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मोबाइल से दूर रहें और अच्छी पुस्तकें पढें छात्र : उपायुक्त अशोक गर्ग

सिरसा, 14 नवंबर।

मोबाइल से दूर रहें और अच्छी पुस्तकें पढें छात्र : उपायुक्त अशोक गर्ग

बाल दिवस के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति, उपायुक्त ने विजेता बच्चों को किया सम्मानित


              
बच्चों को शिक्षा के साथ – साथ उनका सर्वांगिण विकास करने के लिए अभिभावकों, अध्यापकों, संस्थाओं व अन्य लोगों को अपना सहयोग व योगदान करना चाहिए ताकि वे पढ लिख कर सभ्य नागरिक बन सकें और देश व समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।


              यह बात आज बाल दिवस के अवसर पर उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने बाल भवन सिरसा में जिला बाल कल्याण परिषद के तत्वावधान में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में स्कूली बच्चों, अभिभावकों व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। समारोह में उपायुक्त महोदय की धर्म पत्नी एवं जिला बाल कल्याण परिषद की चेयरपर्सन रजनी गर्ग ने महामहिम राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का संदेश पढकर सुनाया और बाल दिवस पर बच्चों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।


              इस मौके पर उपायुक्त ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपायुक्त ने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति के लिए अपनी पूरी मेहनत व लग्र कार्य करें और मोबाइल से दूर रह कर अच्छी पुस्तकें पढने में रूचि लगाए। पढाई के साथ-साथ खेल व अन्य गतिविधियां भी बेहतर भविष्य में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता भी बच्चों पर पढाई को लेकर अतिरिक्त दबाव न बनाए और उन्हें अपनी पसंद का करियर चुनने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बच्चे पूरे अनुशासन में रह कर लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं, यदि ठान ले तो कोई भी लक्ष्य प्राप्ति असंभव नहीं है।


              उपायुक्त ने अभिभावकों, अध्यापकों से कहा कि वे बच्चों की छुपी हुई प्रतिभा को तराश कर उसका निखार करने का पूर्ण प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बच्चों पर अपनी आकांक्षाओं को न थोपें बल्कि उनके सर्वांगिण विकास में उनकी रुचि के अनुसार उनका मार्ग दर्शन व सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बाल भवन, रैडक्रॉस के अलावा प्रयास, दिशा, हेलन केलर दृष्टिबाधित विद्यालय, भाई कन्हैया आश्रम जैसी सामाजिक संस्थाओं की सराहना करते हुए उपायुक्त ने कहा कि मूक एवं बधिर सहित दिव्यांग लोगों की सहायता के लिए दानवीर सज्जनों को आगे आना चाहिए और विशेषकर इन दिव्यांग बच्चों के सर्वांगिण विकास में अपना सहयोग व योगदान देना चाहिए।


उपायुक्त ने जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चों के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों व गतिविधियों की भी सराहना की। इस मौके पर उपायुक्त ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत किये गए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने दर्शकों को भाव विभोर कर जमकर तालियां बटोरी। इस मौके पर उपायुक्त ने जिला बाल कल्याण परिषद की गतिविधियों के संचालन में सहयोग करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, दानवीर सज्जनों, सदस्यों एवं अन्य समाजसेवी लोगों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व अन्य विषयों पर बनाई गई पेंटिंग तथा बाल कृतियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनकी सराहना की। इससे पूर्व उपायुक्त ने सरस्वती मां के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया।

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              इससे पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए जिला बाल कल्याण परिषद की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहने वाले बच्चों को आगामी 18 से 20 नवंबर तक जींद में आयोजित होने वाली जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भेजा जाएगा। जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में जिला स्तर पर ग्रुप डांस, ग्रुप सोंग, सोलो डांस, सोलो सोंग, क्विज में प्रथम, द्वितीय आए हुए बच्चे भाग लेंगे। इन सभी प्रतियोगिताओं में शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल की टीमें ओवरऑल विजेता रही।


