सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

PU Deliberates on Teachings of Swami Vivekananda

Chandigarh February 20, 2021

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The Interdisciplinary Centre for Swami Vivekananda Studies, Panjab University, Chandigarh in collaboration with Vivekananda Kanyakumari branch Chandigarh, Punab organised a web lecture by Sh.C.S.Talwar IAS (Retd)on “Why Swamiji is a Youth Icon”. 

Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor appreciated the endeavours of ICSVS in organising various programs from time to time for the students and faculty of Panjab University. He stressed that we should emulate the teachings of Swami ji which will bring end to our sufferings. 

Prof.Renu Thakur Coordinator ICSVS, introduced the speaker. 

Shri C.S.Talwar distinguished speaker enlightened  on the life and teachings of Swamiji. He is truly an icon for the youth. His message of fearlessness, truthfulness, compassion and strength are most relevant for all of us. He invoked all of us to follow and emulate best of east and west.Swamiji believed religion as an extension of science and yoga as a study of mind by mind itself.Vivekananda was of the view that liberty is important to excel . Women should be free to decide their role in society. The great personalities like Dr.Rabindranath, Aurbindo and Mahatma Gandhi admitted that Swami Vivekananda was their mentor.Swamiji was hopeful that by inculcating good qualities India will rise and shape the future world. 

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Prof. Devinder Singh Coordinator B.R.Ambedkar centre and SVC

in his remarks stressed youth should inculcate good qualities in them and help the nation to rise and excel. The youth should shun laziness and free themselves from illusion which make them weak as weakness is death and strength is life. 

Prof Renu Thakur proposed the vote of thanks and Dr. Monika Agarwal from UIAMS conducted the proceedings of the event.

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फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन फील्ड-डे कार्यक्रम आयोजित

सिरसा, 20 फरवरी।

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              फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन एवं केंद्र भ्रमण के लिए चार दिवसीय फील्ड-डे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला सिरसा, फतेहाबाद, हिसार एवं भिवानी से लगभग 115 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त निदेशक उद्यान एवं उद्यान प्रशिक्षण संस्थान करनाल के प्रधानाचार्य डा. जोगिंद्र सिंह ने की। इस दौरान किसानों को विभिन्न फलों के आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के प्रदर्शन के लिए केंद्र का भ्रमण भी करवाया गया।


              कार्यक्रम में डा. जोगिंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के कृषि योग्य भूमि का लगभग 8 प्रतिशत क्षेत्र बागवानी के अंतर्गत आता है। उद्यान विभाग के प्रयासों एवं किसानों के परिश्रम के फलस्वरूप प्रदेश में बागवानी क्षेत्र लगातार बढ रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फल उत्कृष्टता केंद्र पर किए जा रहे विभिन्न तकनीकी प्रदर्शन से प्रशिक्षण लेकर अपने खेतों में भी नई तकनीक को अपनाए और अधिक लाभ कमाएं। साथ ही किसान अपना उत्पाद स्वयं बेचना सीखे ताकि आय में और अधिक बढोतरी कर सके।


              उप-निदेशक उद्यान फल उत्कृष्टता केंद्र डा. आत्म प्रकाश ने केंद्र पर चल रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा पिछले लगभग 11 वर्षों से नींबू वर्गीय फलों, अनार, जैतून, खजूर की आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के बारे में किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही है। केंद्र के प्रयासों एवं अच्छी तकनीक के कारण सरकार ने किसानों के लिए अनार व खजूर फसल के क्षेत्र को प्रदेश में बढाने के लिए अनुदान का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में 21 व 22 फरवरी 2021 को अनार, खजूर, जैतून व आड़ू आदि फसलों के बारे में किसानों को गहनता से जानकारी दी जाएगी।

              डा. अमर सिंह पूनिया ने किसानों नींबू जाति के बागों के रख-रखाव के संबंध में तथा डा. श्रवण कुमार ने किसानों को विभाग द्वारा उनके लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारें में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही फल उत्कृष्टता केंद्र पर किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न प्रजातियों पौध के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर डा. रमेश कुमार ने किसानों को नींबू जाति व अन्य फलों में टपका सिंचाई के माध्यम से विभिन्न घुलनशील खादों के प्रयोग के बारें में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम इस विधि से किस प्रकार कम खर्च में अधिक एव अच्छी गुणवत्ता की पैदावार ले सकते है।

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जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा खंड रानियां के गांव गिंदड़ा में नशा मुक्ति सेमिनार किया आयोजित

