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सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने स्थानीय कैरा मैरिज पैलेस में बड़ागुढा के सुखदेव सिंह की बेटी के विवाह समारोह में शिरकत की और वर वधु को शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।

सिरसा, 25 नवंबर।

सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने स्थानीय कैरा मैरिज पैलेस में बड़ागुढा के सुखदेव सिंह की बेटी के विवाह समारोह में शिरकत की और वर वधु को शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।


             सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने स्थानीय कैरा मैरिज पैलेस में बड़ागुढा के सुखदेव सिंह की बेटी के विवाह समारोह में शिरकत की और वर वधु को शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया। इस मौके पर डा. भजन, सरपंच निशान सिंह, सुमित कुमार, धर्मवीर सिंह, मांगराम, महिपाल आदि मौजूद रहे। इसके अलावा सांसद ने अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए आमजन की समस्याओं को भी ध्यानपूर्वक सुना और क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे तथा चल रहे विकास कार्यो की विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने स्थानीय कैरा मैरिज पैलेस में बड़ागुढा के सुखदेव सिंह की बेटी के विवाह समारोह में शिरकत की और वर वधु को शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।

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पंजाबी सिंगल ट्रैक जान तेरी रिलीज़ किया

पंजाबी सिंगल ट्रैक जान तेरी रिलीज़ किया

पंचकूला 25 नवंबर। टेप रिकॉर्डर द्वारा आज एक बार फिर अपना सिंगल ट्रैक जान तेरी लांच किया गया। बलजिंदर सिद्धू द्वारा गाये गए गीत जान तेरी के गीत रॉकी कल्याण ने लिखे हैं और इसका संगीत आर गुरु ने दिया है । जिसे वीडियो के रूप में विजय कुमार ने निर्देशित किया है। इसमें पंचकूला के नवोदित कलाकार राम ने अभिनय किया है । उनके साथ बतौर मॉडल पिंकी और ज्योति सैनी ने शानदार अभिनय किया है । आज एक पत्रकार सम्मेलन में इस सिंगल ट्रैक को प्रसिद्ध मॉडल एवं मिसेज चंडीगढ़ रही शालू आरके गुप्ता ने रिलीज किया । उन्होंने इस अवसर पर ट्रैक में अभिनय करने वाले कलाकारों और इसके निर्देशक विजय कुमार को अपनी ओर से बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से विजय कुमार नए नए कलाकारों को अभिनय का अवसर दे रहे हैं यह एक अच्छी शुरुआत है । उन्होंने कलाकारों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें भी बधाई दी।

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राहगिरी के कार्यक्रम में प्रशासन ने लोगो को स्वस्थ्य और प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया

राहगिरी के कार्यक्रम में प्रशासन ने लोगो को स्वस्थ्य और प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया

पंचकुला, 24 नवम्बर-     यवनिका पार्क मे लोगों को सेहत के प्रति सचेत व जागरूक करने के उद्देश्य से राहगिरी कार्यक्रम रविवार को सुबह 7 बजे सैक्टर-5 स्थित यवनिका पार्क मे प्रशासन और पुलिस द्वारा  आयोजित किया गया। राहगिरी कार्यक्रम मे हर आयु के महिला, पुरूष और बच्चों ने भाग लिया। खेल गतिविधीयों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम मे भी स्कूली बच्चों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा जनता को तनाव मुक्त माहौल मे आनंद लेने की प्रेरणा दी। 

राहगिरी के कार्यक्रम में प्रशासन ने लोगो को स्वस्थ्य और प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया

राहगिरी कार्यक्रम में योग परिषद के चेयरमैन डाॅ0 जयदीप आर्य ने भाग ले रहे सभी भागीदारों को योग करवाया व नये-नये आसनो के बारे मे बताया। डाॅ0 हरिशचन्द्र रजिस्टार, प्रेम कुमार आहूजा पतंाजली योग समिति के प्रभारी ने भी कार्यक्रम का आंनद लिया। मंच संचालक जय भगवान कंबोज ने अपनी कला से आये हुए दशको का अभिवादन कर सबका मनमोह लिया।

राहगिरी के कार्यक्रम में प्रशासन ने लोगो को स्वस्थ्य और प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया

