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*'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' कृषि को सुदृढ एवं आत्मनिर्भर बनाने व किसानों के जीवन को बदलने में निभाएंगी महत्वपूर्ण भूमिका- मुख्यमंत्री*

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम सर्कल फोरम पंचकूला के उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के चेयरमैन एवं सदस्य मंच की कार्यवाही 5 अगस्त को पंचकूला में की जाएगी

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पंचकूला, 4 अगस्त उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम सर्कल फोरम पंचकूला के उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के चेयरमैन एवं सदस्य मंच की कार्यवाही दिनांक 5 अगस्त, 2025 (मंगलवार) को सुबह 11.30 बजे से अधीक्षण अभियंता, पंचकूला के कार्यालय, एससीओ नंबर – 96, पहली मंजिल, सेक्टर-5, पंचकूला में की जाएगी। इस दौरान केवल पंचकूला जिला के उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई की जाएगी।                                
                मंच के सदस्य, पंचकूला जिले के उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं की सुनवाई करेंगे जिनमें मुख्यतः बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनैक्शन काटने और जोड़ने बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा, विश्वसनीयता में कमी और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। बहरहाल, मंच द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126 तथा धारा 135 से 139 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के अनधिकृत उपयोग के मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी।
        सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया जाता है कि अपनी शिकायतों के निवारण के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं ।

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उपायुक्त की आमजन से अपील, समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का करवाएं निवारण

सोमवार व गुरूवार को प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक आयोजित किए जाते हैं समाधान शिविर

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पंचकूला 3 अगस्त- उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने जिलावासियों से समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का समाधान करवाने की अपील की। उन्होने बताया कि प्रत्येक सोमवार व गुरूवार को 10 बजे से 12 बजे तक समाधान शिविर का लघु सचिवालय, सैक्टर-1 के सभागार में आयोजन किया जाता है।

उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जिलावासियों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर समाधान शिविर का आयोजन करने का निर्णय लिया है। समाधान शिविर के आयोजन के पीछे मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि जिलावासियों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो ताकि उन्हें सरकारी कार्यालयों के बार बार चक्कर न काटने पडे। उन्होने बताया कि संबंधित अधिकारी लोगों की समस्याओं के समाधान करने में कोई कोताही न बरतें।

उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाना चाहिए। उन्होने सभी अधिकारियांे को निर्देश दिए कि हम सभी जिलावासियों की समस्याओं के तुरंत समाधान के लिए समाधान शिविर में अपनी उपस्थिति दर्शातें हैं, इसके अलावा हम सभी का नैतिक कर्तव्य भी है कि हम जिलावासियों की समस्याओं का तय समय में समाधान करें। उन्होने बताया कि लोगों की समस्याओं के समाधान में कोई कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा।

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पंचकूला, 2 अगस्त — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। सरकार के लिए कर्मचारियों के हित सर्वोपरि हैं और उनके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने अनेक कदम भी उठाए हैं। ग​त दिनों सीईटी परीक्षा का सफल आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से योग्य युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में स्थायी नौकरियां प्रदान की जाएंगी। 

मुख्यमंत्री आज पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से  बातचीत कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का संकल्प है कि नॉन स्टॉप प्रयास— नॉन स्टॉप विकास। इसी दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार तीन गुणा गति से हर क्षेत्र का समान विकास सुनिश्चित कर रही है। 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भाजपा ने अपने साढ़े 10 साल के कार्यकाल में 1 लाख 85 हजार से अधिक नौकरियां युवाओं को दी हैं जबकि कांग्रेस के 10 साल के शासन में 80 हजार नौकरियां दी गई। जिनमें भ्रष्टाचार की दलदल थी। आज ​हमारी सरकार बिना पर्ची—बिना खर्ची मेरिट के आधार पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा रही है। 

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार जनता से अनेक वायदे कर सत्ता में आई। महिलाओं को 2 हजार रुपये देने का वायदा किया लेकिन सरकार ने वायदे पूरे नहीं किए जिससे पंजाब के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और उनका सरकार से मोह भंग हो गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हरियाणा में महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ देने के लिए पोर्टल शुरू किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को कम भाव मिलने पर भरपाई की जा रही है। इसके अलावा, फसल खराबे के लिए सरकार ने किसानों को अब तक 15,284 करोड़ रुपये दिए हैं। गत दिवस भी किसानों को मुआवजे के तौर पर 58 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

