अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

जिला सिरसा में शीघ्र ही स्थापित होगा फर्नीचर क्लस्टर, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा: उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

सिरसा, 22 अगस्त।


                 हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार अपने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों को कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरा सहयोग कर रही है। सरकार ने इस दिशा में फोकस करते हुए दो ग्रामीण एमएसएमई कलस्टरों में अत्याधुनिक Óकॉमन फैसिलिटी सेंटरÓ(सीएफसी) स्थापित करने की मंजूरी दी है। इससे बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयाँ नई आधुनिक तकनीकों से लाभांवित होंगी।

For Detailed News-


                  डिप्टी सीएम ने बताया कि नए सीएफसी से जिला सिरसा में फर्नीचर क्लस्टर स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा जिला पानीपत में हैंडलूम एवं टेक्सटाइल क्लस्टर को लाभ होगा। उन्होंने एमएसएमई निदेशालय द्वारा मंजूर की गई इन परियोजनाओं के बारे में राज्य सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि कुल 4.50 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश वाली इन दोनों परियोजनाओं के डिजाइन व फिनिशिंग से संबंधित सामान्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिए राज्य सरकार 3.50 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि ये सीएफसी अगले छह महीनों के भीतर स्थापित कर दिए जाएंगे और इससे संबंधित जिलों में रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे, जबकि साथ ही साथ इनसे हजारों सूक्ष्म इकाइयों को अपनी उत्पादन लागत कम करने और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने में फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि एमएसएमई राज्य के आर्थिक परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा हैं और राज्य सरकार इन एमएसएमई पर फोकस करके इनको पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि इन सीएफसी की मंजूरी से न केवल एमएसएमई इकोसिस्टम मजबूत होगा बल्कि तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर सूक्ष्म उद्योगों की निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी।

https://propertyliquid.com/


                  श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि ‘राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजनाÓ के तहत गठित 10 वीं राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक के दौरान इन सीएफसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत इन सीएफसी में सामान्य सुविधाएं स्थापित करने के किए राज्य सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी। उन्होंने बताया कि राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजना के तहत, एक कलस्टर जिसमें कम से कम 10 सूक्ष्म और लघु इकाइयां हैं, वहां अधिकतम 2 करोड़ रुपये की लागत से सीएफसी स्थापित किया जा सकता है जिसमें 90 प्रतिशत वित्तीय सहायता राज्य सरकार देती है। राज्य सरकार द्वारा साल 2015 में शुरू की गई इस योजना को बड़ी सफलता मिली है।


                  हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह, जो राज्य स्तरीय संचालन समिति के अध्यक्ष हैं, ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में एमएसएमई इकोसिस्टम  को मजबूत करने के लिए एक क्लस्टर बनाने का दृष्टिकोण अपनाया है। इसके तहत सूक्ष्म, लघू व मध्यम स्तर के उद्योगों में तकनीकी स्तर को बढ़ाने, बाजार तक पहुंच में सुधार, वित्तीय लिंकेज को सक्षम करना और एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की कई पहल की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजना के तहत 65 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कुल 25 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है और 12 हजार से अधिक एमएसएमई को लाभान्वित करने के लिए राज्य में 14 सीएफसी शुरू किए गए हैं।