पंचकूला की जनता के लिये रविवार की सुबह का सूर्य योगाभ्यास व मधुर ध्वनि के बीच एरोबिक्स करते हुए उदय हुआ तथा उसके बाद जुम्बा, मार्शल आर्ट, पेन्टिंग तथा बच्चों की मौज-मस्ती के लिये डांस, ग्रुप सोंग, कोमेडी, स्कैटिंग व साईक्लिंग का आयोजन भी किया गया। राहगिरी कार्यक्रम मे ब्लड टेस्ट, शुगर टेस्ट और स्वास्थ संबंधी जांच शिविर भी लगाए जायेगे। राजकीय महिला वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सैक्टर-15, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सैक्टर-7, सीएलडीएवी स्कूल, मोतीराम पब्लिक स्कूल, स्काईबड स्कूल, आशियाना स्कूल के बच्चों ने अपने- अपने कार्यक्रमो की प्रस्तुति दी। 

एसडीएम सुशील कुमार ने राहगिरी मे आये हूए बच्चों व युवाओं से  जो लोग सोते रह जाते है, उनको भी जगाकर राहगिरी मे अपने साथ लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कोशिश रहेगी अगला कार्यक्रम इससे भी बड़ा और अच्छा हो। एसीपी सतीश कुमार ने राहगिरी में  भाग ले रहे सभी बच्चो के सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना की और इसका आंनद लिया। उन्होंने लोगो से सुबह योगा और सैर करने की अपील की,जिससे सबका स्वास्थ्य निरोग और तदूंरूस्त रहे।

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Bhavik Jindal won the bronze medal at Stepping Stones Open Inter School Taekwondo Championship 2019.

News 7 World Exclusive:

Chandigarh:23rd November, 2019

Bhavik Jindal won the bronze medal at Stepping Stones Open Inter School Taekwondo Championship 2019.

Bhavik Jindal of St. Soldier’s School, Panchkula won Bronze Medal in 6th Stepping Stones Open Inter School Taekwondo 🥋 Championship 2019 held at Stepping Stones School, Sector-38, Chandigarh on 23rd November, 2019.

He has won 24 Medals in various competitions till now.

Bhavik Jindal won the bronze medal at Stepping Stones Open Inter School Taekwondo Championship 2019.

He is 6 years old and studying in class I.

Bhavik is learning Taekwondo from Mr Satinder Singh of Onyx Taekwondo Academy, Panchkula.

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कल 25 नवंबर को प्रात: 10 बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला सोनीपत में कंडम सामान की नीलामी की जाएगी।

सिरसा, 24 नवंबर।


   कल 25 नवंबर को प्रात: 10 बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला सोनीपत में कंडम सामान की नीलामी की जाएगी।

कल 25 नवंबर को प्रात: 10 बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला सोनीपत में कंडम सामान की नीलामी की जाएगी।


           

 यह जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कंडम सामान में यूपीएस, प्रिंटर व अन्य सामग्री शामिल है। उन्होंने बताया कि नीलामी के नियम व शर्तें मौके पर ही बताई जाएगी। 

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विद्यालय शिक्षा में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर कार्यशाला आयोजित

सिरसा, 23 नवंबर।

विद्यालय शिक्षा में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर कार्यशाला आयोजित


              उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि ज्ञान व्यक्ति की असली ताकत होती है और पुस्कालय ज्ञान अर्जन का सबसे बढिया माध्यम है। किताबें व्यक्ति के जीवन में अंधविश्वास व भ्रांतियों को दूर करती है तथा व्यक्ति का बौद्धिक विकास करती है।


                  वे शनिवार को स्थानीय पंचायत भवन में शिक्षा विभाग व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डिंग द्वारा विद्यालय शिक्षा में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान ने की। कार्यशाला में जिला परियोजना समन्वयक पवन सुथार, खंड शिक्षा अधिकारी बुटाराम, जसपाल सिंह सहित विभिन्न विद्यालयों के पुस्तकालय प्रभारी, बीआरपी, एबीआरसी व डिंग डाईट के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

विद्यालय शिक्षा में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर कार्यशाला आयोजित


