दिव्य योग साधना मन्दिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया योग दिवस
सिरसा के दिव्य योग साधना मन्दिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया गया छठा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
सिरसा, 21 जून। योग जीने की कला है। योग-आसन, प्राणायाम एवं यौगिक क्रियायें न केवल हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ातें हैं, बल्कि ये हमारे चित्त की नकारात्मक वृतियों को भी शान्त करते हैं । प्रतिदिन आधा घन्टा योग-साधना करने वाले इन्सान को हस्पताल के चक्कर नहीं काटने पडते।
ये विचार रविवार को 6वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सिरसा में सन 1984 से स्थापित दिव्य योग साधना मन्दिर में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हरियाणा के पूर्व शिक्षा मन्त्री जगदीश नेहरा ने व्यक्त किये। नेहरा ने बताया कि उन्होंने सन 1965 में, 22 वर्ष की आयु में, 20वीं सदी के महान गृहस्थ-योगी, स्वामी देवीदयाल जी महाराज से दिल्ली में योग सीखा था। उस समय, वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में वकालत की पढाई पढ रहे थे। रोहतक के उनके ला-सहपाठी, श्री जग मोहन मित्तल ने उन्हें दिल्ली स्थित दिव्य योग मन्दिर में, योगीराज स्वामी देवीदयाल जी के प्रथम बार दर्शन करवाये । फिर तो उन्हें योग-साधना की लगन लग गई । यही कारण है कि, आज 77 वर्ष की आयु में भी, वे स्वयं को चुस्त-दुरुस्त महसूस करते हैं।
श्री नेहरा ने परिवारों में प्रत्येक सदस्य को नियमित रूप से योग करने की सलाह दी। योग को अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। आज दुनिया के 193 से ज्यादा देशों में योग-दिवस समारोहों की चहल-पहल है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में 50 से ज्यादा स्त्री-पुरुष व बच्चों ने सोशल-डिसटेंडिंग रखते हुये तथा चहरे पर मास्क लगाते हुए योगाभ्यास किया।
समारोह की अध्यक्षता, 42 वर्षों से योग में दीक्षित, 66 वर्षीय श्री अरुण जौहर, एडवोकेट, पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ ने की। उन्होनें बताया कि, 4 जनवरी, 1984 में सिरसा में बने इस दिव्य योग मन्दिर से गत 36 वर्षों मे हजारों लोग योग-साधना एवं यौगिक क्रियाओं से नवजीवन प्राप्त कर चुके है । श्री जगदीश नेहरा जी को उनकी 55 वर्षों की निस्वार्थ योग-सेवा के लिए प्राईड आफ योगा अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सर्व श्री आर. के. भरद्वाज, कुलवन्त ग्रोवर,सरपच सुभाष महता, आलोक शर्मा, दीना नाथ, अशोक महता, राजेंदर राठी, अमर सिंह सुथार, आशा बहिन जी, वयोवृद्ध योग-प्रेमी पटवारी जी व सरदार महेंदर सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। समारोह उपरांत सब श्रद्धालुओं ने बेल-गिरि के शर्बत का प्रसाद ग्रहण किया।