उपायुक्त ने समाधान शिविर में सुनी लोगों की समस्याएं

पंजीकृत श्रमिक विभिन्न योजनाओं के तहत उठा सकते हैं फायदा : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 24 अगस्त।

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– पंजीकृत श्रमिकों को वर्ष 2020-21 में साढे 27 करोड़ रुपये से अधिक की दी जा चुकी है वित्तीय सहायता


उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा वर्ष 2020-21 में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 27 करोड़ 57 लाख 46 हजार 178 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।


उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा मातृत्व लाभ योजना, पितृत्व लाभ योजना, कन्यादान योजना, बच्चों के विवाह पर सहायता, शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना, सिलाई मशीन योजना, औजार एवं साइकिल खरीदने के लिए सहायता योजना, मेधावी छात्रवृति योजना, चिकित्सा सहायता योजना चलाई जा रही है। इसके अलावा श्रमिक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को एवं दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती है।


उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जिला सिरसा में बोर्ड द्वारा मातृत्व लाभ योजना के तहत नौ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसी प्रकार पितृत्व लाभ योजना के तहत 72 लाख 66 हजार रुपये,  कन्यादान योजना के तहत दो करोड़ 45 लाख 50 हजार रुपये, बच्चों के विवाह पर सहायता (पुत्र एवं पुत्री) के तहत दो करोड़ 65 लाख तीन हजार रुपये की सहायता राशि श्रमिकों के सीधे बैंक खाते में भेजी जा चुकी है। श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत आठ करोड़ 14 लाख चार हजार रुपये, मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना एक करोड़ 30 लाख 56 हजार रुपये, सिलाई मशीन योजना के तहत एक करोड़ दो लाख 93 हजार 500 रुपये, औजार एवं साइकिल खरीदने के लिए सहायता योजना के तहत आठ करोड़ 87 लाख 30 हजार रुपये, मेधावी छात्रवृति योजना के तहत 45 लाख 99 हजार रुपये, चिकित्सा सहायता योजना के तहत 15 हजार 687 रुपये की राशि पात्र श्रमिकों को दी गई है। इसके अलावा श्रमिक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को एवं दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती है जिसके तहत दो करोड़ तीन लाख 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

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उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की राशि कन्यादान के रूप में दी जा रही है। यह राशि श्रमिक की तीन बेटियों तक दी जाती है। इसी तरह, मकान की खरीद अथवा निर्माण हेतु 2 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण तथा मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिक की मृत्यु पर 5 लाख रुपये सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।


उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा विधवा पेंशन के तहत 2 हजार रुपये प्रति माह, मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार रुपये, पितृत्व लाभ के लिए 21 हजार रुपये, कामगारों को 5 वर्ष में एक बार नए औजारों की खरीद हेतु 8 हजार रुपये, पंजीकृत महिला कामगारों को उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेनकोट, छाता, रबड़ मैट्रेस, बर्तन तथा नैपकीन आदि खरीदने के लिए 5100 रुपये की राशि दी जाती है। इसी तरह, कामगारों को साइकिल खरीदने के लिए 3 हजार रुपये की वित्तीय राशि जबकि महिला श्रमिक को सिलाई मशीन दी जाती है। पंजीकृत कामगार व उसके परिवार के 4 सदस्यों को चार वर्ष में एक बार धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए रेलवे की द्वितीय श्रेणी व साधारण रोडवेज बसों का किराया दिया जाता है।


उन्होंने कहा कि पंजीकृत कामगारों के जो बच्चे मेडिकल अथॉरिटी द्वारा 50 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग घोषित किए गए है, उनको 2 हजार रुपये प्रति माह सहायता राशि दी जाती है। कार्यस्थल पर किसी दुर्घटना में स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर पंजीकृत कामगार को दिव्यांग प्रतिशतता के आधार पर डेढ़ से 3 लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है। किसी संक्रामक बीमारी या कार्यस्थल पर दुर्घटना के कारण दिव्यांग होने पर उसे 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन भी दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर-1800-180-2129 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड के वेब पोर्टल https://hrylabour.gov.in/ पर जाकर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


उपायुक्त ने कहा कि भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक संबंधित विभाग या पोर्टल से जानकारी प्राप्त करके योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो वे उपायुक्त कार्यालय को अवगत करवा सकते हैं।