मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में किया शुभारंभ
26 खेलों में प्रदेश के कुल 15,410 खिलाड़ी लेंगे भाग
खेल महाकुंभ केवल आयोजन नहीं, बल्कि युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच – मुख्यमंत्री
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पंचकूला, 2 अगस्त — हरियाणा में आज खेल भावना और युवा ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में छठे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कबड्डी मैच की शुरुआत कर खेल महाकुंभ का विधिवत शुभारंभ किया और प्रतिभागी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस वर्ष के खेल महाकुंभ में प्रदेश के 15,410 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो कुल 26 विभिन्न खेलों प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह खेल महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह युवाओं के सपनों को उड़ान देने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर पहचान मिलती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुम्भ की शुरुआत हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष 2017 में की गई थी। तब से अब तक पांच खेल महाकुम्भों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है।
2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा अधिक से अधिक पदक लाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इन खेलों की मेज़बानी भारत में करवाने का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस दिशा में हरियाणा पहले ही सक्रियता से कार्य कर रहा है और व्यापक स्तर पर तैयारियाँ शुरू कर चुका है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ी देश के लिए सर्वाधिक पदक जीतकर भारत को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर गांव एक ऐसा खिलाड़ी तैयार करे, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का तिरंगा फहराए। इसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में ‘खेल महाकुंभ’ का आयोजन एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हमारा दीर्घकालिक उद्देश्य केवल हरियाणा को भारत की खेल राजधानी बनाना नहीं, बल्कि उसे विश्व की खेल राजधानी के रूप में स्थापित करना है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल महाकुंभ के अलावा, प्रदेश में साल भर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए खेल कैलेण्डर भी तैयार किया जाता है। इस वर्ष के कैलेण्डर के अनुसार इस खेल महाकुम्भ के अलावा, राज्यस्तरीय अखाड़ा दंगल, मुक्केबाजी, वॉलीवाल, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, तैराकी, बास्केटबॉल, ताइक्वांडो, जिम्नास्टिक्स, हैंडबॉल इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले हमने हरियाणा में खेलों के लिए हर बच्चे को खेल से जोडने, हर गांव में खेल का मैदान बनाने और युवाओं को अवसर देने का विजन लिया था।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज हरियाणा को ‘खेलों की नर्सरी’ कहा जाता है। हमें खिलाड़ियों पर गर्व है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। चाहे वे ओलंपिक खेल हों, एशियाई खेल हों या राष्ट्रमंडल खेल हों, हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर मोर्चे पर तिरंगे को ऊंचा फहराया है। खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में देश द्वारा जीते गये 6 पदकों में से 5 पदक जीते। इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत द्वारा जीते गए 7 पदकों में से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हासिल किए। यही नहीं, एशियाई खेलों में भी हमारा प्रदर्शन बड़ा ही सराहनीय रहा है। हांग्जो एशियाई खेल-2022 में, राज्य के 82 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें देश के 111 पदकों में से 28 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। राष्ट्रमंडल खेलों में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 के दौरान हरियाणा के खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते। ये उपलब्धियां हमारी दूरदर्शी खेल नीतियों का परिणाम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खेल महाकुम्भ युवाओं की प्रतिभा को आगे बढ़ाने का माध्यम है। इसका उद्देश्य हर उस युवा को मंच प्रदान करना है, जो खेल में अपना भविष्य देखता है। बचपन से ही खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में खेल नर्सरियां खोली हुई हैं। इनमें उन्हें वित्तीय सहायता व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस समय प्रदेश में 1489 खेल नर्सरियां कार्यरत हैं। इनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन नर्सरियों में नामांकित 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 वर्ष की आय आयु के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रति माह दिये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ बनाये हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाये गये। सरकार ने 224 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी है। खिलाड़ियों के लिए क्लास-वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सबसे अधिक नकद पुरस्कार देता है। अब तक खिलाड़ियों को 593 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए हैं। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 298 खिलाड़ियों को मानदेय भी दिया जा रहा है। राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले तथा पदक जीतने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014 से अब तक 29 हजार से अधिक छात्रों को 53 करोड़ 45 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। खिलाडियों को खेल उपकरण भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए हरियाणा खेल उपकरण प्रावधान योजना बनाई है। इसके तहत 15,634 खिलाड़ियों को उपकरण प्रदान किये जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बचपन से ही खेलों के लिए प्रोत्साहन व प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। राज्य में मजबूत खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है ताकि खिलाड़ियों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकें। इस खेल महाकुम्भ के माध्यम से हम स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति भी जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं। निरंतर फिटनेस पर ध्यान देना उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ हरियाणा में खेलों के एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह युवाओं को प्रेरणा देगा, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हरियाणा को खेलों की दुनिया में एक नई पहचान दिलाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।
हरियाणा खेलों का सिरमौर, खेल महाकुंभ के ज़रिए युवाओं को मिल रही नई ऊर्जा और पहचान – राज्य मंत्री गौरव गौतम
खेल तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि इस खेल महाकुंभ में प्रदेशभर से 15 हजार से अधिक खिलाड़ी 26 खेल विधाओं में भाग लेंगे, जो ‘खेलो इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों से भी बड़ी भागीदारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का युवाओं की ओर से अभिनंदन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हरियाणा सरकार खेलों को गाँव और ज़िला स्तर तक ले जाकर प्रतिभाओं को तराशने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांव स्तर पर खेल नर्सरियाँ खोलकर ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रही है। केंद्र सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविधा देकर खेल की प्रतिभा को निखारने का काम कर रही है। वहीं हरियाणा सरकार मिशन ओलंपिक विजय भव: के माध्यम से खिलाड़ियों को तराशने का काम कर रही है ताकि 2036 में हरियाणा के खिलाड़ी अधिक से अधिक मेडल लेकर आएं। ओलंपिक 2036 को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइंस और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग सुविधाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज खेलों में हरियाणा देश का सिरमौर बन चुका है। भारत की आबादी का लगभग 2 प्रतिशत वाला हरियाणा के खिलाड़ियों का 60 प्रतिशत से ज्यादा मैडल पर कब्जा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पूरी दुनिया में खेलों के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन पॉलिसी के तहत पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी देने का काम राज्य सरकार कर रही है।
खेल राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में खेलों पर केवल 33 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि वर्तमान सरकार वर्ष 2014 से 2024 तक 600 करोड़ रुपये खिलाड़ियों और खेलों पर खर्च कर चुकी है। हरियाणा के खिलाड़ियों की ऊर्जा, मेहनत और नायाब खेल नीति की बदौलत खिलाड़ियों ने प्रदेश व देश का नाम विश्व मंच पर रोशन किया है।
इस अवसर पर सांसद श्री कार्तिकेय शर्मा, कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल, प्रदेश की बीजेपी उपाध्यक्ष बतो कटारिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, खेल विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क, निदेशक श्री संजीव वर्मा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बबीता फौगाट और दीपक हुड्डा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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