जीवन में सकारात्मक सोच और रचनात्मक कार्य शैली का अपना ही महत्व : अनिल मलिक
मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक सोच और रचनात्मक कार्य शैली का अपना ही महत्व होता है। रचनात्मकता शिक्षण की एक ऐसी रणनीति है जिसमें शिक्षार्थी पूर्व ज्ञान आस्था व कौशल का इस्तेमाल करते हुए नई किस्म की समझ विकसित करते हैं।
वे शुक्रवार को गांव झिड़ी स्थित आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को राज्य स्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श एवं कल्याण केंद्रों के तहत आयोजित ऑनलाइन माध्यम संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो हमें परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। हर मौजूदा चुनौती को अवसर में बदलना होगा। परिवर्तन प्रकृति का नियम है हमें भी मौजूदा हालात, समय, परिस्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए खुद को बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में अपनी रचनात्मकता को पंख लगा उडऩे दे, आपकी सोच जितनी रचनात्मक होगी उतने ही नए विचार पैदा होंगे। इसलिए सकारात्मक, प्रेरणादायक, प्रोत्साहन वर्धक, सहयोगी वातावरण की जरूरत है। मौजूदा हालात डरने के नहीं बल्कि अधिक जागरूक, सचेत, समझदार और चौकन्ना रहते हुए इनका मजबूती से सामना करें। कोविड-19 नियमों की अनुपालन आवश्यक रूप से करते रहें, शारीरिक दूरी कायम रखें और मास्क को जरूर पहने। हमें सही सोच के साथ अपने पूर्व ज्ञान, बेहतर समझ अनुसार बेहतर से बेहतरीन प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि आशा, उम्मीद, हौसला, जुनून, दृढ़ इच्छाशक्ति, कर्तव्यों के प्रति सजगता, संवेदनशील मुद्दों के प्रति जागरूकता बड़ी से बड़ी चुनौती को शिकस्त देने में सहायक सिद्ध होते हैं। इसलिए उदास, निराश, हताश, चिंतित नहीं रुचिकर कार्यों में व्यस्तता स्वरूप अपनी दैनिक गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाना है। अपनी सोच, विचार, आदतों और कर्म के प्रति हमेशा सजग और सावधान रहना है, फिर चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो डटे रहना, सीखते रहना और उन्हें अवसर में बदलने की कला भी सीखनी होगी। कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से स्कूल प्राचार्य प्रेम कंबोज व भूगोल प्रवक्ता रतीश कुमार भी जुड़े।