Posts

MCC opens 'Rupee Store' at  Indira Colony Manimajra Community Centre, empowering communities*

विश्व जिस आदिशक्ति को नहीं समझता, भारतीय देते हैं उसका प्रत्यक्ष प्रमाण : प्रो. गणेशीलाल

सिरसा 3 सितंबर।

ओडि़शा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने की केसीएम रिसोर्ट में आयोजित अनुठा कन्यादान एवं प्रभु समर्पण समारोह में शिरकत


               भारतीय संस्कृति ने विश्व को आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ विद्या के स्वरूप को समझाने का काम किया है। जिस आदिशक्ति महामाया को विश्व अपनी समझ से परे समझता आया है, उसे भारतीयों ने प्रत्यक्ष रूप से उतारा है। 


                 ये विचार ओडि़शा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने गत सांय स्थानीय केसीएम रिसोर्ट में ब्रह्मïा कुमारी सिरसा की ओर से आयोजित अनुठा कन्यादान एवं प्रभु समर्पण समारोह में संबोधित करते हुए कहे। समारोह में चार लड़कियों ने अपने आपको भगवान को समर्पित करते हुए अध्यात्मिक जीवन की राह पर चलते हुए समाज सेवा का प्रण लिया। इस अवसर पर माउंट आबु से मृत्युंजय, बठिण्डा से बहन कैलाश, मानसा से बहन सुदेश, सिरसा ब्रह्मïा कुमारी आश्रम से बहन बिंदु, युवा भाजपा नेता मुनीष सिंगला, विनोद स्वामी, राजेश शर्मा, पार्षद सुमन शर्मा भी मौजूद थे।


                 महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता का विशेष महत्व आदिकाल से रहा है। विश्व को अध्यात्मिकता का व्यापक स्वरूप भारत ने ही समझाया है। आदिशक्ति महामाया अध्यात्मिकता का ही एक पहलू है और जिस आदिशक्ति महामाया को विश्व समझता नहीं है, हम भारतीय उसे प्रत्यक्ष में उतारते हैं। उन्होंने कहा कि गुणातीत, शब्दातीत, कालातीत होना आसान नहीं है। भूत, भविष्य, वर्तमान व तमस से परे तो केवल आदिशक्ति महामाया हो सकती है। उन्होंने कहा कि सत्य के स्वरूप को भी हमी ने विश्व को समझाया है। गीता के 13वें अध्याय में गवान श्री कृष्ण ने कहा है कि सत्य कभी मरता नहीं और मैं ना सत्य हूं और ना ही असत्य। मैं तो इन दोनों से परे हूं। निर्गुण की कल्पना करना और सगुण के माध्यम से उसे प्राप्त करना बहुत कठिन है, लेकिन मीरा ने भगवान श्री कृष्ण के प्रेम व भक्ति में यह करके दिखाया। उन्होंने कहा कि उपनिषदों में कहा गया है कि ‘असतो मा सदगमय ॥ तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥ मृत्योर्मामृतम् गमय ॥Ó अर्थात  हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। 


                 उन्होंने कहा कि विद्या विनम्रता देती है, विद्या अमृत के समान है। यह मनुष्य में आत्मस मान की भावना पैदा करती है। इसके बिना मनुष्य मृत देय के समान है। यदि इसका उपयोग समाज की सेवा के लिए न किया जा सके तो व निर्रथक है। उन्होंने यम और नचिकेता के संवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि यम ने नचिकेता को दुनिया भर का एश्वर्य, धन, सफलता और प्रसिद्घि का लालच दिया लेकिन नचिकेता ने केवल आत्मज्ञान मांगा। इस अवसर पर सिरसा ब्रह्मïा कुमारी आश्रम से बहन बिंदु ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में माउंट आबु से मृत्युंजय, बठिण्डा से बहन कैलाश, मानसा से बहन सुदेश ने भी आमजन को संबोधित किया। इस अवसर पर लालचंद गौदारा, दीपिका जैन सहित भारी संख्या ब्रह्मïाकुमारी बहनें व आमजन मौजूद थे।

Watch This Video Till End….

MCC opens 'Rupee Store' at  Indira Colony Manimajra Community Centre, empowering communities*

व्यापार के क्षेत्र में मुकाम हासिल करने की दिशा में देश बढ रहा आगे : प्रो. गणेशीलाल

 
सिरसा, 10 जुलाई। 

उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल


उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल प्रो.गणेशीलाल ने कहा कि हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में भी सही दिशा में आगे बढ रहा है और जल्द ही हम इस क्षेत्र में मुकाम हासिल करेंगे।
वे गत सायं डिंग मोड़ पर स्थित सांझ केशल पैलेस में आयोजित समारोह में पहुंचे। यहां पहुंचने पर राज्यपाल का सांझ पैलेस के मालिक व नरेलखेड़ा के सरपंच कुलवंत सिंह सहित उपस्थित सभी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा युवा नेता मनीश सिंगला, राजेन्द्र देसुजोधा भी उपस्थित थे। 
राज्यपाल प्रो0 गणेशी लाल ने कहा कि आज जिस मुकाम पर मैं आज हूं यह सभी आप लोगों के आशीर्वाद व दुआओं का ही असर है। भले ही मैं उड़ीसा रहता हूं लेकिन आप लोगों का प्यार हमेशा मेरे साथ रहता है और इसी के चलते मैं यहां पर आता रहता हूं। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाईचारा व सद्भावना हमारे देश की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा रहा है और आज भी इसी के बलबूते हिंदुस्तान एकता के प्रतीक के रूप में दूसरों के लिए उदाहरण है। 

For Sale


उन्होंने कहा कि आज देश विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढते हुए नई ऊंचाईयों को छू रहा है। व्यापार के क्षेत्र में भारत सिरमौर बने इसके लिए सही दिशा में कार्य हो रहा है, ताकि भारत में बनने वाले सामान का विश्व स्तर पर व्यापार हो सके। जल्द ही ऐसा समय आएगा जब हमारा देश व्यापार के क्षेत्र में विश्व स्तर पर मुकाम हासिल करेगा। राज्यपाल ने उड़ीसा की सभ्यता एवं संस्कृति का जिकर करते हुए बताया कि वहां के लोग बड़े मेहनती व ईमानदार है। 


प्रो. गणेशी लाल ने कहा कि भारत एक सूफी-संतों, महात्माओं व गुरूओं का देश है। हिंदुस्तान की धरती पर गुरू नानकदेव, गुरू अर्जुनदेव, गुरू दशमेश, मीराबाई,रामकृष्ण परमहंस जैसे अनेकों महापुरूषों नें जन्म लिया है। अध्यात्म के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है, इसलिए मनुष्य को अध्यात्मिक होते हुए जरूरतमंदों की सेवा का भाव अपने मन में रखना चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि शुद्घ एवं सात्विक लोगों का शासन हो और सभी लोग मिलजुल कर संतोषप्रिय जीवन जिएं, ताकि भारत विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर हो। 
इस अवसर पर डिंग मोड़ के सरपंच श्री प्रीत सिंह, बग्गुवाली के श्री लखबीर सिंह, पतलीडाबर के सरपंच भोलाराम, मौजूखेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि कुलबीर सिंह, खुहवाली के सरपंच प्रतिनिधि महेन्द्र सिंह,भावदीन के सरपंच गुरजीत सिंह के साथ-साथ आसपास के गांवों के सरपंच व सरपंच प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्र से काफी लोग उपस्थित थे। 

Watch This Video Till End….