*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला और हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन ने गांव रत्तेवाली में किया प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

बाजरे के लड्डू, चौलाई के उत्पाद, बाजरे का चिल्ला का व्यवसाय करें शुरू – डा. अंजू मनोचा

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पंचकूला, 23 अगस्त :    हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला और हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के आपसी सहयोग से फल, सब्जी व मोटे अनाज के प्रसंस्करण व प्रशिक्षण विषय पर बरवाला ब्लॉक के गांव रत्तेवाली में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण शिविर में लगभग 35 महिलाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। फल व सब्जी की कटाई उपरांत होने वाले नुकसान को कम करने और मूल्य संवर्धन करके अच्छा लाभ कमाने के सभी पहलुओं पर बात की गई। आज मार्केट की मांग के अनुसार प्रसंस्करण, डिब्बा बंदी, ग्रेडिंग, सोर्टिंग इतियादी करके अपना व्यवसाय शुरू करें।

गृह वैज्ञानिक प्रोफेसर डा. अंजू मनोचा ने बताया कि मोटे अनाज की बहुत ही ज्यादा जरूरत है और उन्होंने मोटे अनाज को अपने भोजन में सम्मिलित करने का आह्वान किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे बाजरे के लड्डू,  चौलाई के उत्पाद, बाजरे का चिल्ला आदि उत्पाद बनाकर दिखाएं। यहां ट्राई सिटी मे मांग के अनुरूप प्रसंस्करण करके अपने आर्थिक स्तर को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं को समूह में रहकर काम करने की अपील की।

बागवानी विशेषज्ञ डा. राजेश लाठर ने बताया कि फल व सब्जी का हमारे भोजन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। फल हुए सब्जी खनिज पदार्थ व विटामिन के प्राकृतिक स्रोत हैं। हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखने में पानी, रेशा, खनिज, प्रोटीन और वसा का बहुत योगदान है जो हमें फल और सब्जी से सीधे तौर पर मिलते हैं। उन्होंने बताया कि फल व सब्जी हमारी थाली का हिस्सा होने चाहिए और जब बाजार में इनके दाम कम होते हैं तो इनका प्रसंस्करण करके न ही केवल लंबे समय तक रखा जा सकता है, बल्कि मूल्य संवर्धन करके अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। विपणन के लिए शुरू में ग्रामीण मार्केट को कवर करना चाहिए।

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