हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन ने अंतर्राष्ट्रीय तपेदिक दिवस पर गांव भोरिया में टीबी जागरूकता शिविर में मुख्यातिथि के रूप में करी शिरकत
-ग्रामीणों को टीबी को जड से उखाड फेकने का किया आह्वान-रेणू भाटिया
-महिलाओं को स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की जरूरत
-महिला आयोग समाज के हर स्तर पर महिलाओं के अधिकारों की कर रहा है रक्षा-भाटिया
पंचकूला, 26 मार्च- हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने आज अंतर्राष्ट्रीय तपेदिक दिवस पर गांव भोरिया के हैल्थ वेलनेस सेंटर में टीबी जागरूकता शिविर में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने ग्रामीणों को टीबी को जड से उखाड फेकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि महिलाएं घर सवारने के साथ साथ अपने स्वास्थ्य को भी गंभीर होकर रूटिन चैकअप जरूर करवाएं ताकि समय पर किसी भी बीमारी का पता लग सके और उसका समय पर इलाज लिया जा सके। इस अवसर पर श्रीमती भाटिया ने ग्रामीणों से स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में व आयुषमान कार्ड कितने लोगों के बने है, विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने आशा व आंगनवाॅडी वर्कर्स को निर्देश दिए कि वे भोरिया के ग्रीमाणों के आयुषमान कार्ड कितने बने है और कितने ग्रामीणों के नहीं बने है, दो दिनों में इसका ब्यौरा दें ताकि सही डाॅटा का पता लग सके और बचे हुए ग्रामीणों के जल्द से जल्द सरकार द्वारा दी जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी पंहुचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि हम सब यहां एकजुट होकर ’विश्व तपेदिक दिवस’ मनाकर टीबी को भगाने के लिए एकत्र हुए हैं, ताकि हम तपेदिक (टीबी) के खिलाफ जागरूकता फैला सकें और इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों को तेज कर सकें। उन्होंने कहा कि तपेदिक एक संक्रामक बीमारी है, इस बीमारी ने हमारे समाज में काफी परिवारों को प्रभावित किया है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी उम्र, वर्ग और लिंग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है लेकिन, महिला आयोग महिलाओं को जागरूक कर उन्हें टीबी के दुष्प्रभाव चैकअप और महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति उपेक्षा का सामना करना पड़ता है।
श्रीमती भाटिया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तपेदिक का इलाज संभव है, लेकिन यह केवल तभी संभव है जब हम समय पर इसके लक्षणों को पहचानें और इलाज शुरू करें। आज भी कई महिलाएं समाज में छिपे हुए डर के कारण तपेदिक के इलाज से कतराती हैं। इसलिए, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके बीच इस बीमारी के बारे में सही जानकारी पहुंचाएं और उन्हें सही उपचार लेने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि समाज में वे प्रायः परिवार की देखभाल करने वाली मुख्य कड़ी होती हैं। जब एक महिला बीमार होती है, तो पूरा परिवार प्रभावित होता है। इसलिये, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तपेदिक का इलाज समय पर हो और कोई भी महिला इस बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद इलाज से वंचित न रहे।
श्रीमती भाटिया ने बताया कि हमारे देश में, महिला आयोग समाज के हर स्तर पर महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करता है। हम न केवल महिला शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयासरत हैं, बल्कि अब हम तपेदिक के खिलाफ भी जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
मेरी आप सभी से अपील है कि आप अपने आस-पास की महिलाओं को तपेदिक के लक्षणों के बारे में बताएं। किसी भी महिला को खांसी, बुखार, वजन में कमी और रात में पसीना आने जैसे लक्षण दिखें, तो उसे तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि इलाज में कोई रुकावट न हो, क्योंकि इलाज के दौरान पूर्ण अनुशासन और समय पर दवाइयां लेना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर प्रयास करें तो हम न केवल तपेदिक को हराकर, बल्कि अन्य कई गंभीर बीमारियों को भी समाज से समाप्त कर सकते हैं। हम सभी विश्व तपेदिक दिवस पर संकल्प लें कि हम महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और समाज में जागरूकता फैलाकर तपेदिक को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
अर्बन पाॅली सेंटर के डाॅक्टरों की टीम ने एसएमओ राजेश कुमार व दीपक गुप्ता के नेतृत्व में स्टाॅल लगाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य की जांच की। इस अवसर पर 80 ग्रामीणों ने अपना हैल्थ चैकअप करवाया।
इस अवसर पर अर्बन पाॅलीकल क्लीनिक के एसएमओ राजेश कुमार, कमांड अस्पताल पंचकूला से लैफिटिनेंट कर्नल सुनीता, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सोनिया सब्रवाल, हैल्थ इन्सपेक्टर बलवंत सिंह, सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल से सीनियर लैब सुपरवाईजर वंदना शर्मा, प्रोमिला शर्मा तथा संबंधित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।