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सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

सीएचसी मालिक किसानों को पराली प्रबंधन बारे करें प्रेरित : उपायुक्त

सिरसा, 12 नवंबर।

सीएचसी मालिक किसानों को पराली प्रबंधन बारे करें प्रेरित : उपायुक्त


               पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट बहुत ही सख्त है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार भी पराली प्रबंधन को लेकर दृढता पूर्वक प्रयासरत है। इस दिशा में किसानों को जागरूक व पराली प्रबंधन बारे प्रेरित करके ही पराली जलाने पर पूर्णतया रोक लगाई जा सकेगी। इस कार्य में कस्टम हायरिंग सैंटर(सीएचसी) मालिक अहम भूमिका निभा सकते हैं।


                यह बात उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने गत सायं पंचायत भवन में जिला के कस्टम हायरिंग सैंटर मालिकों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। बैठक में कस्टम हायरिंग सैंटर मालिकों ने अपने-अपने सुझाव सांझा किए, वहीं पराली प्रबंधन बारे अपने अनुभव भी बताएं। इस अवसर पर उप कृषि निदेशक बाबू लाल सहित अन्य कृषि अधिकारी उपस्थित थे।


                उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि पराली जलाने पर रोक के लिए सभी को काम करने की जरूरत है, विशेषकर किसानों को स्वयं जागरूक होना होगा और इसके नुकसान को समझना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार पराली प्रबंधन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में अनेकों पराली प्रबंधन उपकरण सब्सिडी पर मुहैया करवा रही है। इसी कड़ी में उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने उपस्थित सीएचसी मालिकों को कहा कि वे इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। सभी अपने-अपने सैंटर पर उपलब्ध उपकरणों की सूची चस्पा करना सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को इनके बारे में जानकारी हो सके। इसके अलावा अपने सैंटर व पराली उपकरणों का प्रचार करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इन उपकरणों का लाभ उठा सकें।

सीएचसी मालिक किसानों को पराली प्रबंधन बारे करें प्रेरित : उपायुक्त


                उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पराली जलाने की एक भी घटना न होने देने के आदेश दिए हैं और यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए स्वयं जागरूक होकर इस दिशा में पराली का सही प्रबंधन करके इस समस्या को पूर्णतय खत्म करने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करने की दिशा में पराली को जलाने की बजाय उपकरणों की मदद से प्रबंधन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए किसान को एक फार्म के माध्यम से अंडरटेकिंग देनी होगी कि उसने अपनी पराली का प्रबंधन उपकरणों की मदद से किया है। इस फार्म पर सरपंच के भी हस्ताक्षर होंगे। उन्होंने बताया कि किसान द्वारा दी गई अंडरटेकिंग को वेरीफाई करने के लिए प्रत्येक गांव में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यदि किसी किसान ने अपने खेत में पराली को आग लगाई है तो उसे किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कस्टम हायरिंग सैंटर विशेष रूप से भूमिका निभाएं ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतया प्रतिबंध लग सके।


                इस दौरान कईयों ने उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन बारे अपने अनुभव सांझा किए। एक किसान ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उसने हैप्पी सीडर के माध्यम से खेत में गेंहूं की बुआई करते हुए कई साल हो गए हैं। हैप्पी सीडर से बुआई से उत्पादन पर किसी प्रकार कोई प्रभाव नहंीं पड़ता है बल्कि खेत में पराली के गलने वाली खाली खाद जमीन को उपजाऊ बनाने का काम करती है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे हैप्पी सीडर या सुपर सीडर से खेत में बुआई करके पराली प्रबंधन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसी प्रकार किसान सरबजीत ने बताया कि जहां पहले उसने प्रशासन की ओर से हैप्पी सीडर के इस्तेमाल के अनुरोध का विरोध किया था। लेकिन जब उन्होंने हैप्पी सीडर का प्रयोग कर बुआई की तो सभी शंकाएं दूर हो गई और आज मैं पराली के खेत में हैप्पी सीडर से बुआई कर रहा हूं। इससे मुझे किसी प्रकार कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि पराली के सही प्रबंधन के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति बढी है।

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पराली जलाने की एक भी घटना न हो और तुरंत दर्ज करें एफआईआर : एसीएस गुप्ता