उपायुक्त ने कहा कि किताबों से हमें पता चलता है कि दुनिया में भिन्न-भिन्न संस्कृतियां है लेकिन भावनाएं एक जैसी होती है। किताबें व्यक्ति के मस्तिष्क में ज्ञान का सृजन करती है, हमारे सवालों के सभी जवाब किताबों में मिलते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं होता, शिक्षा विद्यार्थी के सर्वांंगिण विकास, बेहतर समाज के निर्माण का एक औजार होती है। विद्यार्थियों की कामयाबी में सबसे बड़ी भूमिका एक अध्यापक की होती है। अध्यापक भविष्य के समाज का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक के पेशे की खास बात यह है कि इससे समाज बनता, समाज में परिवर्तन आता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के दिमाग में पैदा हो रहे सवालों को दबाए नहीं बल्कि उन्हें पैदा होने दें और उनका समाधान करें। इससे विद्यार्थियों में प्रश्र पूछने की झिझक खत्म होगी और उनका ज्ञान वर्धन होगा। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय अथाह ज्ञान का भंडार होते हैं, पुस्तकें व्यक्ति की जिज्ञासाओं को शांत करती है। इसलिए विद्यालयों के पुस्तकालयों में विविध प्रकार के इतिहास, महापुरुषों, ज्ञान, नवीनतम सूचनाओं, सेवाओं से संबंधित उपलब्ध करवाएं ताकि छात्र-छात्राओं को हर प्रकार की जानकारियां मिले और उनका ज्ञान वर्धन हो। उन्होंने कहा कि महासावित्री बाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए बड़े प्रयास किए, आज उन्ही के प्रयासों की बतौदल महिलाओं की शिक्षा का स्वपन साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि कई बार अध्यापक अपने काम के महत्व को कम आंकते हैं, जोकि गलत है। विद्यार्थी अपना अधिकतर समय अपनी कक्षा में ही गुजारते हैं, इसलिए अध्यापक की जिम्मेवारी भी अभिभावक जैसी ही होती है।  


                  कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान ने उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि जिला में गत 14 से 21 नवंबर तक पुस्तकालय सप्ताह मनाया गया था। इस दौरान विद्यार्थियों को पुस्तकालय में शिक्षाप्रद कविता, कहानियां व विद्वानों की जीवनियों के बारे में बताया गया। उन्होंने विद्यालय में पुस्तकालय के महत्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।


इस अवसर पर डा. अमित देवगुण ने समग्र शिक्षा, पुस्तकालय को आगे बढाने के लिए उठाए जाने वाले कदम तथा पुस्तकालयों में साहित्य का सृजन आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय प्रबंधन समिति का गठन किया जाए तथा उस समिति में कम से कम 6 सक्रिय विद्यार्थियों को भी शामिल करें। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा समय-समय पर पुस्तक मेलों का भी आयोजन किया जाता है तथा इन पुस्तक मेलों में विभिन्न लेखकों की अच्छी किताबें भी मुहैया करवाई जाती है ताकि विद्यार्थियों को हर प्रकार की जानकारी मिल सके।


                  विषय विशेषज्ञ चंद्र प्रकार ने कार्यशाला ने कार्यशाला में विद्यार्थियों में पढने की आदत को बढाने, शब्दों के ज्ञान में वृद्धि, मोटिवेशन, सहयोग आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी का सबसे बड़ा उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना है। कक्षा की किताबों में सीमित ज्ञान होता है और पुस्तकालय ज्ञान का अपार भंडार होते हैं, इसलिए विद्यार्थियों को पुस्तकालयों में लाएं। विद्यार्थियों के लिए एक अलग रिडिंग कॉर्नन बनाए जहां वे पुस्तकें पढने के साथ-साथ उन मद्दों पर चर्चा भी कर सकें। उन्होंने कहा कि आज स्कूलों में सभी सुविधाएं है, अब आवश्यकता है तो केवल विद्यार्थियों को विजन देने की। उन्होंने कहा कि बच्चे कल्पनाशील बनें, यह केवल किताबों के माध्यम से ही संभव है।


                  इस अवसर पर नोडल ऑफिसर डा. गार्गी मुंजाल ने प्लास्टिक से महिलाओं में बांझपन एवं पर्यावरण पर पड़ रहे दुषप्रभाव आदि विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर एलीमेंट्री हेड ओम प्रकाश, आरती, अध्यापक चिरंजीलाल, रशपाल सिंह, संदीप कुमार, कुलदीप सिंह, मुल्क सिंह, कृष्ण कायत ने पुस्तकालयों के महत्व पर प्रकाश डाला और अपने अनुभव सांंझा किए। उन्होंने पुस्तकालय का विद्यार्थियों पर प्रभाव, स्कूलों में पुस्तकालय क्लब का गठन, बाल सभा में कविता वाचन, शब्द ज्ञान, किताबें चुनने में विद्यार्थियों की मदद, बच्चों की शिक्षा में रूचि पैदा करना आदि बिंदुओं पर अपने अनुभव सांझा किए। जिला परियोजना समन्वयक पवन सुथान ने कार्यशाला में आए सभी व्यक्तियों का धन्यवाद किया। कार्यशाला में अध्यापक परामानंद शास्त्री ने कुशल मंच संचालन किया। 

