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भारतीय सिनेमा के वो अनमोल रत्न,जो हरियाणा खान से निकले और रोशन की सिल्वर स्क्रीन

पांचवें फिल्म फेस्टिवल में होगा इनके योगदान का सम्मान

दिवंगत सुनील दत्त,सत्येन कप्पू,सतीश कौशिक के नाम पर तैयार होंगे थिएटर

एग्रीकल्चर ही नहीं,सिल्वर स्क्रीन की अनेक प्रतिभाओं की धरती भी है  म्हारा हरियाणा

इनके योगदान को भूलना नहीं,भावी पीढ़ी को याद कराता रहेगा भारतीय चित्र साधना

इसी धरती के लाल ने भारतीय सिनेमा के मिलेनियम स्टार अमिताभ को दिया था पहला ब्रेक

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पंचकूला फरवरी 22:  पांचवें फिल्म फेस्टिवल में आज से भारतीय सिनेमा के उन अनमोल रत्नों की गौरवशाली यात्रा का भी जिक्र होगा,जिन्होंने हरियाणा से बालीवुड तक पहुंचने में कड़ा संघर्ष किया।

   इनमें दिवंगत सुनील दत्त,सत्येन कप्पू,सतीश कौशिक के नाम पर यहां 4 विशेष थिएटर तैयार किए गए हैं।इसके अलावा हरियाणा के 24 आर्टिस्टों ने आयोजन स्थल पर हरियाणा में पली बड़ी और सीधा नाता रखने वाली फिल्मी हस्तियों के आदम कद चित्र तैयार किए हैं,जो इनके योगदान का युवा पीढ़ी को स्मरण कराएगी।

   हरियाणा केवल एग्रीकल्चर ही नहीं,बल्कि दशकों से सिल्वर स्क्रीन पर जलवा बिखेरने वाली प्रतिभाओं की धरती भी है। यह हरियाणा की धरती के लाल की पारखी नजर का कमाल था कि भारतीय सिनेमा को मिलेनियम स्टार बिग बी अमिताभ बच्चन को पहला ब्रेक ख्वाजा अहमद अब्बास ने दिया था। बहुत कम लोग जानते होंगे हरियाणा के पानीपत में जन्में ख्वाजा अहमद अब्बास ने ही अमिताभ बच्चन को अपनी सात हिंदुस्तानी फिल्म में पहली बार आन कैमरा आने का अवसर प्रदान किया था।

     भारतीय सिनेमा केवल बालीवुड तक सीमित नहीं है। यहां क्षेत्रीय सिनेमा दक्षिण और भोजपुरी के अलावा पंजाबी,हरियाणवी और बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में भी अनगिनत हरियाणवी प्रतिभाओं ने चमक धमक दिखाई। अचानक इनका जिक्र इसलिए हो रहा है,क्योंकि हरियाणा के पंचकूला में पहली बार अखिल भारतीय फिल्म फेस्टिवल की तैयारियां जोरशोर से चल रही है। यह तीन दिवसीय पांचवां चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 23 से 25 फरवरी तक हरियाणा पर्यटन विभाग के रेड बिशप कांप्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है,जिसमें भारतीय सिनेमा जगत की कई दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी।  

     आयोजनों का मानना है कि हरियाणा की धरती अपने जवानों,किसानों,पहलवानों के साथ प्रतिभाओं के कद्रदानों की भी है,हरियाणा की आवभगत यानी मेहमानवाजी का अपना खास अंदाज है। लिहाजा आयोजकों ने भारतीय सिनेमा में योगदान देने वाली प्रतिभाओं के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है,जो कि तीन दिन हरियाणा में आयोजित उपरोक्त फिल्म फेस्टिवल में उपलब्ध रहेंगे। यह मौका होगा जब हरियाणा के खेत खलिहान,छोटे मंचों और गली मोहल्लों से निकल कर सिने जगत में धमाल मचाने वाली हस्तियों की भी बात होगी। इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय सिेनेमा में इन हरियाणवियों का जो योगदान रहा,उन्हें अपनी माटी पर उतनी गर्मजोशी से या तो याद नहीं किया या फिर भुला दिया।

