Posts

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*अब तब पंचकूला की तीनों मंडियों में 596 मीट्रिक टन सरसों की हुई खरीद*

*481 मीट्रिक टन सरसों का किया जा चुका है उठान*

For Detailed

पंचकूला, 10 अप्रैल : जिला में रबी सीजन 2024-25 के दौरान सरसों की खरीद तथा उठान का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा जिला की मंडियों में अब तक 596 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है और 481 मीट्रिक टन सरसों का अब तक उठान किया जा चुका है। 

     इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी खरीद एजेंसियों हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा पंचकूला, बरवाला और रायपुररानी स्थित अनाज मंडियों में गेहूं व सरसों की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि 596 मीट्रिक टन सरसों में से 384 मीट्रिक टन सरसों की खरीद रायपुरानी अनाज मंडी से और 212 मीट्रिक टन बरवाला अनाज मंडी से की गई। इसी प्रकार हैफेड द्वारा 481 मीट्रिक टन सरसों का उठान किया गया जिसमें से 283 मीट्रिक टन रायपुररानी अनाज मंडी से तथा 198 मीट्रिक टन बरवाला अनांज मंडी से शामिल है।

 उन्होंने बताया कि हैफेड द्वारा पंचकूला, बरवाला तथा रायपुररानी अनाज मंडियों से 9 अप्रैल को कुल 48 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई जिसमें 40 मीट्रिक टन रायपुररानी अनाज मंडी से तथा 8 मीट्रिक टनबरवाला अनाज मंडी से की गई। इसी प्रकार हैफेड द्वारा रायपुररानी अनाजमंडी में 120 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*11 दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाकर डाल सकेंगे मतदाता वोट – जिला निर्वाचन अधिकारी*

*निर्वाचन आयोग द्वारा 11 प्रकार के फोटोयुक्त दस्तावेजों को वोटिंग के लिए पहचान पत्र का दिया दर्जा – उपायुक्त*

For Detailed

पंचकूला, 10 अप्रैल : उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील सारवान ने बताया कि मतदान के समय मतदाता के पास एक पहचान पत्र होना जरूरी है। जिन मतदाताओं के पास वोटर कार्ड नहीं है और मतदाता सूची में नाम है। ऐसे मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 11 प्रकार के दस्तावेजों को सूची में शामिल किया गया है। इन फोटोयुक्त दस्तावेजों को वोटिंग के लिए पहचान पत्र का दर्जा दिया है। जिनमें से किसी एक दस्तावेज को दिखाकर वोटर अपने मतदान का प्रयोग कर सकेंगे।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा वोटर कार्ड के अलावा पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सर्विस पहचान पत्र, फोटोयुक्त बैंक पासबुक, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, पेंशन दस्तावेज, आधार कार्ड, कार्यालय पहचान पत्र और नरेगा जाॅब कार्ड को पहचान पत्र दस्तावेज घोषित किया गया है।

     श्री सुशील सारवान ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। ऐसे में अधिक से अधिक मतदाताओं को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए। उन्हांेने बताया कि वोटरों को मतदान के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि वो अपने मतदान के लिए किन-किन दस्तावेजों का प्रयोग कर सकते हैं।

     उपायुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाता और चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत उन्हें आवश्यकता अनुसार घर से पोलिंग बूथ पर लेकर जाने और वापस घर छोड़ने की व्यस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि दिव्यांग मतदाताओं के लिए हर मतदान केन्द्र की हर लोकेशन पर व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है।

      जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 25 अप्रैल तक नये मतदाताओं के वोट बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे युवा जो 18 वर्ष के हो चुके हैं और अभी तक वोट नहीं बना है वे स्वयं बीएलओ के पास नये वोट का आवेदन कर सकते हैं।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*राजकीय महाविद्यालय कालका में निबंध लेखन प्रतियोगिता का सफल आयोजन*

For Detailed

पंचकूला अप्रैल 9: राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में अर्थशास्त्र विभाग की ओर से निबंध लेखन प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। 

