उप-मुख्यमंत्री बन पहली बार गांव पहुंचे दुष्यंत, ग्रामीणों को आई ताऊ की याद
चौटाला/सिरसा-8 दिसंबर।
ग्रामीण बोले-दुष्यंत चल रहा है अपने परदादा की राह पर


जब-जब चौ. देवीलाल परिवार का सदस्य देश-प्रदेश की सियासत में चमका-तब-तब वह पैतृक गांव चौटाला में पहुंच कर इस धरा को नमन करने पहुंचा। उन्होंने हमेशा अपने गांव को याद रखा और गांव वासियों के साथ मिलकर आगे बढ़ते रहे। दुष्यंत चौटाला ने भी अपने पड़दादा स्व. देवीलाल द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए परम्परा को बढ़ाया है। हमें गर्व है कि गांव चौटाला के इस युवा लाडले को सबसे कम उम्र में उप-मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा की सेवा करने का मौका मिला है। यह कहना है गांव चौटाला के बुर्जूगों का। जननायक स्व. देवीलाल के जमाने को याद करते हुए चौटाला वासी हनुमान ने बताया कि देवीलाल जब भी आते थे पूरे गांव के लोग उनके सम्मान में उनसे मिलने पहुंचते थे। उन्होंने गांव के मध्य आयोजन स्थल के साथ वाली गली की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां पीछे ही एक मकान है जहां कमरे में बैठकर चौ. देवीलाल बैठ कर गांव वासियों का दुख-दर्द सुनते थे। वे हर किसी की सुनते थे और हर कोई उसने मिलने आता था।

बेशक दुष्यंत उम्र में छोटा हो, पर सियासत में काम करेगा मोटा
बेशक आज जमाना बदल गया है पहले जैसा कुछ नहीं रहा पर आज गांव वालों ेन दुष्यंत के लिए जो अभिनंदन समारोह किया जा रहा है उसे देख कर हमे ताऊ के जमाने की याद दिला दी है। करीब डेढ़ दशक के बाद गांव में दीपावली जैसा त्यौहार मनाने का मौका आया है। गांव के पिरथी सिंह ने बताया कि 2004 तक जब चौ. ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब चौटाला गांव में बहुत से सरकारी, सांस्कृतिक व खेलों के कार्यक्रम होते थे, लाल बत्ती की गाडिय़ां गांव की सड़कों पर खूब दौड़ती थी। 15 सालों के बाद अब फिर से वो दिन देखा है जब गांव की गलियों में वही लाल-नीली बत्ती वाली गाडिय़ों का काफिला सायरन बजाता हुआ घूम रहा हॅ, गर्व है हमे हमार लाल दुष्यंत पर। गांववासी गौरीशंकर व रामसिंह ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि दुष्यंत बेशक उम्र में अन्य सियासतदानों के मुकाबले में छोटा है, पर प्रदेश की सियासत को यौ म्हारा छौरा नई उचाईयां देगा।
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