इंद्रधनुष आडिटोरियम में जिलास्तरीय समारोह का आयोजन
वंदे मातरम’ के जयघोष से गुंजायमान हुआ वातावरण, स्कूली बच्चों के देशभक्ति कार्यक्रमों ने मोहा सबका मन
“वंदे मातरम” केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक भावना है जो हर भारतीय के हृदय में देशप्रेम की ज्योति प्रज्वलित करती है- उपायुक्त सतपाल शर्मा
‘‘वंदे मातरम‘‘ गीत ने अजादी की लडाई लड रहे असंख्य स्वतंत्रता सैनानियों में देश के लिए मर मिटने का जज्बा जगाया – पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

पंचकूला, 7 नवंबर: माँ भारती को समर्पित देशभक्ति और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय समारोह इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, सेक्टर-5 में देशभक्ति के उल्लास के साथ मनाया गया।
उपायुक्त श्री सतपाल शर्मा और हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने परंपरागत दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व उन्होने आडिटोरियम में लगाई गई ‘वंदे मातरम -भारत के स्वतंत्रता संग्राम का आहवान’ प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित लोगों ने वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से नई दिल्ली से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का लाईव संबोधन देखा और सुना।
उपायुक्त श्री सतपाल शर्मा ने जिला स्तरीय समारोह को मुख्यअतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह दिन उस भावनात्मक यात्रा का प्रतीक है जिसने भारत माता को “वंदे मातरम” के माध्यम से हमारी आत्मा से जोड़ा। आज जब हम इस गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने का पावन पर्व मना रहे हैं, तो हम केवल एक रचना का नहीं, बल्कि एक संस्कृति, एक चेतना और एक संकल्प का उत्सव मना रहे हैं।
उन्होने कहा कि यह गीत स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी की अद्भुत प्रतिभा, राष्ट्रप्रेम और आस्था का परिणाम है। उनके शब्दों ने उस दौर में हर भारतीय के मन में स्वतंत्रता की ज्वाला प्रज्वलित की, जब बोलना भी अपराध था।
उन्होने कहा कि यह गीत हमें याद दिलाता है कि भारत केवल भूगोल का एक नक्शा नहीं, बल्कि एक जीवंत मां है जिसकी नदियां हमारे संस्कार हैं, जिसकी मिट्टी हमारे जीवन की सुगंध है, और जिसकी संस्कृति हमारे अस्तित्व की आत्मा है। यह मातृभूमि केवल हमारी जन्मभूमि नहीं, बल्कि हमारी पहचान और हमारी आस्था का केंद्र है।
इस अवसर पर उपायुक्त ने आह्वान करते हुए कहा कि आज हम सभी को मिलकर यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों और युवाओं के मन में वही राष्ट्रभक्ति, संस्कार और संवेदनाएँ जागृत करें, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के मन में थीं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को यह समझना होगा कि “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक ऐसी भावना है, जो हर भारतीय के हृदय में देशप्रेम की ज्योति प्रज्वलित करती है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर 1875 को रचित राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ ने आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों में देश के लिए मर मिटने का जज़्बा पैदा किया और देशवासियों में देशप्रेम की भावना जागृत की। इस गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों को आज़ादी की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए प्रेरित किया।
श्री गुप्ता ने याद दिलाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष अपराध माना जाता था, और जो लोग इसे गाते थे उन्हें जेल में डालने के साथ-साथ अनेक यातनाएं दी जाती थीं। फिर भी देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने बिना किसी भय के अपनी आवाज़ को दबाने के हर प्रयास का डटकर विरोध किया और देश को आज़ाद करवाने के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इन्हीं स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण आज हम सब स्वतंत्रता की खुली हवा में साँस ले रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने एक साथ राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाकर वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति आधारित कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती निशा यादव, डीसीपी क्राईम और टैªफिक श्री मनप्रीत सूदन, एसडीएम श्री चंद्रकांत कटारिया, नगराधीश जागृति, हरियाणा शिवालिक विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश देवीनगर, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री दीपक शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।