   अर्थशास्त्र निबंध लेखन के विषय अंतरिम बजट विश्लेषण, राजकोषीय नीति, मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीति, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान (आईएमएफ विश्व बैंक), करंट स्टेट ऑफ इंडियन इकोनॉमी, प्लानिंग इन इंडिया (नीति आयोग) रहे। विद्यार्थियों ने अर्थशास्त्र के इन विषयों पर लेख लिखे । प्रथम स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की कशिश रही जबकि द्वितीय स्थान पर बीए प्रथम वर्ष की तान्या और तृतीय स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की बबीता रही। प्रस्तुत कार्यक्रम अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर ईना और प्रोफेसर अर्चना सोनी के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में करवाया गया।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन श्री माता मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर महामाई का लिया आशीर्वाद*

For Detailed

पंचकूला, 9 अप्रैल – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद ने धर्मपत्नी डाॅ श्रीदेवी सहित चैत्र नवरात्र के पहले दिन आज पंचकूला के एतिहासिक श्री माता मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना की तथा महामाई का आशीर्वाद लिया। 

   इसके पश्चात उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित यज्ञशाला में मंत्रोच्चारण के बीच आयोजित हवन यज्ञ में आहुतियां डाली। श्री प्रसाद ने इस पवित्र मौके पर श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के कैलेंडर का विमोचन भी किया।

    इस अवसर पर उपायुक्त एवं श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री सुशील सारवान, एसडीएम पंचकूला गौरव चौहान, श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार बंसल, बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति तथा एसडीओ राकेश पाहुजा भी उपस्थित थे।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन श्री माता मनसा देवी तथा श्री काली माता मंदिर कालका में माथा टेक लिया महामाई का आशीर्वाद*

For Detailed

पंचकूला, 9 अप्रैल – पंजाब के राज्यपाल तथा यूटी चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित ने धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा देवी पुरोहित सहित चैत्र नवरात्र के पहले दिन आज पंचकूला के एतिहासिक श्री माता मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना की तथा महामाई का आशीर्वाद लिया।

    इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गगनदीप सिंह, श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार बंसल, बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति तथा एसडीओ राकेश पाहुजा भी उपस्थित थे।

    इसके उपरांत श्री बनवारी लाल ने कालका स्थित श्री काली माता मंदिर पहुंच कर मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत रूप से पूजा अर्चना की तथा माता का आशीर्वाद लिया।  

    इस अवसर पर श्री काली माता मंदिर के सचिव पृथवीराज भी उपस्थित रहे।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

श्री माता मनसा देवी – पंचकूला

पंचकूला:

For Detailed

भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।


माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।
आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।

h


श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था।
श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

*उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों के आयोजित प्रशिक्षण शिविर की करी अध्यक्षता*

*लोकसभा चुनाव का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील, अधिकारी पूर्ण निष्ठा से करें कार्य – जिला निर्वाचन अधिकारी*

*पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों को विभिन्न फार्म भरने, ईवीएम मशीन के संचालन और सील करने की प्रक्रिया की दी गई जानकारी*

For Detailed

पंचकूला, 8 अप्रैल – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील सारवान ने लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आज राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों के आयोजित प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में उपायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव करवाने के निर्देश दिए। इस मौके पर नगराधीश मन्नत राणा भी उपस्थित थी।

     प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीठासीन अधिकारियों और सहायक पीठासीन अधिकारियों को चुनाव करवाने के लिए मतदान और ईवीएम से सम्बन्धित जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि मतदान प्रक्रिया में किन बातों का ध्यान रखना है। मतदान प्रक्रिया कैसे पूर्ण होगी। किस अधिकारी की क्या जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा उन्हें विभिन्न फार्म भरने, ईवीएम मशीनों के संचालन और सील करने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।

     श्री सुशील सारवान ने कहा कि लोकसभा चुनाव का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। अतः सभी संबन्धित अधिकारी पूर्ण निष्ठा से कार्य करें और सुनिश्चित करें कि मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटी ना हो। उन्होंने कहा कि चुनाव करवाने के लिए प्रत्येक संबन्धित अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें उन्हें चुनाव प्रक्रिया की बारिकी से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन की कार्यप्रणाली को अच्छे से समझाने के लिए मास्टर ट्रेनरों द्वारा ईवीएम का लाइव डैमो दिया जा रहा है। 

       जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अम्बाला लोकसभा क्षेत्र में जिला का 01-कालका विधानसभा क्षेत्र और 02-पंचकूला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। कालका में 218 मतदान केन्द्र और पंचकूला में 206 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इन 424 केन्द्रों पर एक-एक पीठासीन अधिकारी और एक-एक सहायक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा रिजर्व टीमों का भी गठन किया गया है। 

      उपायुक्त ने कहा कि भारत युवाओं का देश है और लोकतंत्र के इस महापर्व ’चुनाव’ में युवाओं को उनके मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करते हुए उनकी अधिक से अधिक भागेदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल तक नये मतदाताओं के वोट बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे युवा जो 18 वर्ष के हो चुके हैं और अभी तक वोट नहीं बना है वे स्वयं बीएलओ के पास नये वोट का आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने काॅलेज में सभी छात्र-छात्राओं को वोट बनवाने के लिए प्रेरित किया।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

Road Closed

For Detailed

Chandigarh, April 06: – The General public is hereby informed that road cut for laying of 800 mm i/d M.S. Pipeline from Sector 39, Chandigarh to MES Chandimandir on dividing road Sector 55-56, Chandigarh on Vikas Marg will be done on 08.04.2024 from 10.00 am to 10.00 pm. During the work, the roads leading to dividing road Sector 55-56, Chandigarh on Vikas Marg will be closed. The general public is requested to take alternate routes and bear with Municipal Corporation, Chandigarh.

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

 *आबकारी एवं कराधान विभाग ने आबकारी कानूनों की उल्लंघना करने पर क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) सेक्टर-11 का बार लाइसेंस किया रद्द*

*कुछ और बार लाइसेंसधारी भी आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर – आर.के. चौधरी*

For Detailed

पंचकुला 6 अप्रैल: आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला ने क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसका बार लाइसेंस रद्द कर दिया है।

   श्री आर.के. चौधरी, डीईटीसी (आबकारी), पंचकूला ने बताया कि आबकारी कानूनों का आदतन उल्लंघनकर्ता होने के कारण, आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला द्वारा क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) का बार लाइसेंस रद्द किया गया है।

   उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग, पंचकूला की विशेष चेकिंग टीम ने पुलिस के साथ मिलकर 9 मार्च, 2024 को क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे), एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला का निरीक्षण किया जिसके दौरान आबकारी कानूनों का उल्लंघन पाया गया।

      उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम ने बिना वैध परमिट/पास के आईएमएफएल की 26 बोतलें, बीयर की 102 बोतलें और 9 खुली शराब की बोतलें भी बरामद की जिसके पश्चात विभाग द्वारा लाइसेंसधारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गई । पहले भी, क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 लाइसेंसधारी ने आबकारी कानूनों का उल्लंघन किया था जिसके कारण हरियाणा आबकारी कानूनों के अनुसार लाइसेंसधारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई थी।

   श्री चौधरी ने बताया कि ऐसे कुछ और बार लाइसेंसधारी भी हैं जो आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर हैं और उनके खिलाफ भी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला नियमित रूप से बार लाइसेंसधारियों के परिसरों की जांच करेगा और किसी भी आबकारी उल्लंघना के मामले में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

https://propertyliquid.com

*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

राजकीय महाविद्यालय कालका में गृह विज्ञान विभाग द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का सफल आयोजन*

For Detailed

पंचकूला अप्रैल 6: राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में गृह विज्ञान विभाग द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। 

    प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व को परिष्कृत और निखारने का प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थियों ने खूबसूरत रंगों से रंगोली को सजाया। 

   प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की सोनल रही, द्वितीय स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की रिया और तृतीय स्थान बीए तृतीय वर्ष की मंजू और अंजलि ने प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की सदस्या प्रोफेसर पूजा सिंगल और प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत नैंसी रही। प्रस्तुत कार्यक्रम गृह विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ सोनाली गुप्ता के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।

https://propertyliquid.com