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Paras Health Panchkula Leads ‘Tiranga Yatra 2025’ from Haryana to Kashmir to Strengthen National Unity

श्री माता मनसा देवी – पंचकूला

पंचकूला:

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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।


माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।
आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।

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श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था।
श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

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*उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों के आयोजित प्रशिक्षण शिविर की करी अध्यक्षता*

*लोकसभा चुनाव का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील, अधिकारी पूर्ण निष्ठा से करें कार्य – जिला निर्वाचन अधिकारी*

*पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों को विभिन्न फार्म भरने, ईवीएम मशीन के संचालन और सील करने की प्रक्रिया की दी गई जानकारी*

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पंचकूला, 8 अप्रैल – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील सारवान ने लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आज राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों के आयोजित प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में उपायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव करवाने के निर्देश दिए। इस मौके पर नगराधीश मन्नत राणा भी उपस्थित थी।

     प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों को चुनाव करवाने के लिए मतदान और ईवीएम से सम्बन्धित जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि मतदान प्रक्रिया में किन बातों का ध्यान रखना है। मतदान प्रक्रिया कैसे पूर्ण होगी। किस अधिकारी की क्या जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा उन्हें विभिन्न फार्म भरने, ईवीएम मशीनों के संचालन और सील करने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।

     श्री सुशील सारवान ने कहा कि लोकसभा चुनाव का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। अतः सभी संबन्धित अधिकारी पूर्ण निष्ठा से कार्य करें और सुनिश्चित करें कि मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटी ना हो। उन्होंने कहा कि चुनाव करवाने के लिए प्रत्येक संबन्धित अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें उन्हें चुनाव प्रक्रिया की बारिकी से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन की कार्यप्रणाली को अच्छे से समझाने के लिए मास्टर ट्रेनरों द्वारा ईवीएम का लाइव डैमो दिया जा रहा है। 

       जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अम्बाला लोकसभा क्षेत्र में जिला का 01-कालका विधानसभा क्षेत्र और 02-पंचकूला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। कालका में 218 मतदान केन्द्र और पंचकूला में 206 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इन 424 केन्द्रों पर एक-एक पीठासीन अधिकारी और एक-एक सहायक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा रिजर्व टीमों का भी गठन किया गया है। 

      उपायुक्त ने कहा कि भारत युवाओं का देश है और लोकतंत्र के इस महापर्व ’चुनाव’ में युवाओं को उनके मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करते हुए उनकी अधिक से अधिक भागेदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल तक नये मतदाताओं के वोट बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे युवा जो 18 वर्ष के हो चुके हैं और अभी तक वोट नहीं बना है वे स्वयं बीएलओ के पास नये वोट का आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने काॅलेज में सभी छात्र-छात्राओं को वोट बनवाने के लिए प्रेरित किया।

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Road Closed

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Chandigarh, April 06: – The General public is hereby informed that road cut for laying of 800 mm i/d M.S. Pipeline from Sector 39, Chandigarh to MES Chandimandir on dividing road Sector 55-56, Chandigarh on Vikas Marg will be done on 08.04.2024 from 10.00 am to 10.00 pm. During the work, the roads leading to dividing road Sector 55-56, Chandigarh on Vikas Marg will be closed. The general public is requested to take alternate routes and bear with Municipal Corporation, Chandigarh.

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 *आबकारी एवं कराधान विभाग ने आबकारी कानूनों की उल्लंघना करने पर क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) सेक्टर-11 का बार लाइसेंस किया रद्द*

*कुछ और बार लाइसेंसधारी भी आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर – आर.के. चौधरी*

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पंचकुला 6 अप्रैल: आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला ने क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसका बार लाइसेंस रद्द कर दिया है।

   श्री आर.के. चौधरी, डीईटीसी (आबकारी), पंचकूला ने बताया कि आबकारी कानूनों का आदतन उल्लंघनकर्ता होने के कारण, आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला द्वारा क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) का बार लाइसेंस रद्द किया गया है।

   उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग, पंचकूला की विशेष चेकिंग टीम ने पुलिस के साथ मिलकर 9 मार्च, 2024 को क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे), एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला का निरीक्षण किया जिसके दौरान आबकारी कानूनों का उल्लंघन पाया गया।

      उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम ने बिना वैध परमिट/पास के आईएमएफएल की 26 बोतलें, बीयर की 102 बोतलें और 9 खुली शराब की बोतलें भी बरामद की जिसके पश्चात विभाग द्वारा लाइसेंसधारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गई । पहले भी, क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 लाइसेंसधारी ने आबकारी कानूनों का उल्लंघन किया था जिसके कारण हरियाणा आबकारी कानूनों के अनुसार लाइसेंसधारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई थी।

   श्री चौधरी ने बताया कि ऐसे कुछ और बार लाइसेंसधारी भी हैं जो आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर हैं और उनके खिलाफ भी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला नियमित रूप से बार लाइसेंसधारियों के परिसरों की जांच करेगा और किसी भी आबकारी उल्लंघना के मामले में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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राजकीय महाविद्यालय कालका में गृह विज्ञान विभाग द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का सफल आयोजन*

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पंचकूला अप्रैल 6: राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में गृह विज्ञान विभाग द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। 

    प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व को परिष्कृत और निखारने का प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थियों ने खूबसूरत रंगों से रंगोली को सजाया। 

   प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की सोनल रही, द्वितीय स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की रिया और तृतीय स्थान बीए तृतीय वर्ष की मंजू और अंजलि ने प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की सदस्या प्रोफेसर पूजा सिंगल और प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत नैंसी रही। प्रस्तुत कार्यक्रम गृह विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ सोनाली गुप्ता के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।

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गांव सबिलपुर, मोरनी में लोगों को पोषण के बारे में किया गया जागरूक

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पंचकूला, 22 मार्च- गाँव सबिलपुर, मोरनी में लोगों को जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर सविता नेहरा की अध्यक्षता में जिला संयोजक मीनू सिंह द्वारा पोषण के बारे में जागरूक किया गया। कार्यकर्म में अनीमिया के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी दी गयी जिसके तहत अनीमिया के कारण , लक्षण, उसे रोकने व उससे बचने के उपायों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी। सभी को सुबह का पोषण से भरा नाश्ता, हरी, पत्ते दार सब्जियाँ, खट्टे,फल जिनसे हमे विटामिन सी भरपूर मात्रा में मिलता है की महता के बारे में अवगत करवाया।
कार्यक्रम के दौरान खाने को सही प्रकार से पकाने के तरीको तथा उनसे मिलने वाले पोषण के बारे में विस्तार से बताया गया।  जागरूकता फेलाने के लिए ईआईसी मैटिरियल का वितरण किया गया और विभाग द्वारा चलाई गई सभी योजनाओ जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व विकास योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ के बारे में भी अवगत करवाया गया। पोषण, पढ़ाई भी स्लोगन को सार्थक करने के लिए बच्चों में पढ़ाई से संबंधित किट का वितरण किया गया, जिसके द्वारा वे खेलें भी और पढे भी ताकि उनका शारीरिक व मानसिक विकास पूर्ण रूप से हो सके।
कार्यक्रम में जिला बाल अधिकार इकाई की कानून एवं परिविक्षा अधिकारी निधि मलिक ने पोक्सो एक्ट के बारे में लोगों को जागरूक किया। इस कानून को हमारे देश में 14 नवम्बर 2012 को बाल दिवस के अवसर पर लागू किया गया। इस कानून के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे चाहे लड़का हो या लड़की जिनके साथ हिंसा/शोषण/अपराध हुआ हो या करने का प्रयास किया गया हो, ऐसे अपराध कानून के दायरे में आता है। इस कानून में कई तरह के अपराधों को शामिल किया गया है जैसे बलात्कार, बच्चों को यौन संतुष्टि के लिए इस्तेमाल करना या उकसाना, बच्चों को अश्लील चित्र व लेखन दिखाना, उनके साथ अश्लील बात करना, बच्चों के शरीर को या यौन अंगो को गलत इरादे से छूना बच्चों का पीछा करना इत्यादि । उन्होंने बताया कि इस कानून में ऐसे अपराधों के लिए अपराधियों को उम्र कैद से लेकर जुर्माना का प्रावधान है। पीड़ित बच्चे को मुआवजा व गरीब बच्चे को आर्थिक सहायता दी जाती है।  अंत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा बनाए गए मिलेट्स से बने हुए पोषण से भरपूर लड्डुओ का वितरण किया गया और डॉक्टर सविता नेहरा के द्वारा कार्यक्रम में आए सभी लोगों का धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया गया।

