*Mayor unveils spectacular laser show of National Flag in Sector 17 – a patriotic tribute under “Har Ghar Tiranga”*

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती वर्षा खनगवाल की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की हुई बैठक

-अभिभावकों की सहमति से दें बच्चों को दवाई-अतिरिक्त उपायुक्त

पंचकूला, 2 फरवरी-     10 फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती वर्षा खनगवाल की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक हुई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला को कृमि मुक्ति के लिए बच्चों को पेट के कीड़ों की दवाई व आयरन की गोलियां बंटवाने के संबंधित अधिकरियों को दिशा-निर्देश दिये।
    राष्ट्र कृमि मुक्ति व अनीमिया की नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डाॅ शिवानी ने विस्तार से अतिरिक्त उपायुक्त एवं सभी संबंधित विभागोें के अधिकारियों व कर्मचारियों को इन बीमारियो के बारे में बताया। उन्होंने कृमि व अनीमिया के लक्षणों में पेट में कीड़े होना और चक्कर आना, थकान, कम उर्जा, जल्दी-जल्दी बीमार होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना, खेल व पढने में आलस्य, इत्यादि बताए। उन्होंने आयरन व फाॅलिक ऐसिड की खुराक लेने के बाद उनके फायदों के बारे में बताया। इससे एचबी की सही मात्रा, रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढोतरी, एकाग्रता और अच्छी याददाश्त, साॅलिड बाॅडी और दुरूस्त दीमाग होता है। उन्होंने आईएफए की गोलियां खाली पेट न खाने की भी सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि निजी स्कूलों व कई सरकारी स्कूलों में बच्चों के अभिभावक उन्हें पेट के कीड़े की गोलियां व आयरन व फाॅलिक एसिड की गोलियां देने से मना करते हैं इसलिए ये गोलियां सभी स्कूलों में सही ढंग से वितरित नहीं हो पाती हैं।


    अतिरिक्त उपायुक्त ने सरकारी व निजी स्कूलों के प्रिसीपल व अध्यापकों को बताया कि वे बच्चों के अभिभावकों को इन बीमारियों के दुष्प्रभाव के बारे में बताएं और उनकी सहमति लें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 5 से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को कृमि नियंत्रण दवाई एलबेंडाजोल की गोलियां खिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को दवाई को चबा-चबा कर खाने की सलाह दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को ये गोलियां यदि संभव हो तो अभिभावकों के सामने ही खिलाई जाएं। उन्होंने बच्चों को अनीमिया से बचाने के लिए आयरन और फाॅलिक एसिड की खुराक अध्यापकों को अपनी निगरानी में खिलाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए अपने घर व आस-पास सफाई को प्राथमिकता दें। अपने रोजमर्राह के भोजन में पोष्टिक आहार लें। उन्होंने कहा कि कक्षा 1 से 5वीं तक पढने वाले बच्चों को आईएफए की गुलाबी गोली 6वीं से 12वीं तक पढने वाले सभी बच्चों को आईएफए की नीली गोली सप्ताह में एक बार मिड-डे-मील या दोपहर के खाने के बाद खिलाने के लिए कहा ताकि बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सके।  


    इमुनाईजेशन अधिकारी डाॅ. मीनू सासन ने बताया कि खसरा/जर्मन खसरा नामक बीमारी को पूर्ण रूप से खतम करने के लिए भारत सरकार से 2023 तक का लक्षय निर्धारित किया है, जिसके लिए जिला में बच्चों को 95 प्रतिशत से अधिक पहली व दूसरी खुराक पिलाई जानी है। उन्होंने कहा कि बच्चे को 9 महीने व डेढ साल की आयु में एमआर-1 और एमआर-2 वैक्सीनेशन जरूर करवाएं चाहिए ताकि इस बीमारी से बच्चों को बचाया जा सके।


    इस अवसर पर एसएमओ कालका डाॅ. राजीव नरवाल, एसएमओ पिंजौर डाॅ. राजेश ख्यालिया, एचएमओ रायपुररानी डाॅ. शिल्पा, बीईओ रायपुररानी पूनम गुप्ता, बीईओ बरवाला, एएमओ डाॅ. विधि सिंगला, डाॅ. संजीव गांधी, डाॅ. बिंदु बंसल, जिला के विभिन्न सरकारी व प्राईवेट स्कूलो के प्राचार्य व अध्यापकों, डब्ल्यूसीडी की डीपीओ बलजीत कौर सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।