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गांव रिसालिया खेड़ा व सुखेराखेड़ा में महिलाओं ने प्रभात फेरी निकाल कर ग्रामीणों को दिया पराली न जलाने का संदेश

सिरसा, 2 नवम्बर।

महिला स्वयं सहायता समूहों ने ग्रामीणों को किया पराली न जलाने के लिए प्रेरित


                 हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सचालित महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने गांव रिसालिया खेड़ा व सुखेराखेड़ा में प्रभात फेरी निकाल कर ग्रामीणों को पराली न जलाने का संदेश दिया।


                 यह जानकारी देते हुए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक दयानंद जांगड़ा ने बताया कि प्रभात फेरी के दौरान महिलाओं ने ग्रामीणों को पराली जलाने से पर्यावरण व मानव जीवन पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान महिलाओं ने ‘समझे हैं समझाएंगे-पराली नहीं जलाएंगेÓ नारे भी लगाए। उन्होंने बताया कि धान की पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, सबसे अधिक वायु प्रदूषित होती है। वायु में उपस्थित धुएं से आंखों में जलन एवं सांस लेने में दिक्कत होती है। प्रदूषित कणों के कारण खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है, प्रदूषित वायु के कारण फेफड़ों में सूजन, संक्रमण, निमोनिया एवं दिल की बिमारियों सहित अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ-साथ किसानों के पराली जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता लगातार घट रही है। इस कारण भूमि में पोषक तत्वों में कमी आई है और मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है, जिससे फसलों में विभिन्न प्रकार की नई बिमारियां उत्पन्न हो रही हैं। इस अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने शपथ ली कि वे न तो स्वयं पराली जलाएंगे और अन्य लोगों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे। इस मौके पर खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक जगदीप सिंह भी मौजूद थे।

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