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आपदा में अहम भूमिका निभाएंगे आपदा मित्र- रेनु फुलिया,आयुक्त, अम्बाला

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 पंचकूला मार्च 22: भारतीय रैड क्रास समिति, हरियाणा राज्य शाखा द्वारा लक्ष्मी भवन धर्मशाला, माता मनसा देवी कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय रैड क्रॉस आपदा मित्र डिजास्टर रिस्पांस ट्रेनिंग कैंप का समापन समारोह आयोजित किया गया ।
      कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती रेनु फुलिया ,मंडल आयुक्त अम्बाला  विशिष्ट अतिथि श्री सुशील सारवान, उपायुक्त पंचकूला द्वारा शिरकत की गई।
       कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती रेनु फुलिया ने इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम की  प्रशंसा की और इसे एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव भी सांझे किए और विभाग की तरफ से सम्पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।विशिष्ट अतिथि श्री सुशील सारवान उपायुक्त पंचकूला द्वारा जुलाई महीने में आई बाढ़ के दौरान रेड क्रॉस द्वारा  आमजन को पहुंचाई गई सहायता के लिए  प्रशंसा की।
 गौरतलब है की प्राथमिक सहायता एवं गृह परिचर्या में हरियाणा का प्रथम स्थान है। पिछले वर्ष में सीपीआर के विशेष मुहिम चलाई गईं जिसके माध्यम से 66124 लोगो को प्रशिक्षण दिया गया।
     इस अवसर पर डॉ. मुकेश अग्रवाल, महासचिव, भारतीय रैड क्रॉस समिति, हरियाणा राज्य शाखा, चंडीगढ़ द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया और रैड क्रॉस द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों एवं उपलब्धियों को सांझा किया।
      उन्होंने कहा की जूनियर रेड क्रॉस, यूथ रैड क्रॉस वॉलिंटियर को रैड  क्रॉस शिविरों के माध्यम से फर्स्ट एड एवं होम नर्सिंग की ट्रेनिंग , रक्तदान,  सड़क सुरक्षा , अंगदान, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन व नशा मुक्ति आदि विषयों के बारे में जानकारी दी जाती है । इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा की प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि में रैडक्रॉस के स्वयंसेवक हमेशा अपना योगदान देते हैं, उन्होंने   सभी प्रतिभागीयो से अनुरोध किया कि प्रत्येक आपदा मित्र अपने अपने स्थान पर 100 स्वयंसेवक बनाकर तैयार करगे ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वे प्रशिक्षित स्वयंसेवक काम कर सके । ये प्रशिक्षित वॉलिंटियर किसी भी आपदा में न केवल हरियाणा बल्कि सम्पूर्ण भारत में अपनी सेवाओं के लिए तत्पर रहेंगे। वाइस चेयरपर्सन डॉ. सुषमा गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को  शिविर में आने पर शुभकामनाएं दी और रैड क्रॉस से जुड़े रहने के लिए आह्वान किया।
     कार्यक्रम के अंत में संयुक्त सचिव, अनिल कुमार जोशी ने आपदा से संबंधित अपने अनुभव सांझा किए और आपदा मित्रों को प्रेरित किया कि वे यहां बेहतर प्रशिक्षण लेकर  जिला  रैड क्रॉस शाखाओं के साथ जुड़कर समाज के लिए बेहतर कार्य करें। उन्होंने मुख्य अतिथि महोदय का धन्यवाद किया कि उन्होंने अपना कीमती समय देकर  प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और उनका उत्साह वर्धन किया।  उन्होंने आपदा प्रबंधन के बारे में अपने अनुभव सांझे किये ।  
   इस मौके पर शिविर निदेशक रविंद्र कुमार द्वारा प्रतिभागियों को अपने-अपने जिलों में आपदा मित्र तैयार करने के लिए प्रेरित किया।
    इस अवसर पर  सौरभ धीमान प्रोजेक्ट ऑफिसर  , आपदा प्रबंधन व  राजा शाखा चंडीगढ़ से रामाशीष मंडल संजीव धीमान, रोहित शर्मा, विजय कुमार, दीपक नाशा,)  अनुपम , मीनाक्षी खन्ना, रमेश चौधरी,  सरबजीत सिंह, सुनील पहाड़िया, सौरभ धीमान, प्रोजेक्ट ऑफिसर आपदा प्रबंधन पंचकूला,  चंद्रपाल, कृष्ण कुक्कड़, हरियाणा  रैड क्रॉस के अधिकारी , विभिन्न जिलों से आए  116 प्रतिभागी व अन्य गण मान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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22 मार्च विश्व जल दिवस कार्यक्रम आयोजित-   नरेन्द्र मोदगिल