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Seminar on Academic writings concluded at PU

Chandigarh November 22, 2019

Seminar on Academic writings concluded at PU


On the concluding day of Two days seminar cum workshop on “Academic writings: addressing the contemporary challenges” organized by department of Education, Panjab University, Chandigarh, Prof. S. Srinivas Rao from Jawaharlal University, Delhi addressed  “Academic Integrity as Essential Element in Academic Publications, here today.

Dr. Rao linked the role of society in ensuring academic integrity. He was critical for the role of teachers and supervisors in inculcating moral and ethical values in their students to ensure academic integrity. He further suggested “Double Blind Process” in order to curb the maniac of predatory journals leading to the earlier “Pay and Publish system”. He outlined five basic fundamental values in research consisting of honesty, trust, fairness, respect and responsibility.

Seminar on Academic writings concluded at PU

Prof. Manish Jain, from B. R Ambedkar University addressed ‘Nuances of quality writing and publishing in quality journals’. He shared his experiences and mentioned Prof. Avijit from JNU and expected the participants to take their position while writing a research paper and emphasised on the importance of understanding a reader so as to know
how to pitch and where to pitch?

Prof. Jayanti Dutta discussed essential steps in writing a book review as a creative exercise.

Seminar on Academic writings concluded at PU

Prof. Shobha Sinha Chairperson, Central Institute of Education, University of Delhi discussed the contents of academic writing, writing processes and concerns of author. She emphasized on reader friendly writing and cohesion in writing. She narrated stories to make context interesting.

Valedictory address was given by Prof. R.K. Kohli, Senior Ecologist and Vice Chancellor, Central University of Punjab, Bhatinda. He deliberated on the need of writing good quality research papers and what are factors which are affecting the quality of our publication.

Prof. Sanjay Kaushik, UBS, Dean, College Development Council, Panjab University, Honorary Director, NWRC, ICSSR, Panjab University in his remarks emphasised the role of academic writings in understanding the
social issues.

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जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर में 16 महाविद्यालयों के 120 छात्र-छात्राओं व काउंसलर ने लिया भाग

सिरसा, 22 नवंबर।

जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर में 16 महाविद्यालयों के 120 छात्र-छात्राओं व काउंसलर ने लिया भाग


              भारतीय रैडक्रॉस सोसायटी की जिला शाखा द्वारा आयोजित किए जा रहे जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डा. तेजा सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की।

जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर में 16 महाविद्यालयों के 120 छात्र-छात्राओं व काउंसलर ने लिया भाग


                  प्राचार्य डा. तेजा सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए रैडक्रॉस के चिन्ह, पर्यावरण, स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में रैडक्रॉस चिन्ह जरूरतमंद लोगों के प्रति एक निष्पक्ष और गैर पक्षपातपूर्ण सेवा का प्रतीक रहा है। इस चिन्ह का इस्तेमाल किसी भी दशा में किसी भी तरह के फायदे के उद्देश्य से नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस चिन्ह का प्रयोग केवल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को सहायता प्रदान करने के लिए रैडक्रॉस के स्वयंसेवियों द्वारा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने पर बल दिया तथा युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य रहने के लिए फास्ट-फूड का त्याग कर अपने भोजन में हरी सब्जियों का उपयोग अत्यधिक करें।


                  जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि इस शिविर में जिला के 16 महाविद्यालयों से आए हुए 120 छात्र/छात्राएं व काउंसलर भाग ले रहे हैं। जिला रैडक्रॉस सोसायटी सिरसा के जिला प्रशिक्षण अधिकारी  गुरमीत सिंह सैनी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण देकर डैमो के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाने हेतु एक कुशल प्राथमिक सहायक की समाज में अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल एक प्रशिक्षित कुशल प्राथमिक सहायक ही मौका पडऩे पर आपातकालीन स्थितियों में किसी रोगी/घायल व्यक्ति का जीवन बचाकर पुण्य का भागी बन सकता है जो कि अपने आप में बहुत ही बड़ी उपलब्धि है।