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हरियाणा में हुआ छठे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में किया शुभारंभ

26 खेलों में प्रदेश के कुल 15,410 खिलाड़ी लेंगे भाग

खेल महाकुंभ केवल आयोजन नहीं, बल्कि युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच – मुख्यमंत्री

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पंचकूला, 2 अगस्त — हरियाणा में आज खेल भावना और युवा ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में छठे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कबड्डी मैच की शुरुआत कर खेल महाकुंभ का विधिवत शुभारंभ किया और प्रतिभागी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस वर्ष के खेल महाकुंभ में प्रदेश के 15,410 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो कुल 26 विभिन्न खेलों प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह खेल महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह युवाओं के सपनों को उड़ान देने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर पहचान मिलती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुम्भ की शुरुआत हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष 2017 में की गई थी। तब से अब तक पांच खेल महाकुम्भों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। 

2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा अधिक से अधिक पदक लाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इन खेलों की मेज़बानी भारत में करवाने का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस दिशा में हरियाणा पहले ही सक्रियता से कार्य कर रहा है और व्यापक स्तर पर तैयारियाँ शुरू कर चुका है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ी देश के लिए सर्वाधिक पदक जीतकर भारत को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाएंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर गांव एक ऐसा खिलाड़ी तैयार करे, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का तिरंगा फहराए। इसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में ‘खेल महाकुंभ’ का आयोजन एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हमारा दीर्घकालिक उद्देश्य केवल हरियाणा को भारत की खेल राजधानी बनाना नहीं, बल्कि उसे विश्व की खेल राजधानी के रूप में स्थापित करना है। 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल महाकुंभ के अलावा, प्रदेश में साल भर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए खेल कैलेण्डर भी तैयार किया जाता है। इस वर्ष के कैलेण्डर के अनुसार इस खेल महाकुम्भ के अलावा, राज्यस्तरीय अखाड़ा दंगल, मुक्केबाजी, वॉलीवाल, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, तैराकी, बास्केटबॉल, ताइक्वांडो, जिम्नास्टिक्स, हैंडबॉल इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले हमने हरियाणा में खेलों के लिए हर बच्चे को खेल से जोडने, हर गांव में खेल का मैदान बनाने और युवाओं को अवसर देने का विजन लिया था।

उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज हरियाणा को ‘खेलों की नर्सरी’ कहा जाता है। हमें खिलाड़ियों पर गर्व है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। चाहे वे ओलंपिक खेल हों, एशियाई खेल हों या राष्ट्रमंडल खेल हों, हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर मोर्चे पर तिरंगे को ऊंचा फहराया है। खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में देश द्वारा जीते गये 6 पदकों में से 5 पदक जीते। इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत द्वारा जीते गए 7 पदकों में से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हासिल किए। यही नहीं, एशियाई खेलों में भी हमारा प्रदर्शन बड़ा ही सराहनीय रहा है। हांग्जो एशियाई खेल-2022 में, राज्य के 82 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें देश के 111 पदकों में से 28 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। राष्ट्रमंडल खेलों में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 के दौरान हरियाणा के खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते। ये उपलब्धियां हमारी दूरदर्शी खेल नीतियों का परिणाम हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खेल महाकुम्भ युवाओं की प्रतिभा को आगे बढ़ाने का माध्यम है। इसका उद्देश्य हर उस युवा को मंच प्रदान करना है, जो खेल में अपना भविष्य देखता है। बचपन से ही खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में खेल नर्सरियां खोली हुई हैं। इनमें उन्हें वित्तीय सहायता व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस समय प्रदेश में 1489 खेल नर्सरियां कार्यरत हैं। इनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन नर्सरियों में नामांकित 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 वर्ष की आय आयु के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रति माह दिये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ बनाये हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाये गये। सरकार ने 224 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी है। खिलाड़ियों के लिए क्लास-वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सबसे अधिक नकद पुरस्कार देता है। अब तक खिलाड़ियों को 593 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए हैं। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 298 खिलाड़ियों को मानदेय भी दिया जा रहा है। राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले तथा पदक जीतने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014 से अब तक 29 हजार से अधिक छात्रों को 53 करोड़ 45 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। खिलाडियों को खेल उपकरण भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए हरियाणा खेल उपकरण प्रावधान योजना बनाई है। इसके तहत 15,634 खिलाड़ियों को उपकरण प्रदान किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि बचपन से ही खेलों के लिए प्रोत्साहन व प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। राज्य में मजबूत खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है ताकि खिलाड़ियों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकें। इस खेल महाकुम्भ के माध्यम से हम स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति भी जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं। निरंतर फिटनेस पर ध्यान देना उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ हरियाणा में खेलों के एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह युवाओं को प्रेरणा देगा, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हरियाणा को खेलों की दुनिया में एक नई पहचान दिलाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।