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पंचकूला 22 मार्च :  विश्व जल दिवस के मौके पर खंड  बरवाला के गांव बतोड़ मे जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन पंचकूला और जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंडल पंचकूला  के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

     खंड समन्वयक नरेंद्र मोदगिल ने विश्व जल दिवस पर संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। उसी दिन विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। बाद में 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया। तब से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वहीं वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र मे सुरक्षित, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार को मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी। जल संरक्षण के बारे में खंड समन्वयक नरेंद्र मोदगिल ने  जल बचाने एवं जल को सहेज कर रखने के बारे में बताते हुए कहा कि जल को केवल बचाया जा सकता है ना कि बनाया जा सकता ।
     उन्होंने बताया कि जल हमारे लिए प्रकृति का अनमोल उपहार है, हमें इसे सहेज कर रखना चाहिए जैसे कि वर्षा के दिनों में हमें वर्षा के पानी को एकत्रित करके अपने अन्य घरेलू कामों में प्रयोग करना चाहिए जिससे पानी की बचत होती है ।
    इस मौके पर आजीविका मिशन की महिलाओं आंगनवाड़ी वर्कर,  महिला बाल विकास विभाग से सुपरवाइजर मनीषा नेहरा ,अनुपमा ,किरन आजीविका मिशन से सीमा शर्मा ,सुशील राणा, ममता ,कमलेश ,नसीब कौर,रीना रानी , सोनिया आदि ग्रामीण महिलाये मौजूद रहे ।

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*सामाजिक कार्यों की प्रेरणा देती है रैड क्रॉस समिति : नीलम कौशिक*   

*भारतीय रैड क्रॉस समिति, पंचकूला की आजीवन सदस्य नीलम कौशिक ने शरीर दान करने की ली शपथ*

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पंचकूला अप्रैल 3: भारतीय रैड क्रॉस समिति जिला शाखा पंचकूला की आजीवन सदस्य , फर्स्ट एड होम नर्सिंग ट्रेनर एवं सामाजिक कार्यकर्ता नीलम कौशिक ने पीजीआई चंडीगढ़ में शरीर दान करने की शपथ ली ताकि मेडिकल स्टूडेंट्स इस पर रिसर्च कर सके । इससे पहले भी वे अंगदान की शपथ ले चुकी हैं उन्होंने बताया इन सबके पीछे रैड क्रॉस की प्रेरणा है। 

    नीलम कौशिक ने कहा कि वह वर्ष 2006 से रैड क्रॉस द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों की सेवा करती आ रही है। इसके साथ-साथ वर्ष 2016 से प्राथमिक सहायता व ग्रह परिचर्या की लेक्चरर भी हैं ।

     रैड क्रॉस के माध्यम से विभिन्न महाविद्यालयों , विधालयों और विभिन्न कैंपों के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और अध्यापकों को भी अंगदान व शरीर दान के लिए प्रेरित किया है। नीलम कौशिक ने बताया कि वे जहां भी लेक्चर के लिए जाती है वहा पर आम लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने बताया कि वह रैड क्रॉस के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों के साथ जुड़ी रही व अंत समय मे उनका शरीर किसी के काम आए , यह उनके लिए सौभाग्य की बात है । उन्होंने कहा कि वह आम लोगो से भी यही प्रार्थना करती हैं कि मरने के बाद हमारा शरीर एक मिट्टी है ,मरने के बाद भी यह किसी के काम आ जाये तो बहुत से लोगो को नया जीवन दिया जा सकता है ।