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हरियाणा उर्दू अकादमी की और से भारत की ‘उर्दू पत्रकारिता में ‘गैर-मुस्लिम पत्रकारों’ का योगदान’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।

हरियाणा उर्दू अकादमी की और से भारत की ‘उर्दू पत्रकारिता में ‘गैर-मुस्लिम पत्रकारों’ का योगदान’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।

पंचकूला, 22 नवंबर- हरियाणा उर्दू अकादमी की और से भारत की ‘उर्दू पत्रकारिता में ‘गैर-मुस्लिम पत्रकारों’ का योगदान’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता प्रमुख लेखक एवं वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी के.पी.सिंह ने की और मुख्य अतिथि के तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने शिरकत की।

हरियाणा उर्दू अकादमी की और से भारत की ‘उर्दू पत्रकारिता में ‘गैर-मुस्लिम पत्रकारों’ का योगदान’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।


इस अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रोफे़सर ज़ियाउर रहमान सिद्दीकी ने उर्दू पत्रकारिता में गैर मुस्लिम पत्रकारों की भूमिका के विषय में ‘हरियाणा के गैर मुस्लिम पत्रकारों का योगदान’ शीर्षक पर एक दिलचस्प शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ‘जामे जहाँ नुमा’ नामक उर्दू के पहले अख़बार के सम्पादक मुंशी सदासुख लाल थे, जिनका सम्बन्ध संयुक्त पंजाब से रहा। यह अख़बार 1822 में प्रकाशित हुआ। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र भी ऐसे पत्रकार थे कि जिन्होंने उर्दू और हिन्दी दोनों भाषाओं में समाचार पत्र जारी किए। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ही ऐसे प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले देवनागरी लिपि में उर्दू के अखबार को प्रकाशित करना शुरू किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि देश के बटवारे के समय हरियाणा की सरजमीन से 22 उर्दू के अखबार निकलते थे जिनके सम्पादक सभी हिन्दू थे। सिद्दीकी साहब ने सर छोटू राम के ‘जाट गजट’ और लाला लाजपत राय के समाचार पत्र का भी जिक्र किया। सबसे विशेष बात प्रोफे़सर ज़ियाउर रहमान सिद्दीकी ने अपने भाषण में ये कही कि हमारा फर्ज बनता है कि हम इन गुमनाम पत्रकारों पर अधिक से अधिक शोध करंे और इनकी साहित्यिक व सामाजिक सेवाओं को लोगों के सामने लाए ताकि आने वाली नस्ले इनके कारनामों एवं सेवाओं से परिचित हों सकें।

हरियाणा उर्दू अकादमी की और से भारत की ‘उर्दू पत्रकारिता में ‘गैर-मुस्लिम पत्रकारों’ का योगदान’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।


अध्यक्ष के.पी. सिंह, आई.पी.एस. ने अपने वक्तव्य में कहा कि इसमें कोई सन्देह नहीं की उर्दू के गैर मुस्लिम पत्रकारों ने उर्दू पत्रकारिता को नया मोड दिया था। इसी के साथ उन्होंने पत्रकारिता के दृष्टिकोण में इस तहजीब और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया था जिसे हम गंगा जमनी तहजीब कहते हैं। मुख्य अतिथि के रूप में धनपत सिंह, आई.ए.एस. ने कहा कि हरियाणा उर्दू अकादमी ने इस अछूते विषय पर सेमिनार कराकर पत्रकारिता को एक नई दिशा प्रदान की है। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एन.एस.परवाना ने भी उर्दू पत्रकारिता के क्षेत्र में हिन्दू पत्रकारों के योगदान पर प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय पत्रकारिता में इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। विशिष्ठ अतिथि और केन्द्रीय साहित्य अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने उर्दू और हिन्दी पत्रकारिता के सम्बन्धों को महत्वपूर्ण ढंग से उजागर किया।


इस अवसर पर अकादमी की ओर से दस वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इनमें वरिष्ठ पत्रकार एन.एस.परवाना, केदार नाथ केदार, मुकेश राजपूत, राकेश गुप्ता, महेश परमार, शशि अरोडा, मृणाल लाला, चन्द्र शेखर और सुरेन्द्र सागवान, प्रदीप शर्मा शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन अकादमी के निदेशक डाॅ. चन्द्र त्रिखा ने किया और सभी विद्वानों तथा अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया। विशिष्ठ उपस्थिति में शिखर लेखक डाॅ. अत्मजीत, बी.डी. कालिया ‘हमदम’, डाॅ. आर.पी.सेठी कमाल, एस.एल.धवन आदि शामिल थे।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए।