हरियाणा खेलों का सिरमौर, खेल महाकुंभ के ज़रिए युवाओं को मिल रही नई ऊर्जा और पहचान – राज्य मंत्री गौरव गौतम

खेल तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि इस खेल महाकुंभ में प्रदेशभर से 15 हजार से अधिक खिलाड़ी 26 खेल विधाओं में भाग लेंगे, जो ‘खेलो इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों से भी बड़ी भागीदारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का युवाओं की ओर से अभिनंदन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हरियाणा सरकार खेलों को गाँव और ज़िला स्तर तक ले जाकर प्रतिभाओं को तराशने का कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांव स्तर पर खेल नर्सरियाँ खोलकर ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रही है। केंद्र सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविधा देकर खेल की प्रतिभा को निखारने का काम कर रही है। वहीं हरियाणा सरकार मिशन ओलंपिक विजय भव: के माध्यम से खिलाड़ियों को तराशने का काम कर रही है ताकि 2036 में हरियाणा के खिलाड़ी अधिक से अधिक मेडल लेकर आएं। ओलंपिक 2036 को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइंस और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग सुविधाएं दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि आज खेलों में हरियाणा देश का सिरमौर बन चुका है। भारत की आबादी का लगभग 2 प्रतिशत वाला हरियाणा के खिलाड़ियों का 60 प्रतिशत से ज्यादा मैडल पर कब्जा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पूरी दुनिया में खेलों के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन पॉलिसी के तहत पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी देने का काम राज्य सरकार कर रही है।

खेल राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में खेलों पर केवल 33 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि वर्तमान सरकार वर्ष 2014 से 2024 तक 600 करोड़ रुपये खिलाड़ियों और खेलों पर खर्च कर चुकी है। हरियाणा के खिलाड़ियों की ऊर्जा, मेहनत और नायाब खेल नीति की बदौलत खिलाड़ियों ने प्रदेश व देश का नाम विश्व मंच पर रोशन किया है। 

इस अवसर पर सांसद श्री कार्तिकेय शर्मा, कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल, प्रदेश की बीजेपी उपाध्यक्ष बतो कटारिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, खेल विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क, निदेशक श्री संजीव वर्मा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बबीता फौगाट और दीपक हुड्डा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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जनहित सर्वोपरि की भावना से कार्य करें कर्मचारी- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा विकास और नवाचार की धरती, आज हर क्षेत्र में छू रहा नई ऊँचाइयाँ — मुख्यमंत्री

विपक्ष के नेता लगाते थे नौकरियों की बोली, जबकि हमारी सरकार युवाओं को मेरिट पर दे रही नौकरियाँ — मुख्यमंत्री

सरकार का लक्ष्य सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर हरियाणा का निर्माण — नायब सिंह सैनी

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पंचकूला,2 अगस्त — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कर्मचारी राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ हैं और प्रदेश के विकास में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों का कार्यक्षेत्र चाहे जो भी हो, भावना केवल एक होनी चाहिए ‘जनहित सर्वोपरि’। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से आह्वान  किया कि सभी एक टीम की तरह मिलकर एक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर हरियाणा का निर्माण करें।

मुख्यमंत्री शनिवार को पंचकूला में आयोजित नवनियुक्त ग्रुप—डी कर्मचारियों के परिचयात्मक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

