सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों का किया जा रहा समग्र विकास : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा 19 जनवरी।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की समावेशी शिक्षा योजना के तहत जिला के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सामान्य बच्चों के समान अवसर उपलब्ध करवाते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को विभिन्न भत्तों के रूप में आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। जिला के 2307 दिव्यांग बच्चों को योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में 18 लाख 33 हजार रुपये की राशि भत्तों के रूप में प्रदान की है।

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              उपायुक्त ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा (इनक्ल्यूसिव एजूकेशन फॉर डिसेबल चिल्ड्रन) योजना के अंतर्गत जिला के सभी सातों खंडों में रिर्सोस सैंटर कार्यरत हैं। दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों की भांति समाज से जुड़ा हुआ महसूस करें तथा उन्हें भी समान अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए ये रिसोर्स सैंटर स्थानीय सरकारी स्कूलों में ही स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये रिसोर्स सैंटर सिरसा में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, रानियां के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, ऐलनाबाद में राजकीय(लड़के) सीनियर सैकेंडरी स्कूल, चौपटा में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, डबवाली में राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल, ओढा में राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल तथा बडागुढा में राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में रिसोर्स सैंटर स्थापित हैं।


              उन्होंने बताया कि समावेशी शिक्षा दिव्यांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षणिक गतिविधि में भाग लेने का अवसर प्रदान कर उन्हें आत्म निर्भर बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ती है। दिव्यांगों के सशक्तिकरण हेतु समावेशी शिक्षा सर्वोत्तम विकल्प है। उन्होंने बताया कि सरकार दिव्यांगों के लिए नई नई योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू करने की दिशा में कार्यरत है। दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रशासन गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहा है।

विभिन्न भत्तों के रूप में दी 18 लाख से अधिक की आर्थिक सहायता :


              जिला परियोजना अधिकारी पवन सुथार ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न भत्तों के रूप में आर्थिक सहायता भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि जिला में 2307 दिव्यांग बच्चे समावेशी शिक्षा के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनके लिए 24 अध्यापक कार्यरत है। उन्हांने बताया कि दिव्यांग बच्चों को वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भत्तों के रूप में 18 लाख 33 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। यह राशि सीधे दिव्यांग बच्चों के खाते में डाली गई है। इस राशि में 9 लाख 8 हजार रुपये की राशि केवल दिव्यांग कन्याओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता भी शामिल है।

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दिव्यांग को दी जाने वाली सुविधाएं :


              जिला परियोजना अधिकारी पवन सुथार ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा योजना के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में स्थाई फंड, होम बेस्ड अलाउंस, रीडर भत्ता आदि दिया जाता है। इसके अलावा विभिन्न खेल गतिविधियां भी करवाई जाती है, जिनमें लूडो चेस, सांप सीढी, बॉल साउंड आदि खेल शामिल हैं।


हुनर के तहत दिव्यांगों को बनाया जाता है रोजगारपरक :


              सहायक परियोजना अधिकारी गोपाल कृष्ण ने बताया कि समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को रोजगारपरक परीक्षण भी दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट को हुनर नाम दिया गया है। हुनर के तहत 50 बच्चों का चयन कर उन्हें अगरबत्ती, प्रफ्यूम आदि के वोकेशनल कोर्स करवाए जाते हैं, ताकि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें।


ठीक होने वाले दिव्यांगों की सर्जरी का खर्च किया जाता है वहन :


              सहायक परियोजना अधिकारी गोपाल कृष्ण ने बताया कि समावेशी शिक्षा के तहत समय-समय पर मैडिकल कैंप लगाकर दिव्यांग बच्चों का मेडिकल चैकअप किया जाता है। जिस दिव्यांग के ठीक होने की संभावना होती है, उसकी सर्जरी का पूरा खर्च वहन करते हुए पूरा इलाज करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि मैडिकल में जरूरत अनुसार दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र, बेसाखी, कैलिपर, ट्राई साईकिल आदि दी जाती हैं।