सिरसा, 20 फरवरी।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार के दिशा निर्देशानुसार जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर नशा मुक्ति सेमिनारों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा शनिवार को खंड रानियां के गांव गिंदड़ा के ग्राम सचिवालय में नशा मुक्ति सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खारिया के प्राचार्य सदीव सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामनगरिया के मुख्य अध्यापक मदन वर्मा बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। सेमिनार में जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा के सचिव लाल बहादुर बेनीवाल भी मौजूद थे।


                मुख्य अतिथि सदीव सिंह ने सेमिनार को संबोधित करते हुए युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं भी नशा न करें और दूसरों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करें। हम सबको मिलकर यह प्रयास करना चाहिए ताकि युवा वर्ग नशे से दूर रह सके। उन्होंने कहा कि ग्रामिणों को चाहिए कि वे ग्राम स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करें और युवाओं को अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा व खेल जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यदि उनके परिवार या आस पड़ोस में यदि कोई व्यक्ति नशा करता है तो नशा मुक्ति केंद्रों में उसका ईलाज करवाएं ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सके। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति नशे की बिक्री करता है तो उसकी सूचना पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर दें। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।


                मुख्य वक्ता मदन वर्मा ने भी उपस्थितजनों को नशा से परिवार व समाज पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने नशा क्या है, नशे के प्रकार, नशा एक बीमारी है, नशे की बीमारी से मुक्ति, नशे के बारे में पैदा हुई गलत धारणाओं व नशा करने वाले व्यक्ति के मुख्य लक्षणों की जानकारी विस्तार से दी। उन्होंने बताया कि हमें नशे में लिप्त व्यक्ति का नशा छुड़वाने के लिए उससे किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए, इस बारे भी अवगत करवाया।

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                जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा के सचिव लाल बहादुर बेनीवाल ने कहा कि नशा समाज के लिए अभिशाप है और यह हमारे समाज को खोखला करता जा रहा है। विशेषकर युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रहकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में नशा होता है, वह परिवार आर्थिक व सामाजिक तौर पर पिछड़ जाता है।


                सेमिनार में नशा न करने बारे उपस्थितजनों को शपथ दिलवाई गई। नशामुक्ति अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं व ग्रवित वालंटियर्स को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार मे जिला रैडक्रास सोसायटी की ओर से उपस्थित महिलाओं को तुलसी के पौधे के गमले देकर पर्यावरण स्वच्छ रखने का संदेश दिया।  कार्यक्रम के अंत में जिला  रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा मुख्यातिथि व अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरपंच तारा देवी मूंड, पंच ममता रानी, मूर्ति देवी, विजय सिंह नौखवाल, सुभाष टाक , महावीर सिंह, उषा रानी, पार्वती देवी आशा वर्कर, छात्रा तमन्ना, सहयोगी ग्रवित वालंटियर्स विरेंद्र मलेठिया, मोहित धुंधवाल, राधेश्याम जाखड़, प्रवीन नौखवाल , मुकेश जाखड़, पुरुषोत्तम भाटीवाल, नीरज बशीर, कुलदीप, धर्मपाल, हरि सिंह, डा. इंद्रसैन, बृजलाल सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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PU VC visits USOL and Evening Studies

Chandigarh

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In view of increasing number of Covid cases, Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh, today,  visited University School of Open Learning and Department of Evening Studies and advised all to maintain social distancing and wear masks.  He urged all to maintain cleanliness in and around their work places.

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वर्तमान तकनीक का युग, शिक्षक विद्यार्थियों में करें वैज्ञानिक दृष्टिïकोण पैदा : डीसी

सिरसा, 19 फरवरी।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान तकनीक का युग है, इसलिए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिïकोण होना समय की मांग व आवश्यक है। शिक्षक सामान्य शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी शिक्षा के बारे में भी शिक्षित करें। इस दिशा में गांव गुडिया खेड़ा के राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच विकसित करने में टिंकरिंग लैब कारगर साबित होगी।


                उपायुक्त शुक्रवार को उक्त लैब के उदघाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों व ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उपायुक्त ने लैब के उद्ïघाटन उपरांत लैब का निरीक्षण कर सुविधाओं की जानकारी ली। स्कूल में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब के इंचार्ज राजेश जैन और कृष्ण जैन ने मुख्य अतिथि को लैब के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश, जिला खंड शिक्षा अधिकारी जसपाल सिंह, जिला गणित विशेषज्ञ नीरज पाहुजा, जिला विज्ञान विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी अटल टिंकरिंग लैब डॉ मुकेश कुमार, सरपंच प्रतिनिधि भरत सिंह और खंड नाथूसरी चोपटा के विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य उपस्थित थे। इससे पहले उपायुक्त ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और लैब का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया। समारोह में स्कूल प्राचार्य द्वारा उपायुक्त को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


                उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा का युग है, जो विद्यार्थी समय के साथ नहीं चलेगा वह प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पिछड़ जाएगा। इसलिए विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत के साथ पढाई करें, तभी वे निश्चय ही सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि कोई कार्य मुश्किल नहीं है बशर्ते उसे परिश्रम के साथ किया जाए। शिक्षक पढाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को सुसंस्कारित बनाएं ताकि समाज के नवनिर्माण में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षक द्वारा बच्चों को दिया गया ज्ञान उन्हें आजीवन आगे बढने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि  अभिभावक व परिवारजन भी घर के वातावरण को बच्चों के पढाई के अनुकूल बनाएं और समय-समय पर बच्चों को जीवन में आगे बढने के लिए प्रेरित करते हुए उनका मार्गदर्शन करते रहें। उन्होंने कहा कि अटल टिकरिग लैब में विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिग और गणित के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ-साथ उपकरणों का प्रयोग कर कुछ नया करने का अवसर मिलेगा। अटल लैब में आइआर सेंसर से लेकर थ्रीडी प्रिटर्स और अल्ट्रासोनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस लैब से विज्ञान, गणित व तकनीक में रुचि रखने वाले विद्यार्थी लैब में रचनात्मक प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उनके कौशल में और निखार आएगा।


                इस अवसर पर प्रिंसिपल उमेद सिंह ढाका, ग्रामीण अमीलाल मंडा, नानक राम गोदारा, काशी राम गोदारा, छेलू राम, राम प्रताप बिरड़ा, रिछपाल छिंपा, हेतराम सांगवान, दुनीराम बिरड़ा, महावीर, राम सिंह बिरड़ा, गिरधारी सांगवान सहित भारी संख्या में ग्रामीण, स्कूल स्टॉफ सदस्य व छात्र – छात्राएं मौजूद थे।


अटल टिंकरिंग लैब के लिए जिला के 35 स्कूलों का चयन :


                अटल टिंकरिंग लैब के लिए सिरसा जिला के 35 स्कूलों चयनित हो चुके हैं। इनमें से अब तक सरकारी व गैर सरकारी सात स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जा चुकी है। अटल टिंकरिंग लैब में विद्यार्थी रोबोटिक्स, सेंसर्स, 3डी प्रिंटर्स व विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में जानेंगे। अटल इनोवेशन मिशन का मुख्य उद्देश्य अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को नई टेक्नोलॉजी से रूबरू करवाना व उनके नवप्रवर्तन/नए आइडिया को सार्थक करने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना है।


क्या है अटल टिंकरिंग योजना :


                अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार के नीति आयोग की एक महत्वाकांक्षी योजना है। अटल इनोवेशन के तहत इस योजना का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना और छोटी उम्र से ही बच्चों को आविष्कार करने के लिए प्रेरित करना है। लैब में विद्यार्थियों को रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिंटर्स, इलेक्ट्रोनिक्स डेवलपमेंट टूल्स, कम्प्यूटर, वीडियो कॉफ्रेंसिंग, माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड, अल्ट्रासोनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण मिलेंगे।

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जूस विक्रेता का बेटा जीत लाया ‘सोना’, स्पीकर ने किया सम्मानित

राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पंचकूला का परचम

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पंचकूला , 19 फरवरी: विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार को विधान सभा सचिवालय में हरियाणा का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इन सभी खिलाड़ियों ने इसी माह गोवाहाटी में आयोजित राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक हासिल किए हैं। सम्मानित होने वाले में गगन सिंह, जेसिका, जश्न और कोच जतिंदर सिंह शामिल हैं। इन खिलाड़ियों में एक ऐसा स्वर्ण पदक विजेता भी है, जिसके पिता शहर में जूस बेचकर पर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।


गगन सिंह ने अंडर 18 आयुवर्ग में 3 किलोमीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया है। जेसिका ने लड़कियों के 16 आयु वर्ग में डिस्क थ्रो में कास्य पदक प्राप्त किया तो जश्न ने लड़कों के अंडर 20 आयुवर्ग में आयोजित 400 मीटर की बाधा दौड़ प्रतियोगिता में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। गगन िसंह पुराना पंचकूला में रहता है तथा उसके पिता शहर में जूस की रेहड़ी लगाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के इस होनहार की सफलता ने पंचकूला के साथ-साथ हरियाणा का नाम रोशन किया है। गगन सिंह इस सफलता को श्रेय कोच जितेंद्र सिंह को देते हैं। वहीं, कोच जितेंद्र सिंह का कहना है कि यह इस कामयाबी के पीछे खिलाड़ी की मेहनत और प्रदेश सरकार की आदर्श खेल नीति ही प्रमुख कारण है। उन्होंने खेलों के प्रोत्साहन के लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की सराहना की। उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का कोई भी अवसर हाथ से नहीं जाने देते। खेलों के प्रति उनके लगाव के कारण जिले में उचित माहौल बना है, जिससे अच्छी प्रतिभाओं को तराशा जा रहा है।


