जिला को नशा मुक्त बनाना सबकी सामूहिक जिम्मेवारी, जज्बे व जुनून से करना होगा काम : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि जिलावासियों ने जिस प्रकार सिरसा को लिंगानुपात, स्वच्छता आदि में प्रदेशभर में अव्वल बनाने में अपना संपूर्ण सहयोग दिया है। उसी प्रकार जिला को नशामुक्त बनाने में भी जिम्मेवारी से अपनी भागीदारी निभाएं, ताकि एक स्वस्थ व सभ्य समाज का निर्माण हो और हमारी युवा पीढी नशे की बीमारी से दूर रह सके।
उपायुक्त वीरवार को देर सांय रानियां के दीप प्लेस में नशामुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित वर्कशॉप कम सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार में आंगनवाड़ी वर्कर, स्वयंसेवियों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन सुखविंद्र सिंह, मनौचिकित्सक डा. रविंद्र पुरी, डा. अमनदीप, डा. प्रदीप, रंजीत सिंह, विनोद सहारण, रिया सिंगला आदि वक्ताओं ने नशा से होने वाले नुकसान व इसे कैसे छोड़ा जा सकता है, के बारे में अपने विचार रखते हुए नशामुक्त समाज के लिए काम करने बारे प्रेरित किया। वर्कशॉप में जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बतरा, जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल, एसएमओ नरेश सहारण, नायब तहसीलदार हरीश बिजानियां, बीईओ कृष्ण कुमार, बीडीओ अनिल कुमार, थाना प्रभारी रानियां साधु राम, रवि मैहता आदि अधिकारीगण उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि युवाओं में लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने का जुनून होना चाहिए और युवा पढाई, खेल व स्वास्थ्य को लेकर अपने अंदर जज्बा पैदा करें। इस कार्य में अभिभावक व अध्यापक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा नशे की बजाए शिक्षा व खेल को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े। नशा मुक्त समाज के निर्माण में सभी को अपना सहयोग देना होगा, तभी इस दिशा में कामयाबी हासिल होगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य से जुड़े लोग जज्बे के साथ कार्य करें और ईमानदारी से अपने जिम्मेवारियों का निर्वहन करें। नशा को जड़मूल से खत्म करने के लिए पूरे समाज को मिलजुलकर काम करना होगा, तभी जिला को नशा मुक्त बनाने में कामयाबी हासिल होगी। नशे के खिलाफ सभी एकजुट होकर जज्बे व जुनून के साथ काम करें ताकि एक नशामुक्त समाज का निर्माण हो सके।
उन्होंने कहा कि नशामुक्ति की शुरूआत स्वयं से करते हुए दूसरों को इस बारे जागरूक करें और नशा न करने के लिए प्रेरित करें। लोगों को नशा के दुष्प्रभावों के बारे में बताएं और नशा न करने के लिए जागरूक करें। खेलों व अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी दें, ताकि वे अपनी ऊर्जा समाजहित में लगा सके। जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिकारी, कर्मचारी व स्वयंसेवी संस्थाएं मिशन के रुप में कार्य करें, इससे न केवल हम युवाओं को नशे से बचा पाएंगे बल्कि जिला को नशा मुक्त बनाने में भी अवश्य कामयाब होंगे।