पंचकूला, 22 नवंबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि हमारे समाज में ऐसे घृणित तत्व भी मौजूद है जो बच्चों को उनकी मासूमियत की वजह से आसानी से शिकार बना लेते है। ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि हम जिम्मेदार समाज का निर्माण करें जोकि सजगता और सह्र्दयता तथा कानूनी प्रावधानों द्वारा असमाजिक तत्वों से बच्चों की सुरक्षा कर सके। श्री आहूजा आज यहां जिला सचिवालय के सभागार में जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक दिन की कार्यशाला के अवसर पर महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, बाल संरक्षण यूनिट, पुलिस विभाग व महिला थानों व अन्य संबंधित विभागों के स्टेक होल्डर्स को संबोधित कर रहे थे।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए।


उपायुक्त ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा का विषय समाज के लिये अत्यंत गंभीर है। अकसर देखा जाता है कि बच्चों के मामलों में विशेषकर बालिकाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों को लेकर लोग मामलों को सामाजिक तौर पर ही सुलझाने का प्रयास करते है और इसमें सामाजिक लांछन से बचने के लिये कानूनी प्रावधानों की तरफ ध्यान नहीं देते। इससे इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले घृणित व्यक्ति कड़ी सजाओं से बच जाते है और मासूम बच्चों को न्याय नहीं मिल पाता। हम सभी का कत्र्तव्य हैं कि हम सजग होकर सभी से बच्चों का ध्यान रखे ताकि इस तरह की समस्यायें न उभर सके। उन्होंने कहा कि यदि पोस्को के अंतर्गत कोई मामला आता है तो इसमें सख्ती से कानून को लागू करना चाहिए ताकि समाज में इस तरह के घृणित अपराध करने वाले अपराधी को कड़ा संदेश जाये और वह अपराध करने के बारे में सोच भी न सके।


पोस्को संशोधन अधिनियम 2019 के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह एक्ट केवल लड़कियों के यौन प्रताड़ना करने वालों पर लागू होता था। 2019 में इस एक्ट में संशोधन किया। अब यह एक्ट लड़कों व लड़कियों के लिये समान रूप से लागू किया गया है।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए।


बाल मजदूरी की रोकथाम पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी को रोकने के लिये भी सरकार ने सख्त कानून बनाये है। 14 साल से कम आयु के बच्चों को चाय की दुकानों, ढाबों, खदानों, भट्ठों और अन्य खतरनाक रोजगार में सम्मलित करना भी अपराध है। ऐसा करवाने वाले व्यक्ति पर एक लाख रुपये जुर्माना और एक साल सश्रम कारावास का प्रावधान है। छोटे बच्चों से भीख मंगवाना में चाहे उसके माता पिता ही क्यों न शामिल हो, उनको भी दोषी माना जायेगा। माता पिता होने से वे इस बाल अपराध से नहीं बच सकते। ऐसे दोषी व्यक्ति को पांच साल की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। किसी भी बच्चे को नशीली दवां, शराब व तंबाकू उत्पाद बेचना कानूनी अपराध है। दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को सात वर्ष का कठोर कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।


उन्होंने कहा कि बच्चों के संरक्षण के लिये बाल संरक्षण सेवा को बच्चों के लिये सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिये सेवाओं के समूह के रूप में तैयार किया गया है। इसमें बच्चों की देखभाल, संरक्षण तथा विकास के लिये कार्यक्रमों के अतिरिक्त वर्तमान की बाल योजनाओं का एकीकरण किया गया है ताकि संगठित रूप से बाल संरक्षण व बाल विकास की योजनायें चलाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई की तरफ से गरीब एकल व अनाथ बच्चों की पढ़ाई हेतू एक से 18 साल के बच्चों को सपोन्सरशिप व फोस्टर केयर स्कीम के तहत 2000 रुपये मासिक दिये जाते है। यह लाभ परिवार में से केवल दो बच्चों को दिया जा सकता है।


इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर रंजन शर्मा ने किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम और पोस्को के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बचपन बचाओ के राज्य कोर्डिनेटर पुनीत शर्मा, बाल कल्याण कमेटी की चेयरमैन वंदना गुप्ता, बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डाॅ प्रतिभा ने भी बैठक में स्टेक होल्डर्स के प्रश्नों का विस्तारपूर्वक उत्तर दिया।

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