बालिकाओं को शिक्षा की धारा से जोड़ रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल : उपायुक्त प्रदीप कुमार
-कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बेहतर सुविधाओं के साथ दी जा रही है गुणवत्तापरक शिक्षा
-कोविड के चलते स्कूलों में अध्यनरत बालिकाओं को ऑनलाइन दी जा रही शिक्षा
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला में स्थापित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में लड़कियों को बेहतर सुविधाओं के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा रही है। जिला के 6 खंडों में स्थापित स्कूलों में पहली से छठी कक्षा में इस समय 360 बालिकाएं अध्यनरत हैं। कोरोना के चलते बालिकाओं को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। प्रत्येक स्कूल में होस्टल की सुविधा है। जिला के 6 खंडों में स्थापित विद्यालयों में होस्टल सुविधा के साथ वाटर कुलर, इनवर्टर, लाईब्रेरी, कम्प्यूटर लेब, खेल के मैदान आदि सुविधाओं से सुसज्जित हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कक्षा के लिए स्कूल में 100 सीटें निर्धारित हैं। कोविड-19 के मद्देनजर सभी छात्रावास बंद है और छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला के खंड बडागुढा के गांव फतेहपुरिया नियामतखां, डबवाली के गांव रत्ताखेड़ा, ऐलनाबाद के गांव धोलपालिया, नाथुसरी चौपटा के गांव रामपुरा ढिल्लो, औढा के गांव च_ïा व रानियां के गांव केहरवाला में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्थापित हैं।
उपायुक्त ने बताया कि केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय / आवासीय स्कूल स्थापित किए गए हैं। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और शैक्षिक रूप से पिछड़े गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित लड़कियों को प्राथमिक स्तर पर आवासीय स्कूलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में कम से कम 75 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गो की बालिकाओं के लिए आरक्षित होती है जबकि शेष 25 प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए आरक्षित है।
केजीबीवी में सभी बालिकाओं को निशुल्क आवास सुविधा, पुस्तकें तथा शिक्षण सामग्री, स्कूल यूनिफार्म, स्वेटर, जूते-मोजे, दैनिक उपयोग वस्तुओं तथा साबुन, तेल, तोलिया, टूथ-पेस्ट, कंघा, चप्पल, सेनेटरी नेपकिन इत्यादि दी जाती है। साथ ही बालिकाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण, शैक्षिणक भ्रमण, खेलकूद प्रतियोगिताएं, प्रतिमाह स्वास्थ्य जांच तथा दवाओं की सुविधा प्रदान की जाती है और इसके अलावा बालिकाओं को आत्म-रक्षा का प्रशिक्षण आदि सुविधाएं भी निशुल्क प्रदान की जाती है। इन सुविधाओं के साथ-साथ सभी विद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टिï से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वहीं स्वच्छ जल के लिए आरओ/वाटर कुलर की भी सुविधा है। साथ ही स्कूल में उच्च स्तर की लाइब्रेरी बनाई गई है, कम्प्यूटर व लैब के अलावा बच्चों के खेलने के लिए मैदान भी है।
आरोही स्कूलों में छठी से 12वीं तक दी जाती है शिक्षा, कन्याओं के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध :
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला के छठी से 12वीं कक्षा के छात्रों को बेहतर व गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित छह आरोही स्कूल भी हैं। ये आरोही स्कूल जिला के खंड बड़ागुढा के गांव झिड़ी, डबवाली के गांव कालूआना, ऐलनाबाद के गांव मि_ïी सुरेरां, चोपटा के गांव नाथूसरी कलां, ओढां के गांव जलालआना एवं रानियां के गांव मोहम्मदपुरिया में बने हैं। आरोही स्कूल में दाखिला परीक्षा के माध्यम से मैरिट के आधार पर दिया जाता है। इन स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ छात्रावास की भी निशुल्क सुविधा दी जाती है। प्रत्येक आरोही स्कूल में 100 छात्राओं के लिए होस्टल सुविधा है, जिला के छह आरोही स्कूलों में कुल 600 छात्राओं को रहने की व्यवस्था है। इस समय जिला के सभी स्कूलों में 375 छात्राएं होस्टल सुविधा का लाभ उठा रही है, लेकिन कोविड-19 के मद्देनजर सभी छात्रावास बंद है और छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है।