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पोषण के प्रति जागरूकता से होगा कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण : सांसद सुनीता दुग्गल

-नागरिक पोषण अभियान में भागीदारी कर स्वस्थ व सुदृढ देश के निर्माण में निभाएं भूमिका
-महिला सशक्तिकरण की दिशा में मोदी सरकार ने उठाए निर्णायक कदम
-महिलाओं व किशोरियां के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने क्रियान्वित की अनेकों योजनाएं
सिरसा, 27 सितंबर।

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सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि स्वस्थ, सशक्त व सुदृढ देश के निर्माण में कुपोषण मुक्त समाज का होना बहुत ही जरूरी है। सुपोषित समाज ही देश की प्रगति व तरक्की का आधार होता है। इसी उद्ïेश्य से केंद्र सरकार की ओर से देशभर में सितंबर माह में पोषण अभियान चलाया गया है। हर व्यक्ति पोषण के महत्व को समझते हुए अभियान में अपनी भागीदारी करते हुए देश को कुपोषण मुक्त बनाने में सहयोगी बनें।


उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुपोषित देश के सपने को साकार करने की दिशा में पोषण अभियान के तहत आमजन को खान-पान व उचित आहार को लेकर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। विशेषकर महिलाओं व किशोरियों को पोषण के प्रति जागरूक होते हुए अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होकर अभियान को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा करें। इसके साथ ही समाज के हर तबके के लोगों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों, कर्मचारियों को चाहिए कि वे पोषण अभियान से जुड़ते हुए इसको मजबूती दें, ताकि देश को कुपोषण से मुक्त किया जा सके। आमजन की शत प्रतिशत भागीदारी से ही समाज से व्याप्त कुपोषण को दूर किया जा सकता है।

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सांसद ने जोर देते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि समाज के वंचित एवं कमजोर वर्ग के लोगों तक कुपोषण के कारणों की जानकारी आसानी से पहुंचाई जाए। दूसरी तरफ बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्वच्छता और साफ सफाई के बारे में जागरूक करने का प्रयास सही तरीके से किया जाए, ताकि शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पोषण के महत्व को समझ सकें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान व सुदृढीकरण की दिशा में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, उज्जवला योजना जैसी लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका बड़े पैमाने पर देश की महिलाओं को लाभ मिल रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ें। इन योजनाओं व नीतियों का ही परिणाम है कि आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।