मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम में 37 तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत 88 पशुपालकों दी गई 17 लाख 70 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक तौर से सुदृढ बनाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं और पशुपालकों के उत्थान व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में दुग्ध उत्पादन व अच्छी नस्ल के पशुओंं की बढोतरी के उद्ेश्य से मुर्राह सरंक्षण एवं विकास तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पशुपालन विभाग ने उक्त स्कीमों के तहत वित्त वर्ष में अब तक जिला के 125 पशुपालकों को 17 लाख 70 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी है।
उन्होंने बताया कि मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम मुर्राह नस्ल को बढावा देने में बहुत ही कारगर साबित हो रही है। भैंसों में मुर्राह नस्ल विश्व की सबसे सर्वोत्तम नस्लों में से एक है। पशुपालक अधिक से अधिक मुर्राह नस्ल का पालन करें, इसके लिए मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाता है। स्कीम के तहत मुर्राह नस्ल की भैंसों की दुग्ध रिकॉर्डिंग की जाती है। दुग्ध रिकॉर्डिंग 18 से 22 किलोग्राम, 22 से 25 किलोग्राम तथा 25 किलोग्राम से अधिक के रूप में अलग-अलग श्रेणियों में की जाती है, जिसमें क्रमश: 15 हजार रुपये, 20 हजार रुपये तथा 30 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में पशुपालकों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान स्कीम के तहत 51 मुर्राह भैंसों का चयन कर उनके दुग्ध की रिकॉर्डिंग की गई। स्कीम के तहत 37 पशुपालकों को 5 लाख 85 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की है, ताकि पशुपालक आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें।
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उपायुक्त ने बताया कि मुर्राह भैंस की नस्ल की तर्ज पर हरियाणा व साहीवाल नस्ल की गायों को बढावा देने के उद्ेश्य से प्रदेश सरकार ने गौसंवर्धन स्कीम लागू की है। स्कीम के तहत हरियाणा व साहीवाल गायों के दुग्ध की मात्रा अनुसार विभिन्न श्रेणियों में पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि हरियाणा नस्ल गाय के लिए 8 से 10 किलोग्राम, 10 से 12 किलोग्राम व 12 किलोग्राम से अधिक प्रति दिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार, 15 हजार व 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रकार साहीवाल गाय के लिए 10 से 12 किलोग्राम, 12 से 15 किलोग्राम व 15 किलोग्राम से ज्यादा प्रतिदिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार रुपये, 15 हजार रुपये व 20 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत जिला में वित्त वर्ष में हरियाणा नस्ल की 37 गायों व 57 साहीवाल गायों चयन कर दुग्ध रिकार्डिंग किया गया, जिसमें 88 पशुपालकों को 11 लाख 85 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। उपायुक्त ने जिला के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर पशुपालन व्यवसाय को बढावा दें और आर्थिक तौर पर सुदृढ बनें।