सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

विभिन्न योजनाओं के तहत लाभपात्रों को 11 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की वितरित : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान

सिरसा, 19 अगस्त।


                       उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग ने वर्ष 2019-20 में विभिन्न योजनाओं के तहत जिला के 5 हजार 852 लाभ पात्रों को 11 करोड़ 24 लाख 4 हजार रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। राशि सीधे लाभपात्रों के बैंक खाते में डाली गई।

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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, पंचायत प्रोत्साहन योजना, अंर्तजातिय विवाह योजना, डा. बीआर अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत पात्रों दिया गया लाभ


                       उपायुक्त बिढ़ाण ने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 2 हजार 190 लाभपात्रों को 7 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि वितरित की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास जाति (बीपीएल) के परिवारों को उनकी लड़की की शादी में 51 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जिसमें 46 हजार रुपये की राशि शादी के समय और 5 हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन होने उपरान्त दिए जाते हैं। इसके अलावा सभी जाति की विधवा औरत की लड़की की शादी के लिए 51 हजार रुपये की राशि अनुदान में दी जाती है, जिसमें से 46 हजार रुपये शादी के समय और 5 हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन के उपरान्त दी जाती है। इसके अतिरिक्त महिला खिलाड़ी के विवाह पर 31 हजार रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग व सामान्य जाति के परिवार की लड़की शादी में 11 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जिसमें से 10 हजार रुपये शादी के समय और एक हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन होने के बाद दिया जाता है। इसके अलावा इस योजना के तहत किसी भी जाति के गरीब परिवार जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, उस परिवार को भी लड़की की शादी में 11 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है।

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                       उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा अत्याचार निवारण अधिनियम योजना के तहत भी जिन व्यक्तियों पर अत्याचार हुए है, उन्हें विभाग द्वारा अनुदान राशि दी जाती है। जिला में वर्ष 2019-20 के दौरान ऐसे 46 लाभार्थियों को 59 लाख 35 हजार रुपये की राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जातीय आधार पर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचारों जैसे भूमि पर कब्जा करना, हत्या, डकैती, आगजनी, बलात्कार, नरसंहार आदि से पीडि़त हो उनको अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत 85 हजार रुपये से 8 लाख 25 हजार रुपये की राशि आर्थिक सहायता के रूप में दी जाती है।

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                       उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्राजातीय विवाह योजना के तहत वर्ष 2019-20 में जिला के 50 लाभार्थियों को 58 लाख 58 हजार रुपये की राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य के स्थाई निवासी अनुसूचित जाति के लड़का या लड़की के विवाह करने पर 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। यह राशि वर-वधू के संयुक्त खाते में जमा होती है और आवेदन प्राप्त होते ही एक लाख 25 हजार रुपये संयुक्त बैंक खाते में तथा एक लाख 25 हजार रुपये संयुक्त 3 वर्षीय सावधी बैंक खाते में देने का प्रावधान किया गया है।

                       उपायुक्त ने बताया कि पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु सराहनीय कार्य तथा स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन स्वरुप लाभ प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान एक पंचायत को 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक सादे कागज पर पंचायत प्रस्ताव सहित आवेदन पत्र संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट सहित जिला/तहसील कल्याण अधिकारी ककार्यालय में जमा करवाने होंगे।


                       उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना भी विभाग द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त, घुमंतु / अर्ध घुमंतु, टपरीवास व पिछड़े वर्ग के छात्रों में प्रतिस्पर्धा व उत्कृष्टता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षावार प्रतिशत्ता के आधार पर 8 हजार रुपये से 12 हजार रुपये की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। डॉ अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत 3 हजार 565 छात्रों को 2 करोड़ 85 लाख 61 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की गई है।