष एवं उत्थान महा-अभियान योजना‘ (कुसुम योजना) के अंर्तगत सौर उर्जा प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं और ग्रिड को स्पलाई कर सकेंगे। ऐसे में किसानों को बिजली की अच्छी सुविधा के साथ साथ आमदनी में भी बड़ोतरी होगी। हरियाणा के दोनों बिजली वितरण निगमों (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा इस योजना में शामिल होकर सौर उर्जा प्लांट के लिए आॅनलाईन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

33 केवी सब-स्टेशनों के पांच किलोमीटर के दायरे में भूमि पर लगेंगे 500 किलोवाट से 2 मैगावाट के सोलर प्लांट


गौरतलब है कि ‘किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना‘ भारत सरकार द्वारा किसानों के कल्याण को मुख्य रखते हुए 2019 में शुरु की गई है। इसके अंर्तगत 500 किलोवाट से लेकर 2 मैगावाट के सोलर व अन्य नवीकरणीय उर्जा के प्लांट लगाए जाएंगे।

किसानों के साथ साथ ग्राम पंचायत, किसान संगठन व डेवलपर भी ले सकते हैं योजना का लाभ


यह जानकारी देते हुए निगम के प्रवक्ता ने बताया कि योजना मंे शामिल होने के लिए नोटीफाईड 33 केवी सब-स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में भूमि होना आवश्यक है। एक मैगावाॅट क्षमता वाला सौर उर्जा प्लांट लगाने के लिए 4 एकड़ भूमि की अनिवार्य है। जो किसान सोलर प्लांट पर निवेश न करके सिर्फ अपनी भूमि सोलर प्लांट के लिए लीज पर देना चाहते हैं, वे 30 जनवरी, 2020 तक निगमों के वैब पोर्टल पर आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। वहीं, जो किसान, पंचायत, संगठन, डेवलेपर व अन्य निवेशक अपनी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं, वे 10 फरवरी तक आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं।

भूमि लीज पर देने के लिए 30 जनवरी व प्लांट लगाने के लिए 10 फरवरी तक कर सकते हैं आॅनलाईन आवेदन


उन्होंने आगे बताया कि इस योजना से किसानों की बंजर भूमि को उपयोगी बनाए जाने के साथ साथ किसानों को आर्थिक सक्षम होने में भी सहायता मिलेगी और साथ ही बड़े स्तर पर नवीकरणीय रुप में सौर उर्जा से बिजली का उत्पादन होगा, जिससे कि थर्मल में बिजली उत्पादन में कमीं आएगी और प्रदूशण भी कम होगा। दोनों बिजली वितरण निगम प्रदेश के किसानों, पंचायतों, संगठनों व डेवलेपरों से आग्रह करते हैं कि इस योजना को अपनाएं व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।

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