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सेक्टर-15 मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टी महोत्सव को समर्पित चार दिवसीय श्री कृष्ण कथा शुरू

चंडीगढ़, 16 अगस्त:

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सेक्टर-15 के श्री सनातन धर्म मन्दिर एवम् अध्ययन केंद्र में श्री कृष्ण जन्माष्टी महोत्सव को लेकर 16 से 19 अगस्त तक चलने वाली चार दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया है। इस संंबंधी जानकारी देते हुए मंदिर प्रबंधक कमेटी के सचिव प्रो. एससी गुप्ता ने बताया कि मंदिर में आयोजित श्री कृष्ण कथा के प्रथम दिवस में सदभावना दूत भागवताचार्य डॉ रमनीक कृष्ण जी महाराज ने रागानुगा प्रेमा भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि जैसे पक्षियों के पंख हीन बच्चे अपनी मां की बाट जोहते हैं, जैसे भूखे बछड़े अपनी मां का दूध पीने के लिए आतुर रहते हैं और जैसे वियोगिनी पत्नी अपने प्रवासी प्रियतम से मिलने के लिए उत्कन्_ित रहती है वैसे ही भक्त का मन भगवान के दर्शन के लिए छटपटाता रहता है। इस प्रगाढ़ प्रेम की पराकाष्ठा को ही रागा नुगा प्रेमा भक्ति कहते हैं, इस प्रेमभक्ति में अन्न्यता का सर्वोपरि स्थान है। अनन्य प्रेम का साधारण स्वरूप है एक भगवान के अतिरिक्त अन्य किसी में किसी प्रकार की आसक्ति ना होना। प्रेम की मग्नता में भगवान के सिवा अन्य किसी का ज्ञान ही ना रहे, जहां जहां मन जाए वहीं केवल भगवान दृष्टिगोचर हों। ऐसे होते होते अभ्यास हो जाने पर अपने आप की विस्मृती होकर केवल भगवान की की स्मृति रह जाए यही विशुद्ध प्रेम है। प्रेम करने का हेतु भी केवल परमेश्वर या उनका प्रेम ही होना चाहिए। प्रेम के लिए ही प्रेम किया जाए अन्य कोई हेतु ना रहे। मान बढ़ाई और प्रतिष्ठा तथा इस लोक और परलोक के किसी भी पदार्थ की इच्छा की गंध भी साधक के मन में ना रहे। ऐसा विशुद्ध प्रेम होने पर जो आनंद होता है उसकी महिमा अकथनीय है। ऐसे प्रेम का वास्तविक महत्व कोई परमात्मा का अनन्य प्रेमी ही जानता है। कथा के प्रथम दिवस में समस्त मन्दिर कमेटी सदस्यों ने व्यासपीठ का पूजन किया।

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