*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

बाल विवाह दंडनीय अपराध-उपायुक्त 

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गांव खंडग मंगोली में नाबालिग लड़की की शादी को रोका गया-उपायुक्त 

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 पंचकूला, 10 जनवरी- उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है और उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की कड़ी कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी सोनिया सब्र्रवाल ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गांव खंडग मंगोली में एक नाबालिग 16 वर्ष की लड़की की शादी को रूकवाया गया। नाबालिग लड़की के माता-पिता ने भी माना कि लड़की की शादी बालिग होने पर ही करवाई जाएगी। श्रीमती सब्रवाल ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत लडकी की उम्र 18 वर्ष से कम हो और लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम में शादी करवाना गैर कानूनी है। इसके तहत बाल विवाह करने वाले या बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले को 2 साल की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने निर्देश दिए शिक्षा, आशा वर्कर, आंगनवाॅडी व जिला के अन्य विभागों को बाल विवाह कानून अपराध है, इसके बारे में ग्रामीण आंचल के लोगों को जागरूक करें और बाल विवाह अपराध है, इसके तहत सजा व जुर्माना भी हो सकता है के बारे में जागरूकता शिविर के माध्यम से लोगों को जागरूक करें।

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