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अल्केमिस्ट अस्पताल की बड़ी उपलब्धि

मरीज को बेहोश किए बिना दिमाग की रसौली का सफल आप्रेशन किया
मरीज गायत्री मंत्र का जाप करता रहा, डाक्टरों ने निकाल दी दिमाग की रसौली
अल्केमिस्ट अस्पताल के डाक्टर का कहना है कि बेहोश किए बिना आप्रेशन (अवेक क्रेनियोटॉमी) अधिक फायदेमंद, क्योंकि मरीज साथ के साथ प्रतिक्रिया देता है

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पंचकूला, 16 फरवरी ( ): अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने मरीज को आप्रेशन दौरान बेहोश किए बिना उसकी दिमाग की रसौली (टयूमर) का सफल आप्रेशन करके एक मिसाल कायम की है। अस्पताल के न्यूरो सर्जरी के कंस्लटेंट डा. मनीष बुद्धिराजा की अगुवाई में डाक्टरों की टीम ने ओजस अस्पताल पंचकूला के कंस्लटेंट डा. प्रशांत मसकारा के सहयोग से यह आप्रेशन किया।
अवेक क्रेनियोटॉमी एक ऐसी तकनीक है, जिससे सर्जरी के दौरान दिमाग के किसी अहम हिस्से में जख्म से बचाव हो जाता है, तथा जिस हालत में मरीज की निगरानी साथ-साथ चलती रहती है। डा. मनीष बुद्धिराजा ने कहा कि इस तकनीक द्वारा सर्जरी दौरान मरीज अपना सिर उठा सकता है तथा इधर-उधर घुमा सकता है। उन्होंने बताया कि सोलन से एक 28 वर्षीय मरीज अल्केमिस्ट अस्पताल में दाखिल हुआ, जिसको बार-बार दिमागी दौरे पड़ते थे। टेस्टों दौरान पता लगा कि उसके दिमाग में रसौली है, जिसको बाहर निकालना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सर्जरी दौरान मरीज पूरी तरह होश में रहा तथा गायत्री मंत्र का उच्चारण करता रहा। इसके अलावा वह अपने हाथ तथा बाजू भी हिलाता रहा, जिससे सर्जरी में कामयाबी हासिल हुई। 


इसी तरह एक अन्य 34 वर्षीय मरीज अस्पताल में दाखिल हुआ, जिसको दिमागी दौरे पड़ते थे। एमआरआई से पता लगा कि मरीज के दाईं तरफ रसौली है, जो शरीर के बाएं अंगों हाथों-पैरों को कंट्रोल करता है। उसका आप्रेशन भी बिना बेहोश किए बिना किया गया, जो कामयाब रहा।

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डा. प्रशांत मसकारा ने बताया कि दिमाज के आप्रेशन दौरान यह विधि डाक्टर तथा मरीज दोनों के लिए फायदेमंद है।