डिस्क थ्रो में कास्य पदक जीतने वाली जेसिका के पिता हरियाणा पुलिस में हैड कॉन्टेबल तथा माता अध्यापिका हैं। जेसिका खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी काफी होनहार है। उसने दसवीं कक्षा में 90 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं।
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छात्रावास में पंचकूला के खिलाड़ियों के लिए मांगी जगह, स्पीकर ने खेल मंत्री को लिखी चिट्‌ठी


पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ विधान सभा सचिवालय पहुंचे एथलेटिक्स स्पोर्ट्स चयन समिति के अध्यक्ष यशपाल चौपड़ा, कोच जितेंद्र सिंह तथा समाज सेवी परमजीत सिंह ने विधान सभा अध्यक्ष के समक्ष खिलाड़ियों को पेश आ रही परेशानियां भी रखीं। उन्होंने कहा कि ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बने छात्रावास का समुचित सदुपयोग नहीं हो रहा है। इस छात्रावास की सुविधा पंचकूला जिले के विद्यार्थियों को भी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को अवसर मिल सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया गया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने दोनों मांगांे पर सहमति जताते हुए संबंधित विभागों को पत्र लिख दिया है।

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हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 में उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं : अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह

सिरसा, 19 फरवरी।

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                अतिरिक्त निदेशक उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा एसएन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने नए उद्योगों की स्थापना करने के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया को बहुत ही सरल और सुव्यवस्थित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग जगत से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिये योजनाबद्ध रूप से कार्य कर रही है, ताकि सभी छोटे व बड़े उद्योगों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिल सके।


                अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 के विस्तार व इज ऑफ डूइंग बिजनेस के संबंध में आयोजित वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। इस वर्कशॉप में उप निदेशक जिला उद्योग केंद्र ज्ञान चंद लांग्यान, बिजली निगम से कार्यकारी अभियंता जीत राम, जीके वधवा, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. गिरीश चौधरी, सिंचाई विभाग से एसडीओ महेंद्र सिंह, एचएसआईआईडीसी से सुमित चौधरी सहित विभिन्न उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों व उद्योग इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


                अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों के लिए किए गए सुधारों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 में कई नए प्रावधानों को जोड़ा गया है ताकि उद्योगों को अधिक विकसित किया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का सृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी इज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रोग्रोम को और अधिक आगे बढ़ाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने तथा सूक्ष्म उद्यमों की सहायता के लिए बेहद कारगर साबित होगी। इससे सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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                उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी के अंतर्गत सभी प्रमुख विभागों की महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे फैक्ट्री लाइसेंस, ऑनलाइन शिकायतों का निवारण के लिए ऑनलाइन शिकायत पोर्टल प्रारंभ किया गया हैं, जिसके माध्यम से उद्योग इकाइयों की शिकायतों का शीघ्र अति शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने विभागाध्यक्षों से कहा कि वे पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का निर्धारित समयावधि में समाधान करे ताकि उद्योग मालिकों को कोई समस्या न आए। उन्होंने हरियाणा सरकार की नई औद्योगिक नीति एचइपीपी 2020 व उद्योग इकाइयों को मिलने वाले प्रमुख लाभ के विषय में जानकारी दी।

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हर गांव में बनेंगे सार्वजनिक शौचालय, 229 गांव में किया जा चुका शौचालयों का निर्माण

सिरसा, 19 फरवरी।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को मजबूती देने इसमें जनभागीदारी बढाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला के प्रत्येक गांव में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य है। अब तक 229 गांवों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है और 114 गांवों में शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

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उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान को जन-जन तक पहुंचाने व इसमें लोगों की भागीदारी करने तथा स्वच्छता के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं व कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण भी इन्हीं योजनाओं व कार्यक्रमों में से एक है। उन्होंने बताया कि जिला में 229 गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा चुका है, जिस पर 4 करोड़ 58 लाख रुपये की राशि खर्च हुई है। इसी प्रकार 114 गांवों में शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनके निर्माण कार्य पर 2 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि जिला के प्रत्येक गांव में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इन सार्वजनिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेवारी संबंधित ग्राम पंचायत को ही दी गई है, ताकि इनके रखरखा व साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से होती रहे।