श्री नायब सिंह सैनी ने कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकारी नौकरी मात्र नौकरी नहीं होती, बल्कि यह उस मातृभूमि की सेवा का अवसर होता है, जिसने हमें सब कुछ दिया। उस समाज की सेवा जिसने हमें पहचान दी। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी जनता और शासन के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा विकास और नवाचार की धरती है। हरियाणा आज देश में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल गवर्नेस जैसे हर क्षेत्र में हम नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह सफलता केवल नीति-निर्माताओं की नहीं, यह सफलता मेहनती और ईमानदार अधिकारियों व कर्मचारियों की भी है, जो दिन-रात अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। इसलिए कर्मचारियां को सदैव उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सेवा, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की भावना के साथ कार्य करते रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में हर क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वर्ष 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 14वें स्थान पर था, लेकिन पिछले 11 वर्षों में आर्थिक उन्नति के बाद आज भारत की अर्थव्यस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन चुकी है।

श्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्ष के एक नेता चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे थे कि मुझे 50 वोट दो और मैं एक नौकरी दूंगा। नौकरियों की बोलियां लग रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने आज इस प्रकार के सिस्टम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और केवल मैरिट के आधार पर नौकरियां दी हैं। आज गरीब परिवारों के बच्चे भी सरकारी नौकरी में आ रहे हैं, उनके सपने अब पूरे हो रहे हैं। पहले की सरकार में तो बच्चों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिलता था लेकिन आज युवाओं को उनकी मेहनत के बल पर नौकरी मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वर्ष 2014 से ‘जन सेवा ही परम धर्म’ के मंत्र के साथ गति से काम कर रही है। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। आज यह नीति केवल कागजों पर नहीं है, बल्कि ज़मीन पर हकीकत में दिखती भी है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए सरकार प्रशिक्षण, कौशल विकास और कल्याण के लिए सदैव साथ है। हर स्तर पर एक बेहतर कार्य संस्कृति, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 30 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं। ग्रुप सी व डी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार खत्म कर लिखित परीक्षा का प्रावधान किया है। सरकारी नौकरियों के अलावा, 2083 रोजगार मेलों का आयोजन करके 1 लाख 6 हजार 283 युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ की तर्ज पर हरियाणा के कर्मचारियों को भी यू.पी.एस. का लाभ एक अगस्त, 2025 से दिया है। इसकी अधिसूचना गत 2 जुलाई को की जा चुकी है। इस स्कीम का लाभ हरियाणा सरकार के 2 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 26 व 27 जुलाई को ग्रुप सी के लिए आयोजित ‘कॉमन पात्रता परीक्षा’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों, रोडवेज विभाग, निजी स्कूलों सहित अन्य संबंधित एनजीओ ने अपना योगदान देकर युवाओं को परीक्षा केंद्रों तक सुगमता से पहुंचाया। किसी भी युवा को कोई परेशानी नहीं होने दी गई।

हरियाणा में अब सिफारिश से नहीं, मेहनत से मिल रही सरकारी नौकरी – राज्य मंत्री गौरव गौतम

युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बिना पर्ची और बिना खर्ची की नीति के तहत 24,000 युवाओं को पारदर्शी तरीके से रोजगार प्रदान करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा करके दिखाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से उन्हें युवाओं के प्रतिनिधि के रूप में काम करने का अवसर मिला है, और इस भूमिका को वे पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।

श्री गौतम ने कहा कि आज हरियाणा पारदर्शिता और ईमानदारी के मामले में देश में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले प्रदेश में पैरालिसिस सरकार चल रही थी। उस समय युवाओं को न्याय की उम्मीद नहीं दिखाई देती थी। यहां तक कि युवाओं को नौकरी के लिए नेताओं और दलालों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन आज वही युवा कोचिंग सेंटर, खेल मैदान और लाइब्रेरियों में मेहनत करते दिखाई देते हैं। यह बदलाव मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की दूरदर्शिता का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में बिना किसी सिफारिश और खर्च के सरकारी नौकरियां मिल रही हैं। यह केवल एक नारा नहीं बल्कि एक मजबूत नींव है जो आने वाले समय में हरियाणा को ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल के रूप में स्थापित करेगा।

