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भारत का युवा अपने चरित्र बल और संकल्प शक्ति से विकसित भारत का निर्माण करेगा: प्रो बृज किशोर कुठियाला

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पंचकूला 12 जनवरी – राज्य स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में राष्ट्रीय युवा दिवस पर राजकीय संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 20 में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला ने कहा हर मां आज सपना देखती है कि मेरा बेटा विवेकानंद जैसे तेजस्वी ओजस्वी और महान बने।

विवेकानंद के जीवन से हमारे युवा उच्च संकल्प शक्ति, आदर्श चरित्र, और भारतीय संस्कृति और परंपरा को अपने जीवन में धारण करने की प्रेरणा ग्रहण करना चाहिए। भारत जब पराधीन था गुलाम था तब अपने देश के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा था, हे भारत के अमर संतानों जागो उठो और जब तक तुम्हें लक्ष्य प्राप्त हो न हो जाए तब तक विश्राम मत करो। अपने अंदर की हीन भावना और दुर्बलता को मिटाना होगा। हम सभी दिव्य परमात्मा की संतान हैं। आज भारत इसी भाव और चेतना के साथ आगे बढ़ रहा है भारत माता को गौरवान्वित कर रहा है।

स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म संसद में भारत की संस्कृति का डंका बजाया था। आज हमारा युवा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देश में गिना जाता है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का इसरो संस्थान
चंद्रयान,आदित्य यान आदि के माध्यम से पूरे विश्व में भारतीय मेधा और प्रतिभा का प्रकाश फैला दिया है। आज भारत के युवाओं को विवेकानंद की तरह चरित्रवान बनना होगा। भारत को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए साधना करना होगा अपनी संकल्प शक्ति से अपने ज्ञान और अनुसंधान को लगातार विकसित करना होगा।

आज राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से भारत की युवाओं को वैचारिक रूप
से सशक्त और शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा रहा है। हमें अपनी संस्कृति परंपरा और अपने ज्ञान वैभव पर गर्व है। विवेकानंद को अमेरिका में विभिन्न प्रकार के प्रलोभन मिले लेकिन उन सब को ठुकरा दिया अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा और व्रत पर अडिग रहे आज भारत को भी अपनी युवाओं को सफल और सशक्त बनाने के लिए अपनी गुरुकुल परंपरा की शिक्षा की प्रेरणाओं को ग्रहण करना चाहिए। भारत का युवा अपने विलास और फैशन के द्वारा नहीं बल्कि अपनी सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक बल और नैतिक चरित्र के कारण जाना जाता है।

एनएसएस जिला कोऑर्डिनेटर डॉ अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया इस सिविल में 200 विद्यार्थियों को उनके शारीरिक विकास के लिए योग प्राणायाम मंत्र उच्चारण आदि कराया जाता है तथा मानसिक और वैचारिक विकास के लिए बौद्धिक सत्र में महान शिक्षाविदों और विद्वानों के माध्यम से प्रेरणा दी जाती है। एक ही लक्ष्य है हमारे देश का युवा जो कल का भावी नागरिक है अपने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़े। अंत में डॉ सम्राट ने सब का धन्यवाद किया शिविर में रविंद्र कुमार, संजीव कुमार, अनिल अत्री, योगेश कुमार, डॉक्टर सम्राट, रणदीप मान सुशीला मोनिका वीणा कीर्ति आदि प्रोग्राम ऑफीसरों का प्रमुख रूप से योगदान रहता है।

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