    शोले के राम लाल और नमक हलाल के विलेन पानीपत वासी सत्येन कप्पू यानी सत्येंद्र शर्मा हों या राम मोहन,जिन्होंने बालीवुड की सैंकड़ों फिल्मों में यादगार दमदार भूमिकाएं निभाई,भले इन्हें नायक या सहनायक के रूप अधिक अवसर ना मिले हो। राममोहन का फिल्मी कैरियर छह दशकों से भी ज्यादा है। मूलरुप से जगाधरी वासी राममोहन शर्मा जगाधरी के रहने वाले थे,लेकिन उनका जन्म अंबाला कैंट में हुआ था।  उन्होंने ‘हरियाली और रास्ता’, ‘मेरे हुज़ूर’, ‘तक़दीर’, ‘शोर’, ‘किताब’, ‘जियो तो ऐसे जियो’, ‘अंगूर’, ‘सावन को आने दो’, ‘शान’, ‘नदिया के पार’, ‘बंटवारा’, ‘ग़ुलामी’, ‘रंगीला’ और ‘कोयला’ सहित क़रीब 300 फ़िल्मों में अलग अलग भूमिकाएं निभाई।

      सब टीवी के सीरियल लापता गंज और भाभी जी घर पर हैं के मनमोहन तिवारी जी यानी हरियाणा के पंचकूला जिला कालका वासी रोहिताश्व गौड़ को आज कौन नहीं जानता।  एक ओर  रणदीप हुड्डा की फिल्म वीर सावरकर रिलीज के लिए तैयार है,वहीं रोहिताश्व गौड़ ने भी बालीवुड में डेब्यू 2001 में वीर सावरकर की जीवनी पर आधारित फिल्म से किया था। वैसे वे 90 के दशक से एहसास नामक टीवी सीरियल में काम कर चुके थे। उन्होंने 2002 में डा.चंद्रप्रकाश द्विवेदी की बहुचर्चित फिल्म पिंजर में मनोज बाजपेयी के भाई की भूमिका निभाई थी,जबकि इसके बाद वे मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई और अजय देवगन की फिल्म अतिथि कब जाओगे जैसी अनेक बड़ी फिल्मों में काम कर चुके हैं।

   हरियाणा के फतेहाबाद जिला की सुलक्षणा पंडित  ने बतौर हिरोइन 70 और 80 के दशक में फिल्मी पर्दे धूम मचाई थी,उनकी कई बड़ी फिल्में जबरदस्त हिट रहीं।उनके बाद में उनकी छोटी बहन विजेता पंडित भी बालीवुड की कई हिट फिल्मों में नायिका के रुप में बड़े सितारों के साथ नजर आईं। यह दोनों महान शास्त्रीय  गायक पंडित जसराज जी भतीजी हैं।यानी पंडित जसराज और सुलक्षणा व विजेता के दोनों भाई जतिन ललित की जोड़ी आज भी बालीवुड का बड़ा नाम है।

    इनके अलावा जूही चावला,प्रियंका चोपड़ा,परिणिति चोपड़ा,मल्लिका सहरावत,मानुषी छिल्लर, बालीवुड के शो मैन सुभाष घई,सोनू निगम, राजकुमार राव,रणदीप हुड्डा,यशपाल शर्मा,जयदीप अहलावत,पानीपत के ही राजेंद्र गुप्ता,मीता वशिष्ठ,यमुनानगर वासी राजेंद्र शर्मा नानू,उनकी धर्मपत्नी ताजा हिट फिल्म 12 वीं फेल के हीरो आईपीएस मनोज शर्मा की माता का किरदार निभाने वाली गीता अग्रवाल, यमुनानगर के अनुराग अरोड़ा एवं उनकी धर्मपत्नी राज अरोड़ा, उज्जवल चोपड़ा,मेघना मलिक,पंकज बेरी,प्रख्यात स्टैंडअप कामेडियन एवं फिल्म एक्टर सुनील ग्रोवर,हांसी का अमित धवन,रोहतक से कुलदीप रोहिल  जैसे अनेक नाम है,जिन्हें फिल्म प्रेमियों ने सिर आंखों पर बैठाया। इनमें कई कलाकारों ने बालीवुड ही नहीं,बल्कि हालीवुड तक में अपनी प्रतिभा से जगह बनाई।  

इनमें बड़ा नाम अंबाला में जन्में स्वर्गीय ओमपुरी, स्वर्गीय सतीश कौशिक,स्वर्गीय सीताराम पांचाल  का भी है,जिनका हाल ही में निधन हो गया। बेशक सुनील दत्त का जन्म हरियाणा में ना हुआ हो,मगर उनकी जमीन आज भी यमुनानगर जिला में है। उनके छोटे भाई फिल्म एक्टर सोम दत्त ने यहां खेती की और उससे पहले कई फिल्मों में बतौर हीरो काम भी किया और यहीं आखिरी सांस भी ली। इस तरह के फिल्म फेस्टिवल भारतीय सिनेमा में योगदान देने वाली इसी तरह की हस्तियों का सम्मान और दिवंगत दिग्गज हस्तियों को श्रद्धांजली के साथ युवा पीढ़ी इन से प्रेरणा ले,इसलिए भी आयोजित किए जाते हैं।

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