              कार्यक्रम में न्यू सतलुज स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत, प्रयास मैंटली चैलेंजड चिल्ड्रन स्कूल, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय दड़बी, शाहसतनाम जी ब्वायज स्कूल तथा प्रूडेंस स्कूल बाजेकां के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में अध्यापक रमेश पूरी ने कुशल मंच संचालन किया। इस मौके पर एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, सीएमजीजीए अनाहिता सागर, पीओ आईसीडीएस डा. दर्शना सिंह, एडीआईओ सुषमा सहित कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक व उनके अभिभावकगण मौजूद थे।


शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल के बच्चों ने नशा मुक्ति पर दिया भावुक संदेश, उपायुक्त ने की सराहना


              बाल दिवस समारोह में शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल के बच्चों ने नशा मुक्ति पर दमदार कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को सोचन पर विवश कर दिया। समारोह में उपायुक्त ने शाह सतनाम जी स्कूल के बच्चों की बेहतर प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए बच्चों के माध्यम से बेहतर संदेश दिया जा सकता है। आज समाज में विशेषकर युवा वर्ग में बढता नशा चिंता का विषय है। नशे पर अंकुश लगाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। इस कार्य में अध्यापक व छात्रों की अहम भूमिका रहती है। उन्होंने आह्वïान किया कि स्कूल मुखिया समय-समय पर इस तरह के आयोजन करवाएं ताकि बच्चों के माध्यम से समाज में नशे के खिलाफ संदेश जाए। 

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गूगल ने बाल दिवस पर डूडल बनाया है, इस डूडल में पहाड़, पेड़ और हरा मैदान दिखाया गया है जहां बच्चे खेल सकते हैं।

चंडीगढ़:

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

गूगल ने बाल दिवस पर डूडल बनाया है। इस डूडल में पहाड़, पेड़ और हरा मैदान दिखाया गया है जहां बच्चे खेल सकते हैं।

साफ तौर पर बढ़ते प्रदूषण और खराब होते पर्यावरण को लेकर भी संदेश है इस डूडल में। स्कूलों में बाल दिवस के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम बच्चों के लिये आयोजित किये जाते हैं।

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

नेहरू को बच्चों से लगाव था और बच्चे भी उन्हें स्नेह देते थे। वह बच्चों के अधिकार को लेकर हमेशा मुखर रहते थे। इसलिये बाल दिवस बच्चों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिये लिये मनाया जाता है।

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14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है।

चंडीगढ़:

14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है।

भारत में 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस भी होता है।

इसलिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। इस दिन बच्चों को उनके बच्चों के अधिकार और उनकी शिक्षा के प्रति जागरुक भी किया जाता है।

  • जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके बच्चों और गुलाब के प्रति लगाव के बारे में सभी जानते थे।

  • पंडित जवाहर लाल नेहरू कश्मीर के एक प्रवासी पंडित परिवार से थे। पेशे से वकील पंडित मोतीलाल नेहरू और उनकी पत्नी स्वरूप रानी की चार संतानों में जवाहर लाल नेहरू सबसे बड़े थे।
  • उनका कहना था कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम उनका किस तरह पालन पोषण करते हैं यह देश के भविष्य के बारे में बताता है। 
  • जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी कि वह बतौर वकील प्रक्टिस करें लेकिन यह काम कुछ दिन तक ही कर सके। महात्मा गांधी जिस तरह अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे थे उसे नेहरू काफी प्रभावित हुए।
  • यह जवाहर लाल नेहरू ही थे जिन्होंने भिलाई, राउरकेला और बोकारो जैसे देश के सबसे बड़ी स्टील प्लांट स्थापित किए। इतना ही नहीं आईआईएससी और आईआईटी जैसे कई बड़े शैक्षिक संस्थान भी स्थापित किए।
  • 16 साल की उम्र तक जवाहर लाल नेहरू की अधिकांश शिक्षा उनके घर पर ही हुई। इस दौरान उन्हें अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा की शिक्षा मिली, लेकिन अंग्रेजी की पढ़ाई पर विशेष जोर रहा।
  • इसके बाद 1905 में नेहरू जी ब्रिटेन चले गए और वहां से आगे की पढ़ाई की। उन्होंने यहां कैंब्रिज में नेचुरल साइंस की डिग्री हासिल करने के लिए तीन साल गुजारे। इसके बाद अगले दो साल में नेहरू जी ने बैरिस्टरी की पढ़ाई की।