श्री गौरव गौतम ने सभी नव नियुक्त कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए आह्वान किया कि वे पूर्ण समर्पण और निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री सी.जी. रजीनीकांथन, मानव संसाधन विभाग के निदेशक श्री विनय प्रताप सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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खेल महाकुंभ में हरियाणा के खिलाडी दिखाएंगे अपने जौहर

हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा ख्ेाल महाकुभं का उदघाटन करना  प्रस्तावित

प्रदेशभर से 3200 खिलाडी लेंगे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग-उपायुक्त

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पंचकूला 1 अगस्त- तीन दिवसीय खेल महाकुंभ का ताऊ देवीलील स्टेडियम, सैक्टर-3 में 2 अगस्त से 4 अगस्त 2025 तक आयोजन किया जाएगा, राज्यभर के खिलाडियों को अपनी  श्रेष्ठ प्रतिभा का  प्रर्दशन करने का अवसर मिलेगा।

उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि एथलैटिक, बैडमिंटन, बास्केटबाल और हैंडबाल में पुरूष और महिला खिलाडी राज्यभर से भाग लेंगे। इसके अलावा हाॅकी खेल में सिर्फ महिला खिलाडी अपना प्रतिभा का जौहर दिखाएंगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी खेल महाकुंभ के उदघाटन समारोह में आना प्रस्तावित है।

उन्होने बताया कि हरियाणा के खिलाडियों ने अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है और इस तरह के खेलों के माध्यम से खिलाडियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बडा प्लेटफार्म मिलता है।

उन्होने बताया कि एथलैटिक, बैडमिंटन, बास्केटबाल, हाॅकी और हैंडबाल में पूरे हरियाणा से 3200 खिलाडी इन खेलों में भाग लेंगे और इनमें से ही मैडल जीतकर खिलाडी राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन करेंगे।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने भेजी ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में कानूनी साक्षरता और जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए मोबाइल कानूनी साक्षरता वैन

अगस्त पूरे माह चलेगा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम

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पंचकूला, 1 अगस्त सुश्री अपर्णा भारद्वाज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पंचकूला ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एचएएलएसए) कार्य योजना-2025 के अंतर्गत, पंचकूला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में कानूनी साक्षरता और जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए एचएएलएसए द्वारा एक मोबाइल कानूनी साक्षरता वैन (स्वराज माजदा) भेजी गई है। ये शिविर डीएलएसए द्वारा तैयार कार्यक्रम के अनुसार अगस्त 2025 के पूरे महीने में आयोजित किए जाएंगे।
यह पहल श्री सूर्य प्रताप सिंह, सदस्य सचिव, एचएएलएसए के निर्देशों और श्री वेद प्रकाश सिरोही, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, डीएलएसए पंचकूला के कुशल मार्गदर्शन में कार्यान्वित की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर तक पहुँचना और महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी के प्रसार के माध्यम से ग्रामीण आबादी का कानूनी सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
इस अभियान के तहत, आज पंचकूला की सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुश्री कीर्ति वशिष्ठ ने जिला न्यायालय परिसर से मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता, अर्ध-विधिक स्वयंसेवक (पीएलवी) और डीएलएसए के कर्मचारी उपस्थित थे।
मोबाइल वैन शिविरों के लिए नियुक्त अधिवक्ताओं और पीएलवी की टीम के साथ बातचीत करते हुए, माननीय सुश्री कीर्ति वशिष्ठ ने उन्हें कानूनी जागरूकता का सक्रिय प्रसार करने के लिए प्रेरित किया और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा शुरू किए गए ष्राष्ट्र के लिएष् शीर्षक से चल रहे 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान के महत्व पर भी जोर दिया। इस अभियान का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के निपटारे में तेजी लाना है।
सुश्री वशिष्ठ ने कहा कि योग्य मामलों की पहचान करने और मध्यस्थता के लाभों के बारे में पक्षों को जागरूक करने में कानूनी बिरादरी का सक्रिय सहयोग और भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस अभियान के तहत निम्नलिखित श्रेणियों के मामलों को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त माना जा रहा हैरू
’ वैवाहिक विवाद
’ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) मामले
’ एनआई अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस मामले
’ वाणिज्यिक विवाद
’ सेवा संबंधी मामले
’ समझौता योग्य आपराधिक अपराध
’ ऋण वसूली मामले
’ बेदखली विवाद
’ भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले
’ अन्य संबंधित दीवानी मामले
सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने आगे बताया कि मोबाइल वैन शिविरों के दौरान, आम जनता को हालसा और नालसा द्वारा संचालित विभिन्न कानूनी सहायता योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। 1 अगस्त से 30 अगस्त, 2025 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण आबादी के दरवाजे तक सीधे कानूनी जागरूकता लाना और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देना है, जिससे एक अधिक समावेशी और सुलभ न्याय वितरण प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।
सुश्री भारद्वाज ने कहा कि डीएलएसए, पंचकूला अनुसूचित गांवों के सभी निवासियों से इन शिविरों में सक्रिय रूप से भाग लेने और उनके घर-द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही कानूनी सहायता और सेवाओं का लाभ उठाने की अपील करता है।