सिरसा, 12 नवंबर।

पराली जलाने की एक भी घटना न हो और तुरंत दर्ज करें एफआईआर : एसीएस गुप्ता


           अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने कहा कि सिरसा जिला में भविष्य में पराली जलाने की एक भी घटना न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारी गंभीरता व सजगता से ड्यूटी करें। पराली जलाने वालों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करवाएं और जुर्माना भी लगाए। इसके अलावा जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है फास्ट ट्रेक के माध्यम से मुकदमों का निपटान करवाया जाएगा ताकि दोषी व्यक्ति को सजा मिले और दूसरों को सबक। पराल से प्रदूषण रोकने व पराली प्रबंधन की ड्यूटी में लगे नोडल अधिकारी व अन्य अधिकारी महज औपचारिकता न निभाएं और गंभीरता से अपनी ड्यूटी करें। ड्यूटी में लापरवाही व कोताही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


               वे आज स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में जिला सिरसा में पराली जलाने की घटनाओं व पराली प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद संयम गर्ग, एसडीएम डबवाली डा. विनेश कुमार, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।


               उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ रहा प्रदूषण बेहद चिंता का विषय है और प्रदूषित जहरीली हवा के कारण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को साधन मुहैया करवाना भी प्रशासन की जिम्मेवारी है। कृषि विभाग के अधिकारी व पराली प्रबंधन के नोडल अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को पराली प्रबंधन के फायदे बताएं और मुकदमा दर्ज होने व जुर्माना होने वाली परेशानी के बारे में भी अवगत करवाएं। उन्होंने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिये कि ग्राम पंचायतों से पराली काटने के लिए बड़े व छोटे स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें और प्रस्ताव पारित करवा कर जिला प्रशासन को भेजें। इससे ग्राम पंचायत की आमदनी बढ़ेगी और किसानों की समस्या का भी समाधान होगा। स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए पंचायतों को पीआरआई के माध्यम से लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराली के इस्तेमाल के और अधिक विकल्प तलाशने के संबंध में भी विशेष दिशा-निर्देश दिए।

पराली जलाने की एक भी घटना न हो और तुरंत दर्ज करें एफआईआर : एसीएस गुप्ता


               उन्होंने गत वर्ष जिला में पराली से आगजनी की घटनाओं व एफआईआर पर हुई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि गांव मंगाला में पिछली बार 128 घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार अबतक 40 प्रतिशत फसल कटाई के बावजूद एक भी फसल अवशेष जलाने की घटना नहीं हुई, जोकि बहुत ही सराहनीय है।  इसके लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व ग्रामीणों को बधाई दी। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं बढ रही है, जो बेहद चिंतनीय है। अधिकारी इन विशेष क्षेत्रों को चिह्निïत करके गंभीरता से अपना कार्य करें और किसी किस्म की लापरवाही न बरतें। सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं।


               बैठक में उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने जिला में पराली प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला में 5 नवम्बर तक एक लाख एक हजार मीट्रिक टन गैर बासमती धान की खरीद की जा चुकी है। जिला में पराली आगजनी की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंच व नंबरदार के माध्यम से कड़ी नजर रखी जा रही है। किसानों को समझाने व जागरूक करने के बावजूद जो किसान पराली में आग लगा रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।


इस बैठक में सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी व पराली प्रबंधन के लिए तैनात नोडल अधिकारी मौजूद थे।



               गांव मंगाला में पिछली बार 128 घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार अबतक 40 प्रतिशत फसल कटाई के बावजूद एक भी फसल अवशेष जलाने की घटना नहीं हुई, जोकि बहुत ही सराहनीय है।  इसके लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व ग्रामीणों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे जागरूक गांवों व किसानों को सम्मानित करने के साथ-साथ अन्य गांवों में भी जागरूकता कार्यक्रम में ऐसे किसानों के माध्यम से दूसरे किसानों को भी जागरूक किया जाए।

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Akshit Khurana को जन्मदिन की शुभकामनाएँ

News 7 World:

Akshit Khurana को न्यूज़ 7 वर्ल्ड (News7world) की तरफ से आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ !

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शिक्षक स्वच्छता अभियान में भागीदारी कर सामाजिक दायित्व निभाएं : सुभाष चंद्र

सिरसा 8 नवंबर।

स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने स्वच्छता प्लास्टिक फ्री एवं जल संचय पर प्रधानाचार्यों की कार्यशाला को किया संबोधित


             हर कोई चाहता है कि उसके आस-पास का वातावरण स्वच्छ हो, किसी प्रकार की गंदगी ना हो लेकिन करने की दृढइच्छा किसी में नही। भले ही आज हम स्वच्छता के प्रति संकल्पित ना हो रहे हो, लेकिन एक दिन इसे हमें मजबूरीवश करना पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि आज ही हम इसे चुनौती के रूप में लेकर एक स्वच्छ प्रदेश व देश के निर्माण में भागीदार बनें और इस कार्य में शिक्षक अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


                 यह बात स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने सोमवार को स्थानीय पंचायत भवन में स्वच्छता प्लास्टिक फ्री एवं जल संचय पर आयोजित स्कूलों के प्रधानाचार्यों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में जिला के सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व प्रभारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान व डीपीएम से सुखविंद्र सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


                 श्री चंद्र ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में पर्यावरण असुंतलन चुनौती बन गई है और इसे निपटन के लिए सभी को साथ मिलकर काम करते हुए स्वच्छता के प्रति जागरूक होना होगा। इस कार्य में शिक्षक अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। जितने भी आंदोलन या अभियान सामजिक रूप से सफल हुए हैं, उनके पीछे शिक्षकों की अहम भागीदारी रही है। इसलिए शिक्षक स्वच्छता अभियान में अपनी अग्रणी हिस्सेदारी कर लोगों को साफ-सफाई व पानी संचय जैसे सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसके आसपास का वातावरण स्वच्छ रहे। लेकिन इस ओर कार्य करने की इच्छा उतनी नहीं है, जितनी अपेक्षित है। इसलिए सभी को संकल्प लेकर एक स्वच्छ प्रदेश व देश का निर्माण करना होगा।


                 उन्होंने कहा शिक्षक का शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्व भी होता है। इसलिए शिक्षक अपने स्कूलों के माध्यम से अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को साफ-सफाई, जल संचय व प्लास्टिक के प्रयोग न करने बारे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में कमेटियां गठित कर इस दिशा में प्रभावी रूप से कार्य किया जा सकता है। एक कमेटी स्वच्छता की बनाई जाए जोकि बच्चों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे। इसी प्रकार एक कमेटी जल संचय के लिए बनाई जाए, जो कि पानी बचत के बारे में गांव में स्कूली बच्चों द्वारा रैली आदि निकलवाकर लोगों को जागरूक करे।


                 जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान ने मुख्यअतिथि व उपस्थित प्रधानाचार्यों का यहां पहुंचने पर धन्यवाद करते हुए कहा कि सिरसा हमेशा सामाजिक जागरूकता में आगे रहा है। इसका उदाहरण सिरसा का सबसे पहले ओडीएफ होना है। जिस प्रकार से खुल में शोच मुक्त अभियान को सफल बनाने में सिरसा अग्रणी रहा था, ठीक उसी प्रकार स्वच्छता में सिरसा अव्वल रहेगा और इसके लिए सभी मिलकर प्रयारत हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा के सभी स्कूलों में समय-समय पर स्वच्छता बोर प्रतियोगिताएं व रैलियां निकालकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।  

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पारदर्शिता के साथ सरकार चलाना भाजपा-जजपा गठबंधन की प्राथमिकता : दुष्यंत चौटाला

सिरसा, 11 नवंबर।

उप मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर नागरिकों की समस्याएं सुनी और समाधान का दिया आश्वासन


           हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में स्थाई तौर व पारदर्शिता के साथ सरकार चलाना भाजपा-जजपा गठबंधन की प्राथमिकता रहेगी। इसके अलावा नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा मिले इसके लिए सरकार द्वारा कारगर कदम उठाए जाएंगे।


               श्री चौटाला सोमवार को अपने निवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने गुरुनानक देव जी के 550वें साला प्रकाश उत्सव की दी बधाई देते हुए गुरुनानक देवजी के सिद्धांतों को अपने जीवन मे उतारे और देश की उन्नति के लिए मिलकर आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बीजेपी व जेजेपी के गठबंधन की प्रदेश में पारदर्शी सरकार चलाने की प्राथमिकता रहेगी और प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किसानों व पंचायतों को विशेष उपकरण अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए आमजन को प्रेरित किया जा रहा है।


               उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में ग्राम पंचायत अगर प्रस्ताव पास करती है तो उन गांवों में शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश का समान रूप से विकास और नागरिकों को सरलता से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्राथमिकता रहेगी। युवाओं को रोजगार परक शिक्षा व रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी सरकार की प्राथमिकता रहेगी। इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर आमजन की समस्याएं सुनी और उनके समाधान का आश्वासन दिया।

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गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल व पराली प्रबंधन पर 1000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे : मुख्य सचिव