 

  •  आजादी के आंदोलन में पंडित नेहरू को 1929 में पहली बार जेल हुई। इसके बाद कई बार उनकी गिरफ्तारी हुई। इस दौरान नेहरू ने अपने मां-बाप और बीमार पत्‍नी को खो दिया।

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Scientists urged for white space analysis and ethical practices in research and publication

Chandigarh:

University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University has organized a one-week (10-17 Nov), 4th IBRO/APRC Chandigarh Neuroscience School funded by International Brain Research Organization, to commemorate its Platinum Jubilee year. Forty-five delegates are attending the event and fourteen renowned national and international neuroscientists are giving scientific deliberations. Today, four of them interacted with the delegates highlighting the
importance of rightful living. They also sensitized the delegates on rising epidemics of neurodegenerative diseases arising due to stressful life, wrong ways of living, nuclear family and ignorance about stress management practicing.

Dr Pike See Universiti Putra Malaysia delivered a highly interactive talk on autosomal dominant disease, tuberous sclerosis complex which is a tumor suppressor syndrome due to mutations in TSC1 or TSC2, encoding hamartin and tuberin, respectively. She then emphasized on how gene manipulations and its strategy can translated into a novel
gene therapy.

Scientists urged for white space analysis and ethical practices in research and publication

Dr Laxmi T Rao Professor of Neurophysiology, NIMHANS, Bangalore enlightened the gathering about Autism spectrum disorder (ASD), a devastating childhood neurodevelopmental disorder with a range of symptoms related to social-communication deficits and restricted stereotypic behavior. She informed that child abuse and insult lead to effective disorders in adulthood giving symptoms of depression, anxiety and schizophrenia. It is very important for the working
parents to train the next generation in a positive atmosphere provide good nutrition, allow them to grow them in normal behaviour and channelize children into focused life.

Dr KP  Mohanakumar, Director Inter University Centre for Biomedical Research & Super Specialty Hospital MG University Kottayam, Kerala cited two successful stories from his laboratory on neurodegenerative disease research, with special attention to Parkinson’s disease. He discussed how white space analysis in 2004 helped to reveal neuroprotective effect of then to be of patented antiulcer drug, irsogladine in Parkinson’s disease. He also highlighted that the problem of the brain which is coming up very fast these days, has to be identified at a young stage, the child grows into an Autistic
child. The social system in India which is now moving towards the nuclear family, leaving the child alone with the made is leading to autism.

Dr. Dr B.S. Shankaranarayana Rao, Professor of Neurophysiology, National Institute of Mental Health and Neuro Sciences, Bengaluru, sensitized the young budding neuroscientists with the various aspects, related to ethics in scientific research and publication. He said that with changing technology and society, and the way we live, scientists can no longer claim that science is neutral but must consider the ethical and social aspects of their work and urged the participants to
abide by several core principles of ethics. He informed that they have Centre for Well Being where the counselling is given to the whole family and also, to the Corporate Heads. He cited urbanization and stress as a major reason of all the problems of society. He advised that in order to reduce stress the professional problems should be dissociated from the family. The quality time matters for a stress free family. He shared about national mental health survey which depicted problems in young couple leading to divorce, based on which, policies have been made in consultation with the Government.