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उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  ने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ समाधान शिविर में लंबित शिकायतों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

रि ओपन शिकायतों के साथ साथ लंबित पडी शिकायतों का भी त्वरित गति से निवारण करें अधिकारी – उपायुक्त

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पंचकूला, 1 अगस्त- उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनित गर्ग ने  आज चंडीगढ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ समाधान शिविरों में लंबित शिकायतों की समीक्षा की व प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों को लंबित शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।  

इसके उपरांत उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग, यूएचबीवीएन, एचएसवीपी तथा पुलिस विभाग को 60 दिन से लंबित पडी शिकायतों और रि ओपन हुई शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाधान शिविर में आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का समाधान अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, डीडीपीओ विशाल पराशर, एलडीएम, आरटीए पंचकूला, तहसीलदार, डीएसडब्लयूओ, एआरसी, डिवलेपमेंट एवं पंचायत, एक्सईन पंचायती राज, जिला परिषद, डीआरडीए, एलिमेंट्री एजुकेशन, फोरेस्ट, एचएसवीपी, हाउसिंग बोर्ड, यूएचबीवीएन, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट, आरटीए, एचएसआईआईडीसी, डीईओ सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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इग्नू ने दाखिलों की 15 अगस्त तक फिर बढ़ाई: डॉ धर्म पाल

इग्नू के शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बनाएं करियर

पंचकूला, 1 अगस्त

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इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ धर्म पाल ने जानकारी देते हुए बताया की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में शिक्षार्थियों को प्रवेश दे रहा है। कृषि नीति पर एक पीजी प्रमाणपत्र कार्यक्रम भी ऑनलाइन मोड में पेश किया जाता है। डिप्लोमा कार्यक्रम उद्यमशील हैं और कृषि सम्बंधित क्षेत्रों में रोजगारपरक कौशल विकसित करने में सक्षम हैं। शैक्षिक कार्यक्रम डेयरी फार्मिंग, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, पोल्ट्री उत्पादन, रेशम उत्पादन, कृषि नीति, कृषि लागत प्रबंधन, जल और वाटरशेड प्रबंधन, डेयरी प्रौद्योगिकी, मांस प्रौद्योगिकी, फलों और सब्जियों से मूल्य वर्धित उत्पाद, बागवानी के उभरते क्षेत्रों में पेश किए जाते हैं।

कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कार्यक्रमों ने नौकरी के व्यापक अवसरों और निरंतर सीखने और विकास की क्षमता के साथ एक आशाजनक कैरियर मार्ग की पेशकश की। यह व्यक्तियों को मूल्यवान कौशल से सुसज्जित करता है जिनकी कृषि-खाद्य उद्योग में उच्च मांग है। कृषि विद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रम कृषि आधारित उद्योगों जैसे उर्वरक, कीटनाशक, बीज, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि मशीनरी आदि में पेशेवर बनने के लिए बेहद उपयोगी हैं। ये कार्यक्रम जैविक खेती जैसी कृषि स्टार्ट-अप गतिविधियों को शुरू करने में मदद करते हैं। वर्मीकम्पोस्ट, अनुबंध खेती, किसानों की उत्पादक कंपनियां, कृषि-इनपुट, प्रसंस्करण, कृषि-विपणन आदि। स्कूल मल्टीमीडिया सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करके विभिन्न माध्यमों से अपने शिक्षार्थियों तक पहुंचता है। पाठ्यक्रम में डोमेन क्षेत्रों में ज्ञान और कौशल का आदान-प्रदान करने के लिए मुद्रित स्व-शिक्षण सामग्री और ऑडियो/वीडियो शामिल हैं। परामर्श सत्र नामित अध्ययन केंद्रों पर ऑफ़लाइन और रेडियो/टीवी/वेब परामर्श के माध्यम से ऑनलाइन भी आयोजित किए जाते हैं। इग्नू के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, युजी और पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिलों की तिथि 15 अगस्त तक बढ़ा दी गयी है

