पराली को जलाएं नहीं, प्रबंधन करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें नागरिक : उपायुक्त अनीश यादव
उपायुक्त अनीश यादव ने जिला के किसानों का आह्वान किया है कि वे संतुलित पर्यावरण के लिए फसल अवशेष प्रबंधन अपनाए। फसल अवशेषों को न जलाएं, बल्कि इन्हें भूमि में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं। किसान पराली प्रबंधन मशीनों का प्रयोग कर प्रदूषण से मुक्ति पाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों को बचाकर फसलों की पैदावार में वृद्धि कर सकते है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं उसके कीट मित्र नष्ट हो जाते हैं। इसलिए किसानों को समय रहते जागरूक होना होगा और पराली प्रबंधन कर पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से हानिकारक गैसों से उत्सर्जन से श्वसन रोग बढ़ता है, भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा मित्र कीट नष्ट होते है। बेहतर पराली प्रबंधन से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण मिलता है तथा रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है। फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृषि उपनिदेशक व सहायक कृषि अभियंता से सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर भी फसल अवशेष प्रबंधन बारे जानकारी हासिल की जा सकती है।