सिरसा, 11 नवंबर।


              सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं। इसके बावजूद यदि कोई किसान खेतों में पराली को आग लगाता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए और उस पर जुर्माना लगाया जाए।

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से की पराली प्रबंधन कार्य की समीक्षा


                  यह निर्देश हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ आयोजित पराली प्रबंधन योजना की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रदेश में पराली जलाने की एक भी घटना न होने दी जाए और यदि कहीं चोरी-छिपे आग लगाई जाती है तो उसके लिए जिम्मेदार किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


                  मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करने की दिशा में सरकार ने गैर बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 6 से 15 नवंबर के बीच मंडियों में गैर बासमती धान बेचने वाले किसानों को इस योजना का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत लाभ मिलेगा। इसके साथ ही अपनी पराली का जलाने की बजाय उपकरणों की मदद से प्रबंधन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए किसान को एक फार्म के माध्यम से अंडरटेकिंग देनी होगी कि उसने अपनी पराली का प्रबंधन उपकरणों की मदद से किया है। इस फार्म पर सरपंच के भी हस्ताक्षर होंगे।


                  उन्होंने बताया कि किसान द्वारा दी गई अंडरटेकिंग को वेरीफाई करने के लिए प्रत्येक गांव में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यदि किसी किसान ने अपने खेत में पराली को आग लगाई है तो उसे किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पात्र किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित सभी लाभ प्राथमिकता के आधार पर प्रदान करें। उन्होंने जरूरत के अनुसार जिलों में स्ट्रा बेलर्स की संख्या में बढ़ोतरी करने को भी कहा। उन्होंने सभी उपायुक्तों को पराली प्रबंधन कार्य की प्रतिदिन आधार पर समीक्षा करके उन्हें रिपोर्ट भिजवाने को कहा।

पराली जलाने की प्रत्येक घटना पर कड़ा संज्ञान लेने व एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए


मुख्य सचिव ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में पराली के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के संबंध में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो इस संबंध में सभी संभावनाएं तलाश करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में स्ट्रा-पेपर मिल्स, ऊर्जा उत्पादक इकाइयों व बायो-फ्यूल्स यूनिट्स में पराली का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को पराली के इस्तेमाल के और अधिक विकल्प तलाशने के संबंध में भी विशेष दिशा-निर्देश दिए।


                  उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने वीडियो कॉफ्रेंस के दौरान सिरसा जिला में पराली प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला में 5 नवम्बर तक एक लाख एक हजार मीट्रिक टन गैर बासमती धान की खरीद की जा चुकी है। जिला में पराली जलाने वाले 31 व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जिला में पराली आगजनी की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंच व नंबरदार के माध्यम से कड़ी नजर रखी जा रही है। किसानों को समझाने व जागरूक करने के बावजूद जो किसान पराली में आग लगा रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।


                  वीडियो कॉफ्रेंस कक्ष में एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम ऐलनाबाद संयम गर्ग, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, जिला राजस्व अधिकारी राजेंद्र कुमार, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अशोक बंसल, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता जसविंद्र सिंह चौहान, क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर सुखदेव, सचिव मार्केट कमेटी मौजूद थे।

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पर्यावरण को बचाने व स्वच्छता की दिशा में फूलों की खेती को बढावा देना और हर घर को फूलों के माध्यम से हरा भरा बनाने का संकल्प सराहनीय है।

सिरसा, 11 नवंबर।

पर्यावरण को बचाने व स्वच्छता की दिशा में फूलों की खेती को बढावा देना और हर घर को फूलों के माध्यम से हरा भरा बनाने का संकल्प सराहनीय है। इसके लिए डा. राम जी जयमल के नेतृत्व में एनजीओ आपसी की टीम बेहतर कार्य कर रही है जिससे दूसरे लोग भी प्रेरित हो कर फूलों की खेती को बढावा दे रहे है।


                यह बात अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके गुलाटी ने सोमवार को गांव दड़बी में डा. राम जी जयमल के खेत में प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एनजीओ आपसी द्वारा गत वर्ष भी 12 करोड़ फूलों की विभिन्न किस्मों के पौधे वितरित किए गए थे। इस वर्ष आपसी संस्था का लक्ष्य 50 करोड़ से अधिक फूलों की पौध वितरित करने का है जिससे न केवल पर्यावरण स्वच्छ बने बल्कि फूलों की खेती की ओर आम नागरिक का रुझान भी बढेगा। उन्होंने कहा कि डा. राम जी जयमल पिछले 13 वर्षों से इस दिशा में निस्वार्थ भाव से फूलों की खेती कर निशुल्क पौधे वितरित कर रहे हैं। इसके साथ-साथ आमजन को भी इस दिशा में प्रेरित करने में लगे हुए हैं। आपसी संस्था से प्रेरित हो कर ही विभिन्न विभाग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। संस्था द्वारा स्कूलों को हरा भरा बनाने व बच्चों को पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर वर्ष हजारों फूलों की पौध स्कूलों में भेजे जाते हैं।


                अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि पशुपालन विभाग हरियाणा द्वारा पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू की बीमारी से बचाने के लिए एचएस प्लस, एफएमडी के 60 लाख टीके लगाए गए। पशुओं को एचएस प्लस व एफएमडी के टीके लगाने वाला हरियाणा पहला प्रदेश है। इन टीकों के माध्यम से पशुओं में न केवल मुंहखुर व गलघोटू जैसे बीमारियों पर अंकुश लगा बल्कि अन्य बीमारियों से भी निजात मिली है। दुधारु पशुओं को बढावा देने व नस्ल सुधार की दिशा में सरकार द्वारा कारगर योजनाएं लागू की गई है जिसके तहत पशुओं का बीमा व पशुपालकों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न योजनाओं में अनुदान भी प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि पशु पालक भी पशुओं की बढिया देखभाल करें और उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। विभाग द्वारा हर पशु का ध्यान नाम से एक मोबाईल एप लॉच की गई गई जिसके माध्यम से पशु पालक सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ अपने पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने व अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता के उपरांत अतिरिक्त मुख्य सचिव ने डा. राम जी जयमल द्वारा की जा रही फसलों की विभिन्न किस्मों की जानकारी हासिल की और उनके संकल्प व प्रयास के लिए पीठ थपथपाई।


                इस अवसर पर पशुपालन विभाग से उप निदेशक सिरसा सुखविंद्र सिंह, उप निदेशक फतेहाबाद काशी राम, वैटरनरी सर्जन डा. कुलभूषण, डा. सुरेंद्र सिंह, डा. शिव कुमार, डा. मुकेश बेनीवाल, डा. पारस बेनीवाल, किसान पूर्ण मोमी, मनीष कंबोज, जगदीश सिंहपुरा, परविंद्र बरुवाली, चौ. धर्म चंद, सर्व मित्र सहित अन्य किसान मौजूद थे।

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तृतीय राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ सम्पन्न

सिरसा, 10 नवंबर।


              सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे और सफलता प्राप्त करने के लिए तंदुरुस्त शरीर में एक स्वस्थ मन का होना बहुत ही जरूरी है। किसी भी महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उस पर ध्यान केंद्रीत करने के लिए मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य का होना बहुत आवश्यक है। खेल खेलना उच्च स्तर का आत्मविश्वास जगाता है तथा वह हमें अनुशासन सिखाता है, जो हमारे साथ जीवन भर रहता है।


              वे आज स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम में तृतीय राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के अंतर्गत जिला सिरसा ने बॉस्केटबाल व जुड़ो प्रतियोगिता की मेजबानी की है। पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने की। इस मौके पर खेलों के नोडल अधिकारी एवं एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कुमार बेनीवाल सहित भारी संख्या में खिलाड़ी व उनके कोच मौजूद थे।


              सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों खेलों में आगे बढाने में सहयोग कर रही है और इस दिशा में सरकार द्वारा और अधिक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों में व्यायामशालाएं व स्टेडियम बना कर युवाओं में नशे जैसी लत को छोड़ कर खेलों से जोडऩे का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य, राष्टï्रीय व अंतर्राष्टïीय स्तर पर विजेता खिलाडिय़ों का पूरा मान सम्मान कर रही है। उन्होंने पद्मश्री अवार्डी वालीवॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा के संघर्ष का किस्सा भी सुनाया कि कैसे उन्होंने हादसे में अपना पैर गवाया और फिर भी होंसला न हारते हुए माउंट एवरेस्ट फतेह किया। अब अरुणिमा सिन्हा ने दुनिया की अन्य बड़ी चोटियों पर चढने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सभी टीमों के कोच को बधाई देते हुए कहा कि कोच टीम की ताकत होते हैं, कदम कदम पर खिलाडिय़ों काम मार्ग दर्शन करते हैं।


              उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने सांसद सुनीता दुग्गल का स्वागत किया और उन्होंने खेलों के सफल समापन के लिए खिलाडिय़ों, कोच व आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ आत्मा का निवास होता है। यदि आप शारीरिक रुप से तंदरुस्थ हैं तो कठिन से कठिन मंजिल प्राप्त की जा सकती है। खेल के समय में खिलाड़ी में एकाग्रता होनी बहुत जरूरी है। जब तक खिलाड़ी एकाग्र होकर खेल में नहीं रमते है तब तक कामयाबी नहीं मिल सकती। खेलों से बच्चे एकाग्रता सीखते हैं और एकाग्रता से पढाई या कोई अन्य लक्ष्य दूर नहीं रहता। एकाग्रता की भावना खेल से ही मिलती है। खेल हमारे सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही बेहतरीन टॉनिक है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खेल बहुत ही आवश्यक हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों से अपील की कि वे अपने काम, मेहनत, एकाग्रता व खेल से अन्य बच्चों को भी प्रेरित करें। उपायुक्त ने कहा कि खेलना हमारे, आत्मविश्वास के स्तर का निर्माण करता है और आगे बढने की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर सांसद सुनीता दुग्गल एवं उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने बास्केटबाल व जुड़ो के फाईनल मैचों को भी देखा तथा विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया। उन्होंने रोहतक व सोनीपत तथा कैथल व करनाल की टीमों का बास्केटबाल का मैच भी देखा।


              इस मौके पर मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश चाहर, जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल, वरिष्ठï भाजपा नेता प्रदीप रातुसरिया, पार्षद सुमन शर्मा, राजेश शर्मा, वरिष्ठï नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष लालचंद गोदारा सहित विभिन्न जिलों से आए खिलाड़ी व कोच मौजूद थे। 

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युवा बुजुर्गों के अनुभव को आधार मानकर बनाए अपना भविष्य उज्जवल : डीसी अशोक गर्ग

सिरसा, 9 नवंबर।


                   उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि समाज के नव निर्माण और स्वच्छ समाज की स्थापना के लिए हमारे बुजुर्गों की अहम भूमिका है। हमारे बुजुर्ग ही हमारे मार्ग दर्शक हैं, जो आने वाली युवा पीढी के सुखद भविष्य की रचना करते हैं। इसलिए हर नागरिक का दायित्व है कि बुजुर्गों के अनुभव को आधार मानकर अपना भविष्य उज्जवल बनाए और उनका हर कदम पर सम्मान करें।


                   वे आज स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम स्थित वरिष्ठï नागरिक एसोसिएशन सिरसा द्वारा आयोजित बैठक में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। बैठक में वरिष्ठï नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष लालचंद गौदारा सहित अनेक वरिष्ठï नागरिक मौजूद थे।


                   उपायुक्त ने कहा कि बुजुर्ग हमारे समाज की रीढ़ है। हम अपने जीवन में अपने बुजुर्गों से सीखते रहते हैं। आज के आधुनिकतावादी युग में बुजुर्गों को युवा कम महत्व दे रहे हैं जो चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग घर की शान होते है, हमें सदेव बुजुर्गों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि बुजुर्गों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने भी वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की है।


                   इस मौके पर जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कुमार बेनीवाल, वरिष्ठï नागरिक एचके लाल, प्रेम शर्मा, मनोहर लाल अरोड़ा, ख्यालीराम, राम कुमार, फौजी ओम प्रकाश जाखड़, राम चंद कंबोज, अंशोक कुमार भाटिया, गंगा बिशन वालिया, रूपराम ढाका, राज कुमार सहित अनेक वरिष्ठï नागरिक मौजूद थे। 

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अयोध्या विवाद निर्णय के चलते जिला में धारा 144 लागू

सिरसा, 09 नवंबर।

जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने जारी किए आदेश


               

  जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या विवाद में निर्णय दिए जाने के चलते जिला सिरसा में अमन, चैन व शांति बनाए रखने के लिए जिला में तुरंत प्रभाव से धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।


                   जिलाधीश द्वारा जारी आदेशानुसार जिला में सार्वजनिक स्थलों पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंद रहेगा। कोई भी व्यक्ति तेजधार हथियार जैसे कुल्हाड़ी, चाकू, छुर्रा, तलवार, साईकिल चैन, बरछी, फरसा, जेली, गंडासी, लाठी, बंदूक या पिस्तौल के साथ नहीं घूम सकता। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवलेहना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है किसी भी व्यक्ति को शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


             

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