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Paras Health Panchkula Advocates Timely Intervention for Rare Cancers This Sarcoma Awareness Month

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Panchkula, 30th July 2025: As part of Sarcoma Awareness Month, Paras Health Panchkula is stepping up efforts to raise awareness about sarcomas—rare but aggressive cancers that affect the bones and soft tissues. Known for their subtle onset and rapid progression, sarcomas require early detection and a specialized, multidisciplinary treatment approach to improve patient outcomes and preserve quality of life.

Sarcomas are among the rarest forms of cancer. Despite their rarity, they pose serious challenges due to their painless symptoms and highly variable presentation. These cancers can originate in bones, muscles, fat, nerves, or connective tissues and typically present as persistent swelling, unexplained pain, or limited mobility. In India, the average time between symptom onset and diagnosis of sarcoma is estimated to range from four to six months—often leading to advanced-stage detection, when treatment becomes significantly more complex and outcomes less favorable.

According to the Indian Council of Medical Research’s National Cancer Registry Programme (ICMR-NCRP), India is projected to record 1.57 million new cancer cases in 2025, marking a sharp rise from 1.39 million in 2020.  This increasing cancer load—paired with diagnostic delays in rare conditions like sarcoma—highlights the urgent need for stronger early detection systems. The country’s overall cancer burden is also expected to cross 29.8 million DALYs (Disability-Adjusted Life Years) by 2025, further underscoring the clinical and socioeconomic impact of delayed diagnoses.

Commenting on the criticality of early diagnosis, Dr. Jagandeep Singh Virk, Senior Consultant, Ortho Oncology and Orthopedics and Joint Replacement Surgery , Paras Health Panchkula, said, “Sarcoma is rare, but when missed, the consequences can be life-altering. A delay of even ten days can mean the difference between saving a limb or requiring amputation. That’s why we are actively training orthopedists, physiotherapists, and family doctors to consider sarcoma when pain lingers despite normal imaging. Early detection not only increases survival chances but also preserves mobility and reduces the physical and emotional toll on patients.”

Dr. Pankaj Mittal, Facility Director, Paras Health Panchkula added, At Paras Health Panchkula, we acknowledge that managing a plethora of rare cancers like sarcoma is more than just clinical care; it, in fact, entails a strategic multidisciplinary approach. We, as a health care institution, are constantly building upon the best diagnostic processes, multidisciplinary expertise, and care pathways for the delivery of well-timed and effective treatment. Alongside that, community awareness also holds great importance, for which we are engaged in educating patients and primary care providers about the early signs of sarcoma. Bridging clinical excellence with outreach and accessibility would, we hope, help cut down the time of diagnosis and enhance results for the largely rare but life-changing cancers.

Paras Health Panchkula’s Orthopaedic Oncology team plays a central role in diagnosing and treating these complex cases. The hospital offers a comprehensive model of care, including advanced imaging, image-guided biopsies, limb-sparing surgeries, and structured post-operative rehabilitation. This multidisciplinary approach ensures minimal surgical trauma and promotes faster, more complete recovery.

To mark Sarcoma Awareness Month, the hospital is conducting awareness drives, patient education sessions, and outreach initiatives encouraging timely consultations for persistent joint pain, unexplained lumps, or chronic bone discomfort—symptoms that are too often ignored.

Paras Health Panchkula remains committed to advancing rare cancer care through specialized clinical services, early diagnosis, and sustained community awareness—ensuring that no sarcoma case is overlooked simply because it did not appear urgent at first glance.

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