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राजकीय महाविद्यालय कालका में व्यक्तित्व विकास एवं साक्षात्कार कौशल पर दो दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

-व्यक्ति के विकास में संस्कार का अहम रोल-प्राचार्या

-सफल होने के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी-श्रीमती बेनुराव

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पंचकूला 16 जनवरी- राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में व्यक्तित्व विकास एवं साक्षात्कार कौशल पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।


प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन करने का उद्देश्य विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को  परिष्कृत और सुसंस्कृत करना है। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के विकास में संस्कार का बड़ा योगदान होता है। संस्कारहीन होने पर, लोग सुंदर व्यक्ति से भी दूरी बना लेते हैं। हर व्यक्ति की सोच की झलक उसकी पर्सनालिटी में दिखती है। इसलिए हमेशा अच्छा सोचो और अच्छा करो।


इस दो दिवसीय कार्यशाला में मुख्यवक्ता प्रसिद्ध शिक्षा विद व समाज सुधारक बेनु राव रही। प्रेरक वक्त श्रीमती बेनुराव ने विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास, अंग्रेजी भाषा, कम्युनिकेशन स्किल्स और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि जीवन में सफलता पाने का एकमात्र उपाय आत्मविश्वास है चाहे हम कोई भी व्यवसाय चुने हमारे अंदर आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है। महान व्यक्तित्व अच्छे कम्युनिकेशन स्किल से बनता है और प्रभावी व्यवहार आत्मविश्वास से आता है। साक्षात्कार में जाते समय युवा वर्ग में साक्षात्कार कौशल का होना बहुत जरूरी है। साक्षात्कार के दौरान दूसरों की बात को ध्यान से सुने और समझे। किसी भी बात को आत्मविश्वास के साथ कहें और आई कॉन्टेक्ट रखें। अपनी बॉडी लैंग्वेज पर भी ध्यान दें। इंटरव्यू के दौरान किसी भी प्रश्न को ध्यान से सुने यह साक्षात्कार के दौरान तालमेल और समझ स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंटरव्यू में समय से पहले पहुंचने का प्रयास करें। अपने बारे में साकारात्मक बातों को बताएं जो सामने बैठे व्यक्ति को प्रभावित करें। इंटरव्यू में सही ड्रेस का चुनाव करें। चेहरे पर मुस्कुराहट होनी चाहिए। सामान्य शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। अपने उत्तर संक्षिप्त और सटीक दें। एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए साक्षात्कार कौशल की आवश्यकता होती है। संप्रेषण एक ऐसा माध्यम है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति तक अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। भावनाओं की अभिव्यक्ति, भावनाओं को दूसरे तक पहुंचाना भी एक कला है। व्यक्तित्व विकास कौशल के अंतर्गत संचार कौशल, समस्या को सुलझाना, खुद पर भरोसा रखना, सुनने का कौशल, पारस्परिक कौशल, अनुकूलन क्षमता, कार्य नीति, नेतृत्व जैसे गुण होने चाहिए। दो दिवसीय कार्यशाला के अंतर्गत विद्यार्थियों ने कई  जिज्ञासा पूर्ण प्रश्न भी पूछे जिनका उत्तर तत्परता के साथ दिया गया। श्रीमती बेनुराव ने प्रभावशाली रिज्यूम लिखना भी विद्यार्थियों को सिखाया। दो दिवसीय कार्यशाला बहुत सफल रही और विद्यार्थियों ने इसमें बहुत कुछ सीखा।


प्रस्तुत कार्यक्रम का आयोजन प्लेसमेंट सेल की प्रभारी प्रोफेसर सुनीता चैहान, प्रोफेसर डॉ बिंदु, प्रोफेसर डॉ गीतांजलि, प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार, प्रोफेसर डॉक्टर इंदु, प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत नैंसी, प्रोफेसर डॉक्टर गुरप्रीत, प्रोफेसर डॉक्टर प्रदीप, प्रोफेसर सोनिया जस्सल के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।

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