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हरियाणा के सभी नागरिक अस्पतालों में अब सभी स्टाफ के लिए ड्रेस कोड लागू होगा- स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

सभी के लिए यूनिफार्म पहनना अब अनिवार्य भी होगा- विज

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चण्डीगढ़, 10 फरवरी – हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के सभी नागरिक अस्पतालों/ स्वास्थ्य सुविधाओं में अब सभी स्टाफ के लिए ड्रेस कोड लागू होगा। इसके लिए बकायदा डिजाइनर से यूनिफार्म डिजाइन भी करवाई गई है तथा सभी के लिए यूनिफार्म पहनना अब अनिवार्य भी होगा।

श्री विज आज मीडियाकर्मियों द्वारा नागरिक अस्पतालों/स्वास्थ्य सुविधाएं में ड्रेस कोड के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले विभाग के साथ उनकी एक बैठक हुई थी जिसमें ‘‘मैंने कहा था कि अस्पताल में सभी कर्मचारियों को अपनी यूनिफार्म पहननी चाहिए।

श्री विज ने प्राइवेट अस्पतालों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल में जब जाओ तो एक भी कर्मचारी बिना यूनिफार्म के नजर नहीं आता जबकि नागरिक अस्पताल में ये पता ही नहीं चलता कि कौन मरीज है और कौन कर्मचारी है।

ड्रेस कोड से अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा- विज

ड्रेस कोड के पीछे सरकार की क्या मंशा है और किस तरह से ये लागू हो पायेगा इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा ड्रेस कोड से अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और गेटअप भी होगा। श्री विज ने कहा कि ड्रेस कोड सभी के लिए जरूरी होगा इसके लिए डिजाईनर से ड्रेस डिजाइन करवाई जा रही है।

ड्रेस कोड नीति न केवल कर्मचारी को उसकी पेशेवर छवि देती है बल्कि संगठन की सुंदर छवि भी प्रस्तुत करती है

ड्रेस कोड नीति के उद्देश्य के संबंध में श्री विज ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ नीतियों के तहत चलने वाले अस्पताल को अपने कर्मचारियों से कुछ कोड और आचरण की आवश्यकता होती है और एक ड्रेस कोड इसका हिस्सा होता है। एक अस्पताल में अच्छी तरह से पालन की जाने वाली ड्रेस कोड नीति न केवल कर्मचारी को उसकी पेशेवर छवि देती है बल्कि यह जनता के बीच एक संगठन की एक सुंदर छवि भी प्रस्तुत करती है। उन्होंने बताया कि ड्रेस कोड नीति का उद्देश्य अनुशासन  के तहत कर्मचारियों के बीच एकरूपता और समानता बनाना भी है।  

पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से ड्रेस कोड का पालन करना होगा

श्री विज ने इस नीति के सामान्य दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी के संबंध में बताया कि सभी अस्पताल कर्मचारी (नियमित/अनुबंधित/एनएचएम/अन्य) क्लिनिकल (मेडीक्ज और पैरामेडीक्ज), जो स्वच्छता और स्वच्छता सुरक्षा, परिवहन, तकनीकी कार्यकर्ता, रसोई कार्यकर्ता, क्षेत्र कार्यकर्ता हैं, वर्दी में होने चाहिए। इसी प्रकार, गैर-नैदानिक प्रशासनिक कार्य देखने वाले कर्मचारी अस्पताल में केवल फॉर्मल ही पहनेंगे (जींस या टी शर्ट नहीं)। पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से ड्रेस कोड का पालन करना होगा। ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी को उस दिन अनुपस्थित चिह्नित किया जाएगा।

नेम प्लेट पर कर्मचारी का नाम और पदनाम अंकित होगा

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि चरम पोशाक शैलियों, बाल शैलियों, भारी गहने, एक्ससरीज श्रृंगार, लंबे नाखून काम के घंटों के दौरान अस्वीकार्य होंगे। नेम प्लेट पर कर्मचारी का नाम और पदनाम अंकित होगा। अस्पताल के स्टाफ को नेम प्लेट लगाना अनिवार्य भी है। नर्सिंग संवर्ग को छोड़कर संबंधित पदनाम के प्रशिक्षु सफेद शर्ट और नेम प्लेट के साथ काली पैंट कोई भी पहन सकता है।

ड्रेस कोड सप्ताह में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन, सप्ताहांत, शाम और रात की पाली सहित लागू होगा

उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी में उल्लिखित ड्रेस कोड सप्ताह में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन, सप्ताहांत, शाम और रात की पाली सहित लागू होगा। कपड़े ठीक से फिट होने चाहिए और इतने तंग या बैगी नहीं होने चाहिए कि व्यक्तिगत रूप से अलग हो जाएं। प्रत्येक कर्मचारी से उम्मीद की जाती है कि वह साफ-सुथरे कपड़े पहनें और अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। इसी प्रकार, बाल अच्छी तरह से तैयार और साफ होने चाहिए। पुरुषों के बाल कॉलर की लंबाई से अधिक नहीं होने चाहिए और रोगी की देखभाल में बाधा नहीं आनी चाहिए। असामान्य हेयरस्टाइल और अपरंपरागत हेयर कट की अनुमति भी नहीं होगी। इसी तरह, से नाखून साफ, छंटे हुए और अच्छी तरह से मैनीक्योर होने चाहिए।

जूते काले आरामदायक और सभी सजावट से मुक्त होने के साथ-साथ साफ भी होने चाहिए, जींस, डेनिम स्कर्ट और डेनिम ड्रेस को पेशेवर ड्रेस नहीं माना जाएगा

किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट और डेनिम ड्रेस को पेशेवर ड्रेस नहीं माना जाएगा और इनको पहनने की अनुमति नहीं होगी। स्वेटशर्ट, स्वेट सूट, शॉर्ट्स की अनुमति भी नहीं होगी। स्लैक्स, ड्रेस, स्कर्ट और पलाजो को पहनने की अनुमति भी नहीं होगी। ऐसे ही, टी शर्ट, स्ट्रेच टी-शर्ट, स्ट्रेच पैंट, फिटिंग पैंट, चमड़े की पैंट, काप्री, हिप हगर, स्वेटपैंट, टैंक टॉप, स्ट्रैपलेस/बैकलेस टॉप/ ड्रेस/टाॅप, क्राप टाॅप, टाॅप षाॅटर कमर रेखा से छोटा, लो नेक लाइन वाला टॉप, ऑफ शोल्डर ब्लाउज स्नीकर्स, चप्पल आदि की अनुमति नहीं होगी। जूतों के संबंध में नीति के तहत जूते काले आरामदायक और सभी सजावट से मुक्त होने चाहिए तथा जूते साफ भी होने चाहिए।

पीपीपी सेवाओं के तहत काम करने वाले कर्मचारी नेम प्लेट के साथ ड्रेस कोड की अपनी प्रणाली के साथ कार्य पर रहेंगे

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप सेवाओं के तहत काम करने वाले कर्मचारी नेम प्लेट के साथ ड्रेस कोड की अपनी प्रणाली के साथ कार्य पर रहेंगे। यदि प्रस्तावित ड्रेस कोड नीति में कोई पदनाम पद छूट गया है, तो कर्मचारी द्वारा समान पदनाम पर ड्रेस कोड पहना जाएगा। सभी सिविल सर्जन विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अनुमोदित पदनामवार ड्रेस कलर कोड सुनिश्चित करवाएंगें।

अस्पताल के कर्मचारियों के बीच अनुशासन, एकरूपता और अस्पष्टता बनाए रखने के उद्देश्य से डेªस पॉलिसी तैयार की

गौरतलब है कि गत दिवस स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक द्वारा एक पत्र सभी सिविल सर्जन को जारी किया गया है जिसमें डेªस पॉलिसी को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में कार्यरत विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के लिए उनके संबंधित कार्य घंटों के दौरान उनकी पहचान के लिए स्टैंडर्ड यूनिफार्म होनी चाहिए। इस संबंध में, अस्पताल के कर्मचारियों के बीच अनुशासन, एकरूपता और अस्पष्टता बनाए रखने के उद्देश्य से डेªस पॉलिसी तैयार की गई है। यह नीति राज्य के समस्त सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत चिकित्सालय के कर्मचारियों पर लागू होगी।

उल्लेखनीय है कि श्री अनिल विज के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद स्वास्थ्य विभाग नित नये काम कर रहा है और ये विभाग अब लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। इसी तरह से अब हरियाणा के सभी सरकारी अस्पतालों मंे अब ड्रेस कोड लागू होने जा रहा है इसके लिए विभाग ने बकायादा तैयारी भी कर ली है।

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