Dr Anurag Kuhad, organizing secretary IBRO/APRC Chandigarh Neuroscience School, University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University, Chandigarh specifically shared the personal views of Professor Pike See an International IBRO Faculty from Malaysia on “Future of Indian Neuroscience”. He said that Professor See is highly
impressed with the enthusiasm of the young generation of Indian Neuroscientists. Her interaction with the B Pharm, M Pharm, PhD and Post Doc of UIPS was very exciting and appreciated the inquisitiveness of the students. Dr See said that the credit specifically goes to all UIPS faculty members specifically to Professor Kanwaljit Chopra, Chairperson UIPS for shaping their students in an outstanding manner so that they can make their place in International Institutes of very
high repute in the field of Neuroscience Research. Dr See is 100% sure that future of Indian Neuroscience is very secure. She whole heartedly appreciated the Indian hospitality and said that she would love to keep visiting India in future as well. She showed her strong desire to collaborate with Indian neuroscience researchers.

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PANJAB UNIVERSITY 4TH LAW CONVOCATION

Chandigarh:

PANJAB UNIVERSITY 4TH LAW CONVOCATION

The date for registration of candidates for the 4th Law Convocation has been extended. The candidates can register themselves in their respective departments i.e. Department of Laws, University Institute of Legal Studies, and PUSSGRC Hoshiarpur till 16.11.2019 till 4:00 p.m.

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Invited for WorkShop on Tackling Unstructured Data by American Council on Science

Chandigarh November 13, 2019

Invited for WorkShop on Tackling Unstructured Data by American Council on Science

Dr. Gurpreet Singh Bawa who just completed his Ph.D under the supervision of Professor Suresh Kumar Sharma, Department of Statistics, Panjab University, Chandigarh has been invited to conduct a session on unstructured data analysis in the upcoming annual conference on Computational Science & Computational Intelligence (CSCI) to be held at Las Vegas, USA, from 5-7th December, 2019. The conference has been organized by the reputed American Council on
Science and Education (ACSE). The sessions will also involve showcase of his recent innovation on ‘Fine tuning feedback-based recommendation system using deep learning models in word vector space representations’. Prof Suresh Kumar Sharma has been consistently advising him with all his innovation work.

            Dr. Gurpreet has been actively involved in innovation and research work in the domain of unstructured data analysis and has many research papers in this area in international and national Journals of repute. In the past, extensive research has been done by Gurpreet on subjects such as latent topic fine tuning, identification of conversational drivers of textual product reviews, deriving personality traits of consumers from social media posts and object detection retail monitoring using image processing. Recently, he has also written a book “Text as Data”, and it is related to modelling
techniques for unstructured data analysis. Additionally, he has worked on developing in-house assets such as intelligent chatbot for retail ordering and customer intelligence.

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हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन लोगो की समस्याए सुलझाने के लिए प्रत्येक माह पंचकूला व बरवाला में जनता दरबार का आयोजन करे ताकि लोगों को समस्याओ को गहराई से समझ कर उनका निदान किया जा सके।

पंचकूला, 13 नवंबर- हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि  जिला प्रशासन लोगो की समस्याए सुलझाने के लिए प्रत्येक माह पंचकूला व बरवाला में जनता दरबार का आयोजन करे ताकि लोगों को समस्याओ को गहराई से समझ कर उनका निदान किया जा सके। श्री गुप्ता आज यहा रैड-बिशप काॅम्पलैक्स में जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मुख्य उद्ेश्य पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेही प्रशासन देना है। यह तभी संभव है जब सरकारी अधिकारी और जन प्रतिनिधि मिलकर जन सेवा की भावना से मिलकर काम करे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  श्री मनोहर लाल के नेत्तृव मे सरकार दुबार आई है । इसका मुख्य कारण सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की नीती है। 