    रैड क्रॉस सचिव सविता अग्रवाल ने बताया कि नीलम कौशिक एक बेहतर सामाजिक कार्यकर्ता है , जिनको इनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए जिला प्रशासन पंचकूला व हरियाणा रैड क्रॉस द्वारा सम्मानित किया जा चुका है । नशा मुक्ति क्षेत्र में भी बेहतर कार्य करने के लिए इनको हरियाणा सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया है । अब इन्होंने अपना शरीर दान करने की प्रतिज्ञा ली है, इसके लिए वह उन्हें व उनके पूरे परिवार को बधाई देती हैं ताकि इनको देखकर ओर लोग भी इस कार्य को आगे बढ़ाएं । 

    इस अवसर पर सहायक सचिव डोली रानी ने भी इस कार्य के लिए नीलम को अपनी शुभकामनाएं दी । इस अवसर सहायक जरनैल सिंह , सुपरवाईजर गंभीर सिंह रैड क्रॉस का स्टाफ व बुजुर्ग उपस्थित रहे ।

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भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू किए हैं कई ऑनलाइन मोबाइल एप्स – श्री सुशील सारवान

मतदाता व उम्मीदवार सरलतम तरीके से घर बैठे ही ले सकते हैं चुनाव से संबंधित नवीनतम जानकारियां- उपायुक्त

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पंचकूला, 2 अप्रैल – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील सारवान ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान मतदाताओं की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अनेक ऑनलाइन मोबाइल एप्स शुरू किए हुए हैं जो मतदाताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। इन एप्स का प्रयोग करके मतदाता व उम्मीदवार सरलतम तरीके से घर बैठे ही चुनाव से संबंधित नवीनतम जानकारियां ले सकते है तथा अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 18 साल का कोई भी युवा या युवती अपना वोट बनवाना चाहता है तो वह voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसी प्रकार भारत निर्वाचन आयोग ने c-Vigil के नाम से एक मोबाइल ऐप शुरू की है। इस मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर कोई भी नागरिक आदर्श आचार संहिता की कहीं अवहेलना हो रही है तो उसकी फोटो या वीडियो बनाकर अपनी शिकायत भेज सकता है, जिसका निवारण निर्वाचन कार्यालय की ओर से 100 मिनट के अंदर किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऑनलाईन नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए भी भारत निर्वाचन आयोग ने कैंडिडेट नॉमिनेशन एप्लीकेशन के नाम से एक ऐप बनाया है। कोई भी प्रत्याशी इस ऐप का प्रयोग कर अपने आवेदन को इस ऐप पर ऑनलाइन दर्ज करवा सकता है। इसमें ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से अपनी जमानत राशि जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया है। एक बार आवेदन दर्ज होने के बाद उम्मीदवार कैंडिडेट सुविधा ऐप का प्रयोग कर अपने आवेदन की आगामी कार्यवाही पर नजर रख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि रिटर्निंग अधिकारियों के लिए आयोग ने एनकोर के नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें उम्मीदवारों का आवश्यक डाटा फीड रहता है। उम्मीदवारों की संपत्ति के विवरण को देखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने शपथ पत्र पोर्टल बनाया है। इस ऐप पर किसी उम्मीदवार की चल-अचल संपत्ति, हलफनामे को ऑनलाइन देखा जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार भारत निर्वाचन आयोग ने बूथ ऐप के माध्यम से मतदाताओं की डिजिटल पहचान करने की सेवा शुरू की है। मतदाता वोटर हेल्पलाइन ऐप को अपने ईपीआईसी कार्ड से जोड़कर अपनी मतदाता पर्ची को डाउनलोड कर सकते हैं। वोटर टर्नआउट ऐप में कुल जनसंख्या के अनुपात में बने वोटों की संख्या को देखा जा सकता है।
श्री सुशील सारवान ने बताया कि दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए आयोग ने पीडब्ल्यूडी ऐप आरंभ किया है। इस ऐप का प्रयोग कर दिव्यांगजन अपने नाम, मतदाता पहचान पत्र आदि की जांच कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर इन सभी एप और उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है।

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