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पंचकूला को नशा मुक्त करने के लिये सभी विभागों को मिलकर करना होगा कार्य-उपायुक्त

-स्कूल और काॅलेजों में जागरूकता शिविरों का आयोजन कर बच्चों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में किया जाये प्रेरित-महावीर कौशिक

-बच्चों को छोटी उम्र में ही नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर उन्हें इस बुरी आदत से बचाया जा सकता है

-नशे के विरूद्ध विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करवाने के लिये किया चार सदस्यीय टीम का गठन

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पंचकूला, 25 मई- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने आज जिला सचिवालय के सभागार में नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिये गठित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की जिला स्तरीय कमेटी तथा गृह विभाग की जिला स्तरीय एनकोर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उपायुक्त ने पुलिस, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय अधिकारिता, आबकारी एवं कराधान व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से जिला में नशीले पदार्थों के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिये गहनता से विचार विमर्श किया और दिशा निर्देश दिये।


बैठक में पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र पाल सिंह भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला के लिये सात सरोकार दिये है, जिसमें पंचकूला को नशा मुक्त करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पंचकूला को नशा मुक्त करने के लिये सभी विभागों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने निर्देश दिये कि पुलिस विभाग के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा भी स्कूल और काॅलेजों में जागरूकता कैंपों का आयोजन कर बच्चों को नशे से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों को छोटी उम्र में ही नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर उन्हें इस बुरी आदत से बचाया जा सकता है। इसके अलावा काॅलोनियों, बस्तियों और झुग्गी झोंपड़ियों में भी विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाये।  


श्री महावीर कौशिक ने कहा कि रेडक्राॅस सोसायटी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के ऐसे अधिकारी जो नशा मुक्ति विषय में रूचि रखते हो, उनको विशेष प्रशिक्षण दिलवाया जायें ताकि प्रशिक्षण लेने के उपरांत वे जागरूकता शिविरों में बच्चों और युवाओं को नशा से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बेहतर ढंग से जागरूक कर सके। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों मे ंहोने वाली पेरेंट-टीचर मिटिंग के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बच्चों व अभिभावकों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जायें। उपायुक्त ने रेडक्राॅस, सिविल सर्जन कार्यालय, शिक्षा व पुलिस विभाग के अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम गठित करने के निर्देश दिये जोकि आपसी तालमेल से जिला में नशें के विरूद्ध विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करवाना सुनिश्चित करेंगी।


बैठक में जिला में स्थित नशा मुक्ति केंद्रों व पुर्नवास केंद्रों पर भी चर्चा की गई। वर्तमान में पंचकूला में 7 नशा मुक्ति केंद्र व तीन पुर्नवास केंद्र कार्यरत है। उपायुक्त ने निर्देश दिये कि उपमंडल अधिकारी (ना.) पंचकूला या उनके द्वारा नियुक्त किया गया कोई अधिकारी, सचिव रेडक्राॅस पंचकूला, जिला समाज कल्याण अधिकारी, संबंधित एसएचओ और गैर सरकारी सदस्य की एक टीम इसी सप्ताह इन सभी नशा मुक्ति केंद्रों और पुर्नवास केंद्रों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।


श्री महावीर कौशिक ने कहा कि नशा तस्करी पर लगाम लगाने के लिये पुलिस विभाग का अहम रोल है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग आवश्यकतानुसार नशे का पता लगाने के लिये प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें भिजवायें ताकि स्वीकृति के लिये गृह विभाग को भेजा जा सके। बैठक में जिला में देर रात होेने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के लिये रेस्टोरेंट, कैफे, क्लब, बार इत्यादि के खोलने व बंद करने के समय निर्धारित करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला ऋचा राठी, नगराधीश गौरव चैहान, उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (आबकारी) प्रदीप यादव, उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (कराधान) संजीव राठी, एसीपी विजय नेहरा, डीएफओ बीएस राघव, जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी विशाल सैनी, सीडीपीओ आरू वशिष्ठ, रेडक्राॅस सचिव सविता अग्रवाल, डिप्टी डीईओ अंजु ग्रोवर, पुलिस स्टेशन चंडीमंदिर के एसएचओ ललित कुमार, पंचकूला डैवैलमेंट एडवाईजरी कमेटी के सदस्य डीपी सोनी और डीपी सिंघल भी उपस्थित थे।