*जनरल वीपी मलिक ने कहा, “जो राष्ट्र अपने शहीदों को याद रखता है, वह निरंतर विकास करता है और निर्बाध रूप से आगे बढ़ता है*
*इस अवसर पर 16 सिख रेजिमेंट द्वारा गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया गया और पूर्व सेना प्रमुख, आईटीबीपी के महानिरीक्षक, जिला प्रशासन, नगर निगम, जिला सैनिक बोर्ड, जिला रेड क्रॉस और 18 पंजाब के कमांडिंग ऑफिसर ने पुष्पांजलि अर्पित की। शहीद कैप्टन रोहित कौशाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जालौली ने शहीद के बारे में एक संस्मरण प्रस्तुत किया*

पंचकूला नवंबर 11: कैप्टन रोहित कौशाल, एसएम (गैलेंट्री) की 30वीं पुण्यतिथि आज उनके स्मारक, जालौली पंचकूला में मनाई गई।
कैप्टन रोहित, 18 पंजाब रेजिमेंट के जवान, ने 11 नवंबर, 1995 को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इस अवसर पर 16 सिख रेजिमेंट द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में जनरल वीपी मलिक (पूर्व सेनाध्यक्ष), अशोक नेगी (आईटीबीपी के आईजी), चंद्रकांत कटारिया (एसडीएम), गौरव चौहान (नगर निगम के संयुक्त आयुक्त), सलीम खान ( पार्षद), विंग कमांडर संजय राय (जिला सैनिक बोर्ड), लाइजन ऑफिसर लेफ्टिनेंट हेमंत मलिक (18 पंजाब की ओर से), पुष्पा देवी , शहीद कैप्टन रोहित कौशाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल, और जिला रेड क्रॉस शामिल थे। कैप्टन रोहित के माता-पिता एसएस कौशाल और वीणा शर्मा ने भी श्रद्धांजलि दी।स्कूल के छात्रों और स्टाफ ने शहीद पर एक मेमॉयर प्रस्तुत किया।
जनरल वीपी मलिक ने अपने संबोधन में कहा, “जो राष्ट्र अपने शहीदों को याद रखता है, वह निरंतर विकास करता है और निर्बाध रूप से आगे बढ़ता है।” उन्होंने शहीद परिवारों के प्रति संवेदनशील रहने का आग्रह किया।
आईटीबीपी के आईजी अशोक नेगी ने कहा कि ऐसे स्मारक युवाओं में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देते हैं।
विनोद वशिष्ठ शहीद कैप्टन रोहित कौशाल ट्रस्ट के संरक्षक ने कहा कि पिछले तीस वर्षों से रक्षा सेवाओं, अर्धसैनिक बलों, राज्य प्रशासन, नगर निगम पंचकूला और एनजीओ के सहयोग से यह समारोह निरंतर जारी है।
रोहित कौशाल का जन्म 5 अगस्त, 1968 को अंबाला कैंट में हुआ था। वे वीणा शर्मा और एसएस कौशाल के इकलौते पुत्र थे। कैप्टन रोहित ने अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान दी। उनकी शादी 27 नवंबर, 1995 को होनी थी, लेकिन नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था। 10-11 नवंबर, 1995 की रात को कैप्टन रोहित ने डोडा के गैंडोह क्षेत्र में आतंकवादियों के ठिकाने पर हमला किया। मुठभेड़ में उनके सीने और गर्दन में गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया और वीरगति को प्राप्त हुए।
भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया। हरियाणा सरकार और उनके परिवार ने मिलकर एक स्मारक का निर्माण किया, जिसका अनावरण 1997 में पूर्व राज्यपाल महाबीर प्रसाद ने किया। पंचकूला के सेक्टर-12 में एक रोड और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है। राज्य सरकार ने जौल्ली स्थित सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद कैप्टन रोहित कौशल सीनियर सेकेंडरी स्कूल रखा है। सेक्टर 12 पंचकूला में जिला सैनिक भवन की ओर जाने वाली सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखा गया है। रोहित कौशाल की याद में पंचकूला, चंडीगढ़ और अंबाला में कई स्मारक और गौरव गाथाएं स्थापित हैं। कैप्टन रोहित की स्मृति पंचकूला शहीद स्मारक (सेक्टर 12), चंडीगढ़ शहीद स्मारक (सेक्टर 3), डीएवी कॉलेज शहीद गैलरी (सेक्टर 10) और टेरेस गार्डन (सेक्टर 33) में बने शहीद स्तंभों में भी अमर है।
