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हरियाणा राज्य के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना पर सत्यापन कार्यशाला का किया आयोजन

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पंचकूला, 19 सितंबर- राज्य नामित एजेंसी (एसडीए), हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा), ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से और मैसर्स द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया की सहायता से ( एसोचैम) द्वारा सेक्टर 1 स्थित रेड बिशप में हरियाणा राज्य के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना (एसईईएपी) पर सत्यापन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

हरेडा के अध्यक्ष श्री स्वतंत्र कुमार सिंगल ने अपने संबोधन में कहा कि ऊर्जा दक्षता पर कार्य योजना मुख्य रूप से कार्बन उत्सर्जन में कमी और ऊर्जा दक्षता के उपायों पर प्रकाश डालेगी। उन्होंने सुझाव आमंत्रित करने के लिए कार्य योजना को सार्वजनिक डोमेन में डालने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री एस. नारायणन, महानिदेशक, हरेडा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि हरियाणा राज्य में ऊर्जा दक्षता में अपार संभावनाएं हैं और इसका उपयोग भवन, एमएसएमई, कृषि परिवहन आदि विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।

श्री मिलिंद देवरे, सचिव, बीईई, भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाए जाने वाले उपायों को साझा किया। उन्होंने कई क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के महत्व और कई राज्यों के बीच ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की पहल के बारे में भी जानकारी दी।
एसोचैम के जोनल लीडर (एसईईएपी) डॉ. बलकार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और कार्य योजना के विकास में उनके समर्थन और समन्वय के लिए विभागों का आभार व्यक्त किया।
श्री कुशाग्र जुनेजा, प्रोजेक्ट लीडर, एसोचैम और श्री. मोहित त्रिपाठी परियोजना प्रबंधक, एसोचैम ने भवन, उद्योग, परिवहन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता की संभावना पर प्रकाश डालते हुए हरियाणा के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में सभी महानुभावों ने इस कार्यशाला में एक्शन प्लान का शुभारंभ किया और सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि वे इस कार्य योजना को पूरे हरियाणा में अपने-अपने विभाग में लागू करें।

उन्होंने कार्ययोजना के विस्तृत मसौदे पर प्रकाश डाला जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन नीति, इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम, वाहनों में ईंधन दक्षता के लिए टायरों के मानक और लेबलिंग कार्यक्रम को बढ़ावा देना, ईसीबीसी और ईएनएस कोड का प्रभावी कार्यान्वयन और अकुशल उपकरणों के लिए प्रतिस्थापन कार्यक्रम, बीईई स्टार रेटिंग और इमारतों की शून्य रेटिंग, पीएटी योजना को गहरा और चैड़ा करना, एमएसएमई में ऊर्जा दक्षता, डीजल पंपों का सौर ऊर्जा संचालित पंपों में परिवर्तन और ऊर्जा दक्षता की दिशा में व्यवहारिक परिवर्तन शामिल हैं। प्रतिभागियों/हितधारकों द्वारा हरियाणा राज्य के लिए तैयार की गई राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई।

एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक श्री रविंदर चांदला ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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