 
उपायुक्त ने बताया कि गांवों में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से गांव में होने वाले सामूहिक कार्यक्रमों, बाहर से आने वाली लेबर व फेरी वालों के अलावा अन्य लोगों को शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जन-जन को स्वच्छता की मुहिम को जोडऩे में गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने में हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे अपने घर व आसपास सफाई रखे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि जिला के लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं और इसी का परिणाम था कि वर्ष 2018 में सिरसा जिला की खुले में शौच मुक्त में हरियाणा में प्रथम स्थान मिला था। उन्होंने कहा कि इसी तरह की जागरूकता व भागीदारी करके जिला को स्वच्छता में भी नम्बर वन बनाकर स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करना है।

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खुले में शौच मुक्त में जिला को मिली थी प्रथम रैंक, पंचायतों को मिली थी पुरस्कार राशि :


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि सिरसा के लोग सरकार के जनहित से जुड़े अभियानों व कार्यक्रमों में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाते हैं। लोगों की भागीदारी व जागरूकता के चलते वर्ष 2018 में भी खुले में शौच मुक्त में सिरसा जिला हरियाणा में प्रथम रैंक पर रहा था। इसके परिणाम स्वरूप जिला की सभी पंचायतों को एक-एक लाख रुपये, पंचायत समितियों को 5-5 लाख रुपये तथा जिला परिषद को 25 लाख रुपये की राशि का पुरस्कार दिया गया था।

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मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर प्रत्येक किसान की रबी फसल का हो पंजीकरण : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा,


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत मेरी फसल-ब्यौरा पोर्टल पर रबी की फसलों का पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि किसानों को मंडी में अपनी फसल बेचने में कोई असुविधा न हो और न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर अपनी फसल को बेच सकें।

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उपायुक्त वीरवार को पंचायत भवन में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीआरओ बिजेंद्र भारद्वाज सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी रबी की फसल को पंजीकृत करवाने से वंचित न रहे। अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए जिला के प्रत्येक किसान की रबी की फसल का पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें।


उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बिक्री के लिए संबंधित किसान की फसल का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। इस बार पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। जिस भी किसान ने यदि अभी तक परिवार पहचान नहीं बनवाया है, उन्हें परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए पे्ररित करें, जिससे उनकी फसल का पंजीकरण हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है, इसलिए अधिकारी व कर्मचारी फसल पंजीकरण कार्य को गंभीरता से लें और इसमें अपना पूर्ण सहयोग व योगदान दें। उन्होंने अधिकारियों विशेषकर एडीओ, ग्राम सचिव व पटवारियों से कहा कि वे किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, इसलिए वे किसानों को मेरी फसल-मेरी ब्यौरा पोर्टल पर फसलों के पंजीकरण के लिए जागरूक करने व पंजीकरण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि पंजीकरण कार्य में ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए और गांव में सरपंच के माध्यम से फसल पंजीकरण के लिए मुनादी करवाई जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इस बारे जानकारी मिल सके और सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का पूरा-पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने गांव में किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा बारे जानकारी दें और उन्हें फसल पंजीकरण के लिए प्रेरित करें।  


अधिकारी व कर्मचारी अपनी बारी पर वैक्सीन अवश्य लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें :


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि कोरोना बचाव के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अधिकारी व कर्मचारी वैक्सीन जरूर लगवाएं और आमजन को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है।

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Simplicity is the crux of communication: Chitra Sarwara

Chandigarh February 18, 2021

The third day of the seven-day long Faculty Development Program (FDP) titled ‘Enhancing Visibility & Perception of the Self as a Brand’ started on an enthusiastic note. The course coordinator, Dr. Sumedha Singh, gave a kick start to the day by running the participants through self branding activities.

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Chitra Sarwara, Politician, and Gaurav Dwivedi, Actor were the key attractions of the day. As a resource person, Chitra Sarwara started by saying that branding of the self is a huge responsibility on oneself. Need to communicate is more important than what to communicate. Emphasising on the packaging of the content more than which tools to be used, she elaborated that simplicity touches the audiences. Thus, one must mirror happiness in one’s communication which could happen when we start mirroring happiness in one’s communication. She concluded by stressing that correct branding gives you apt identity and credibility.

Actor Gaurav Dwivedi was a big hit amongst the participants as well. He asked why one’s target audience should connect with oneself! Elaborating on that, he said that adaptability is the key. Believe that you can do it. He summarised by saying that reality is stranger than fiction.

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