हनुमान जी के सभी कार्य श्रीरामजी स्वयं पूर्ण कर दिया करते थे- साध्वी

सिरसा।दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से अलीमोहम्मद में तीन दिवसीय सुंदर कांड कथा का आयोजन किया जा रहा है ।
जिसका आज प्रथम दिवस है। अगले तीन दिनों तक कथा का वाचन किया जाएगा। जिसमें शिष्याओं द्वारा राम भक्त हनुमान की गाथा का वर्णन किया जाएगा। इस दौरान शिष्याओं द्वारा भक्तों द्वारा बताया जा रहा है कि कैसे भगवान से मिला जा सकता है। ऐसी क्या युक्ति है जिससे भगवान के साक्षात्कार किया जा सकता है।कथा के पहले दिन आशतोष महाराज की शिष्या पंकजा भारती कथा का वाचन कर रही है। सुंदर कांड की गाथा का वर्णन करते हुए पंकजा भारती ने कहा कि हनुमान जी राम का कार्य पूर्ण कर जब वापिस लौटे थे। तो सभी हनुमान की प्रशंसा करते है कि उन्होंने मां जानकी की खोज कर ली है। लेकिन हनुमान की दृष्टि भगवान राम को खोजती है। क्योंकि वह प्रशंसा नहीं लेना चाहते है। क्योंकि उन्हें मान की कामना नहीं थी। उन्हें सिर्फ श्रीराम जी प्यारे थे। हनुमान जी के सभी कार्य श्रीराम की कृपा से ही पूर्ण हुए। क्योंकि श्रीराम उनके गुरु है। हनुमान चालीसा में भी वे गुरु का वंदन करते हैं। साध्वी कहती है कि इसलिए आवश्यकता है कि हम भी अपने जीवन में एक पूर्ण संत की तलाश कर श्रीराम का दर्शन अपने घट में करें और संसार में रहते हुए प्रभु की भक्ति करें। ताकि हम भी अपने जीवन को प्रभु के सिमरण से सुंदर बना सकें। जहां भक्त, भक्ति, भगवान का मिलन है तभी जीवन सुंदर है। तभी हम प्रभु के सच्चे भक्त सार्थक हो सकते हैं। साध्वी चंडा भारती ने और मनीषी भारती ने श्रीराम की महिमा का गुणगान भजनों के माध्यम से किया।