*27 दिसम्बर को जिला के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की जाएगी सुनवाई*

लोगों का कोरोना की जांच देरी से करवाना मृत्यु दर बढने का बन रहा कारण : उपायुक्त

सिरसा, 10 सितंबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जिला में लगातार कोरोना संक्रमण फैलने के साथ-साथ मृत्यु दर में बढोतरी होना चिंता का विषय है। जिला में मृत्यु दर बढने का मुख्य कारण लोगों का आगे आकर समय पर जांच व उपचार न करवाना है। यदि शुरूआती लक्षण दिखाई देते ही जांच करवाकर इलाज करवाया जाए तो इस बीमारी का इलाज संभव है। अधिकारी कांट्रेक्ट ट्रेसिंग व सैंपलिंग में तेजी लाएं, ताकि संक्रमित व्यक्तियों की समय रहते पहचान की जा सके। इसके साथ ही सरपंच व आमजन स्वास्थ्य विभाग की सैंपलिंग टीम का सहयोग करें।

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वे वीरवार को कैंप कार्यालय में कोरोना नियंत्रण प्रबंधों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान की भी समीक्षा की। इस अवसर पर नगर आयुक्त संगीता तेतरवाल, एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम दिलबाग सिह, एसडीएम अश्वनी कुमार, एसडीएम निर्मल नागर, सिटी मजिस्ट्रेट संदीप कुमार, डीएसपी आर्यन चौधरी व संजय बिश्नोई, सीएमओ डा. सुरेंद्र नैन, आयुष अधिकारी डा. गिरिश, सीएमजीजीए सुकन्या जर्नादन सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।


आमजन लक्षण दिखाई देते ही करवाएं जांच, प्रशासनिक टीम का करें सहयोग :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि आमजन कोरोना बीमारी की गंभीरता को समझें, इसके प्रति लापरवाही न बनें। कोरोना से घबराएं ना बल्कि सजग बनें। अब जिला में संक्रमण फैलने के साथ ही मृत्यु दर में भी बढोतरी हो रही है। पहले लोग स्वयं आगे आकर जांच करवाते थे, तो मृत्यु दर कम थी। जब से लोगों रिपोर्टिंग करने में देरी की है, जिला में मृत्यु दर बढा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रारंभिक लक्षण दिखने पर ही अपनी जांच करवाएं। यदि समय पर उपचार करवा लिया जाए तो मृत्यु दर कम होने के साथ-साथ संक्रमण का फैलाव भी नहीं होगा। उन्होंने कहा गांव में कोरोना लक्षण वाले लोगों की सैंपलिंग करवाने में सरपंच सहयोग करें। यदि कोई सरपंच इस कार्य में सहयोग नहीं करेगा तो उसे सस्पेंड किया जाएगा। इसके अलावा सैंपलिंग जांच कर रही मोबाइल टीमों के जांच कार्य में बाधा डालने वाले नागरिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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तहसीलदार पांच-पांच गांवों की पंचायतों को करें जागरूक, एसडीएम करेंगे निगरानी :


एसडीएम अपने क्षेत्र में तहसीलदार की ड्यूटी लगाए की वे पांच-पांच गांवों की पंचायतों से बैठक कर सरपंच, पंच व नंबरदारों को जांच कार्य में सहयोग व ग्रामीणों को कोविड-19 के बारे में जागरूक करें। पंचायत प्रतिनिधि गांव में मुनादी व अन्य माध्यमों से हर ग्रामीण को कोरोना की गंभीरता के प्रति जागरूक करें। अगर गांव के किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। सभी एसडीएम तहसीलदार द्वारा किए गए कार्यों की निगरानी करें और प्रतिदिन की रिपोर्ट लें।


अधिकारी कांट्रेक्ट ट्रेसिंग व सैंपलिंग में लाएं तेजी :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कांट्रेक्ट ट्रेसिंग व सैंपलिंग कार्य में तेजी लाएं। जितनी अधिक सैंपलिंग होगी, उससे संक्रमण फैलाव को नियंत्रण करने में उतनी ही आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। अधिक संक्रमण फैलाव वाले क्षेत्रों पर अधिक फोक्स करें। वहां पर फैलाव होने के कारणों का पता लगाकर संक्रमण फैलाव के नियंत्रण बारे कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन व्यक्ति व इसके संपर्क में आने वालों पर निगरानी रखी जाए। इसके साथ उसके स्वास्थ्य सुधार की भी जानकारी ली जाए।


बिना मॉस्क वालों के लगातार करें चालान, मॉस्क न लगाने वाले दुकानदार की दुकान होगी सील :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि दुकानदार भी कोरोना फैलाव की गंभीरता को समझते हुए स्वयं मॉस्क लगाएं व दुकान पर सेनेटाइजर अवश्य रखें। ग्राहक को सामान देने से पहले अपने हाथ सेनेटाइजर करने के लिए कहें। बिना मॉस्क लगाए दुकानदार के खिलाफ कोविड-19 के तहत कार्रवाई करते हुए उसकी दुकान को सील कर दिया जाएगा। उपायुक्त ने आमजन से भी आह्वान किया कि वे कोरोना को हल्के में न लें और संक्रमण फैलाव की गंभीरता को समझते हुए कोविड-19 की हिदायतों की सख्ती से अनुपालना करें।


लिंगानुपात में सुधार के लिए गंभीरता से किया जाए कार्य, भ्रूण जांच करने वालों पर करें छापेमारी :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि भ्रूण जांच करने वालों पर विशेष निगरानी रखें और निरंतर छापेमारी करें। जिला में घटता लिंगानुपात चिंता का विषय है। इसलिए जिन गांवों में लिंगानुपात कम है, उन्हें चिन्हित करें और उन गांवों में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए, ताकि लिंगानुपात में सुधार हो सके।