Press Note
पंचकूला, 14 फरवरी
– रविवार 17 फरवरी को प्रातः 6.30 से 8.30 बजे तक सेक्टर 5 स्थित यवनिका पार्क के साथ की सड़क पर राहगिरी कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीएम पंचकूला श्री पंकज सेतिया ने बताया कि पहले की तरह इस राहगिरी कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदान प्रस्तुतिया दी जायेगी। इसके साथ साथ अन्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियां इस कार्यक्रम में संचालित की जायेंगी। उन्होंने जिलावासियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे 17 फरवरी को आयोजित होने वाले इस राहगिरी कार्यक्रम में बढचढकर भाग लें ताकि तनावपूर्ण जिंदगी में राहत मिल सके।
– शौकिया मछली शिकार को बढ़ावा देने के लिये मत्स्य विभाग द्वारा प्रति वर्ष शौकिया मछली शिकार का आयोजन किया जाता है, जिसमें शौकिया मछली शिकारियों को प्रोत्साहन के रुप में नकद ईनाम दिया जाता है। शिकार के इच्छुक व्यक्ति जिला मत्स्य अधिकारी के कार्यालय से मछली शिकार के लिये फीस जमा करवाने के पश्चात परिपत्र प्राप्त कर सकता है।
उपायुक्त श्री मुकुल कुमार ने बताया कि वार्षिक शौकिया शिकार पत्र के लिये 100 रुपये प्रतिवर्ष मासिक शौकिया शिकार परिपत्र के लिये 50 रुपये प्रतिमाह, साप्ताहिक शौकिया शिकार परिपत्र के लिये 25 रुपये व दैनिक शौकिया के लिये पाचं रुपये जमा करवाकर यह परिपत्र प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शौकिया शिकार के लिये जारी किये गये परिपत्र की शर्तोंनुसार शौकिया मछली शिकार केवल कुंडी-डोरी का प्रयोग ही कर सकता है।एक समय में तीन से अधिक मछली पकड़ना वर्जित है तथा शिकारी द्वारा पकड़ी गई मछली का प्रयोग स्वयं के भोजन के रूप में किया जा सकता है न की मंडीकरण के लिये।
उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा मत्स्य किसानों के उत्थान के लिये केंद्रीय प्रायोजित नीली क्रांति योजना भी शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य किसानों की आय में वृद्धि करना तथा बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत मत्स्य किसानों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान से मत्स्य उत्पादन करवाया जा रहा है। इस योजना के तहत मत्स्य किसानों को कुल लागत पर 60 प्रतिशत की दर से सरकार की ओर से विभाग के माध्यम से अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मत्स्य किसानों को मिट्ठे पानी में मछली पालन, जलमग्न क्षेत्र के विकास, लवणीय भूमि के विकास व ईलेंडकेप्चर फिस्रिज स्कीम के तहत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। मिट्ठे पानी में मछली पालन के लिये नये तालाब की खुदाई के लिये 7 लाख रुपये की राशि दी जाती हैं, जिसमें कुल ईकाई लागत पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। तालाब सुधार के लिये 3.50 लाख रुपये तथा मत्स्य पालन पर खाद खुराक के लिये डेढ़ लाख रुपये प्रदान किये जा रहे है, जिस पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल मग्न क्षेत्र के विकास के लिये भी सरकार की ओर से मत्स्य विकास के लिये वित्तीय सहायता दी जा रही है। नये तालाब खुदाई के लिये पांच लाख रुपये व मत्स्य पालन पर खाद खुराक पर डेढ लाख रुपये तथा कुल इकाई लागत पर 60 प्रतिशत अनुदान मुहैया करवाया जा रहा है। इसी प्रकार लवणीय भूमि के विकास के लिये नये तालाब की खुदाई के लिये 7 लाख रुपये व मछली पालन पर खाद खुराक के लिये डेढ लाख रुपये प्रदान करने के अलावा इस पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन्लेंड केप्चर फिशरीज स्कीम के अंतर्गत जाल व अन्य उपकरण के लिये एक लाख रुपये व मत्स्य संरक्षण एवं चेतना शिविर कार्यक्रम के लिये चार लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है और कुल ईकाई लागत पर 60 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत चालू वित वर्ष में मत्स्य विभाग द्वारा अब तक 65 टन मछली उत्पान किया जा चुका है।
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