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अनुशासन का पालन करते हुए समय पर अपने कामो को निपटाए । सभी विकास कार्यो में गुणवता का विशेष ध्यान रखे। आपस में मिल जुल कर टीम की भावना से कार्य करे। जनता से मिलने के समय में कोई कोताही ना बरते। लोगोे के बार- बार चक्कर ना लगवाए। सिटीजन चार्टर को अपने कार्यालय में लगवाए । जिस दिन कार्य शुरू हो उसी दिन उसके संपन्न होने की तिथि निर्धारित कर दें। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिये की पैंडिगं पडे कार्यो की सूची उन्हें सात दिनों के भीतर भिजवाए। सभी अधूरे विकास कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करवाएं । 

जन सेवा को लेकर ही हमें दोबारा जनता का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  श्री मनोहर लाल के नेत्तृव मे एक बार फिर प्रदेश का विकास तेज गति से दोड़ेगा। जनता से मिले इसी जनादेश को कार्य रूप देने के उद्ेश्य से ही हम विकास के पथ पर आगे बढ़ेगें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान है और हम इसी जनता की सेवा करने के लिए हमेशा हाजिर रहेगें । जन आकांक्षाओं को पुरा करने के लिए उन्होंने अधिकारियों, राजनेताओं व आम जनता को मिलकर काम करने का  आहवान किया। श्री गुप्ता ने कहा कि सभी अधिकारी पूरी तरह से पारदर्शी प्रशासन दे और जन सेवा के लिए सहयोग दे। 

इस अवसर पर उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, नगर निगम आयुक्त राजेश जोगपाल, पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक सहित सभी संबधित अधिकारी मौजूद थे।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा है कि जिला में आयोजित की जाने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा 2019 की पूरी तैयारी कर ली गई है।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा है कि जिला में आयोजित की जाने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा 2019 की पूरी तैयारी कर ली गई है।

पंचकूला, 13 नवंबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा है कि जिला में आयोजित की जाने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा 2019 की पूरी तैयारी कर ली गई है। श्री आहूजा आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परीक्षा की तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पंचकूला में सभी केंद्रो पर परीक्षार्थियों के लिए इंतजाम पूरे कर लिए गए है। उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया गए हैं और अलग से सुपरवाइजर भी लगाए गए हैं परीक्षा को शांतिपूर्ण तरीके से संपर्क कराने के लिए धारा 144 परीक्षा केंद्रों पर लागू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान यातायात की भी सुचारू अवस्था के लिए प्रबंध किए गए हैं वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्पष्ट निर्देश दिया कि नकल रोकने के लिए एकदम सतर्क रहना होगा लेकिन किसी भी परीक्षार्थी को नाजायज तरीके से तंग ना किया जाए मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि परीक्षा केंद्रों में डयूटी देने वाले स्टॉप के पास पहचान पत्र होना चाहिए इसके अलावा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने फसल अवशेषों को ना जलने देने के बारे में भी निर्देश दिए।

उन्होंने नशे पर चर्चा करते हुए कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया जाए और कोई भी नशा मुक्ति केंद्र बिना लाइसेंस के संचालित ने हो मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए हर तरह के उपाय किए जाए उन्होंने कहा कि निर्धारित स्थानों पर रिफ्लेक्टर व साइंस लगाई जाए सड़कों पर सफेद पट्टी लगाने का कार्य भी तुरंत प्रभाव से आरंभ किया जाए ताकि ढूंढ के समय में सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ओवरलोडिंग वाहनों के चालान किए जाए वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बीपीएल कार्ड स्वच्छता अभियान आदि के बारे में भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए वीडियो कांफ्रेंस में उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, नगर निगम आयुक्त राजेश जोगपाल, पुलिस आयुक्त सौरव सिंह, पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक सहित सभी संबधित अधिकारी मौजूद थे। 

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हरियाणा विधानसभा स्पीकर श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने उमंग अभिव्यक्ति मंच की फाउंडर कवियत्री श्रीमती नीलम त्रिखा की पुस्तक मेरी बेटी मेरा अभिमान काव्य संग्रह का विमोचन अपने निवास स्थान पंचकूला में किया।

पंचकूला, 13 नवंबर- हरियाणा विधानसभा स्पीकर श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने उमंग अभिव्यक्ति मंच की फाउंडर कवियत्री श्रीमती नीलम त्रिखा की पुस्तक मेरी बेटी मेरा अभिमान काव्य संग्रह का विमोचन अपने निवास स्थान पंचकूला में किया। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व पार्षद श्री सी बी गोयल, रजनीश चंद्र त्रिखा, जीएस चहल के साथ-साथ स्थानीय निवासी व उमंग अभिव्यक्ति मंच के सदस्य भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी इस पुस्तक की सराहना करते हुए बधाई दी है और मंगल कामना की है कि वे इस तरह की पुस्तके जो बेटियों के लिए जागरूकता का काम करती है, आगे भी लेकर आएंगी। उन्होंने कहा कि समाज में बेटा और बेटी में भेद नही होना चाहिए। लड़कियां समाज का अह्म हिस्सा होती है। देश को आगे बढ़ाने में वे अपना काफी  सहयोग देती है। आज देश में कोई भी ऐसा कार्य नहीं हो जो लड़किया न कर सके। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से आगे बढ़ रही है। कार्यक्रम के आरंभ में रजनीश चंद्र त्रिखा, दृष्टि त्रिखा व नीलम त्रिखा, शिखा श्याम राणा ने मंच के सदस्यों के साथ फूल माला व गुलदस्ता भेंट करके अध्यक्ष का सम्मान किया और उसके बाद पुस्तक का लोकार्पण कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के पश्चात सभी का मिठाई व लड्डू से मुंह मीठा कराया गया। 

नीलम त्रिखा ने बताया की उनकी पुस्तक मेरी बेटी मेरा अभिमान की सभी कविताएं बेटियों के गौरव गान पर लिखी हुई हैं। समाज में बेटा और बेटी में कोई भेद न हो, इसके लिये लोगों को जागरूक किया गया है। इसमें बताया गया है कि बेटिया किसी से कम नहीं है। उन्होंने संदेश दिया है कि अपनी बेटियों को आगे बढ़ाएं और भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध ना करें। उनकी सारी कविताएं बहुत ही सरल भाषा में लिखी हुई है। उन्होंने बेटियों के गौरव गान  के साथ-साथ  आम जीवन में भी  भेदभाव के कारण बेटियों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस विषय में भी कविताओं के माध्यम से बताया है। उनका ऐसा मानना है कि ऐसा कोई कार्य नहीं है जो बेटियां नहीं कर सकती। अपने मंच के माध्यम से भी वह बेटियों व नारी के लिए अनेक तरह के जागरूक अभियान पहले भी करती आई हैं।

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मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन के माध्यम से अनुसूचित जाति के परिवारों का जीवन स्तर सुधारने के लिये प्रशिक्षण और अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।

पंचकूला, 13 नवंबर- मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन के माध्यम से अनुसूचित जाति के परिवारों का जीवन स्तर सुधारने के लिये प्रशिक्षण और अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके लिये इच्छुक आवेदक नये जिला सचिवालय सेक्टर.1 पंचकूला में स्थित मत्स्य पालन कार्यालय में संपर्क कर सकते है। 

जिला मत्स्य अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि इस वित वर्ष में वेलफेयर आॅफ शैडयूल कास्ट योजना के तहत पंचकूला जिला के लाभार्थियों को विभाग द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण के साथ साथ मछली पालन हेतू तालाब पट्ठे पर लेने के लिये प्रथम वर्ष की पट्टा राशि और मछलियों की खाद खुराक के लिये अनुदान दिया जाना है। उन्होंने बताया कि आवेदक को प्रार्थना पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र, फोटो, आधार कार्ड और आधार लिंग बैंक पास बुक की प्रति उपलब्ध करवानी होगी। इसके लिये इच्छुक व्यक्ति सरल पोर्टल पर आॅन लाईन भी आवेदन कर सकता है।


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